PMC बैंक के बाद RBI ने की लक्ष्मी विलास बैंक पर कार्रवाई, नई ब्रांच खोलने व कर्ज देने पर रोक सहित कई पांबदियां
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 29, 2019 06:49 IST2019-09-29T06:49:06+5:302019-09-29T06:49:06+5:30
रिजर्व बैंक के त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई से इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस का लक्ष्मी विलास बैंक में प्रस्तावित विलय अधर में अटक गया है.

PMC बैंक के बाद RBI ने की लक्ष्मी विलास बैंक पर कार्रवाई, नई ब्रांच खोलने व कर्ज देने पर रोक सहित कई पांबदियां
रिजर्व बैंक ने निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक की कमजोर वित्तीय स्थिति के मद्देनजर उसके खिलाफ त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) व्यवस्था के तहत कर्ज आदि देने संबंधी कई पाबंदियां लगा दी हैं.
केंद्रीय बैंक ने इस बैंक के अवरुद्ध कर्जों के उच्च स्तर, जोखिम से बचाव के लिए पर्याप्त पूंजी के अभाव तथा लगातार दो वर्षों से संपत्तियों पर नुकसान के मद्देनजर यह कदम उठाया है. पीसीए के तहत लक्ष्मी विलास बैंक पर कर्ज देने, नई शाखाएं खोलने तथा लाभांश का भुगतान करने पर रोक लग गई है.
बैंक को चुनिंदा क्षेत्रों को दिए कर्ज में कमी लाने पर भी काम करना होगा. लक्ष्मी विलास बैंक ने आज नियामक को इसकी जानकारी दी. रिजर्व बैंक ने 31 मार्च, 2019 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए जोखिम की निगरानी के तहत हुई जांच के बाद यह कार्रवाई शुरू की है. यह कार्रवाई ऐसे समय की गई है, जब दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने धोखाधड़ी तथा कोष के दुरुपयोग को लेकर लक्ष्मी विलास बैंक के निदेशक मंडल के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
रिजर्व बैंक के त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई से इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस का लक्ष्मी विलास बैंक में प्रस्तावित विलय अधर में अटक गया है. विलय को अभी रिजर्व बैंक से मंजूरी नहीं मिली है.
क्या है बैंक का हाल?
वित्त वर्ष 2018-19 में लक्ष्मी विलास बैंक का शुद्ध एनपीए 7.49 प्रतिशत, पूंजी पर्याप्तता अनुपात 7.72 प्रतिशत रहा तथा संपत्तियों पर 2.32 प्रतिशत नुकसान हुआ. बैंक को 2018-19 में 894.10 करोड़ रुपए का घाटा हुआ.
हालात सुधरने का भरोसा दिलाया
लक्ष्मी विलास बैंक ने कहा कि रिजर्व बैंक की कार्रवाई से उसका प्रदर्शन बेहतर होगा तथा सामान्य तौर पर जमा स्वीकार करने या पुनर्भुगतान समेत उसके दैनिक परिचालन पर प्रतिकूल असर नहीं होगा.