रावत की अमरिंदर से मुलाकात, बिजली दरें कम करने को कहा
By भाषा | Updated: September 2, 2021 00:51 IST2021-09-02T00:51:43+5:302021-09-02T00:51:43+5:30

रावत की अमरिंदर से मुलाकात, बिजली दरें कम करने को कहा
कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से बिजली की दरों में कमी करके लोगों को राहत देने को कहा। बिजली दरों में कमी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की प्रमुख मांगों में से एक है। रावत ने संवाददाताओं से यह भी कहा कि निजी बिजली कंपनियों के साथ बिजली खरीद दरों पर फिर से बातचीत की जानी चाहिए और कम कीमतों का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाना चाहिए। रावत कांग्रेस में पंजाब मामलों के प्रभारी हैं। वह अमरिंदर सिंह और सिद्धू गुटों के बीच जारी खींचतान के बीच मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंचे थे। रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री सिंह से मोहाली स्थित उनके आवास पर मुलाकात की। बैठक करीब तीन घंटे तक चली। बैठक में महाधिवक्ता और डीजीपी भी मौजूद थे। बैठक के बाद रावत ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि राज्य सरकार को बिजली उपभोक्ताओं को कुछ राहत देनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल हम सरकार में हैं और बिजली उपभोक्ताओं को कुछ राहत देनी चाहिए।’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि पंजाब सरकार जल्द ही सामान्य वर्ग के बिजली उपभोक्ताओं को कुछ राहत देगी।उन्होंने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि पंजाब सरकार जल्द ही सामान्य वर्ग के बिजली उपभोक्ताओं को कुछ राहत देगी।’’ उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में अनुसूचित जाति एवं अन्य श्रेणियों को 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया और कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी भी यह चाहती है। फिलहाल हम सरकार में हैं और हमें बिजली उपभोक्ताओं को कुछ राहत देनी चाहिए।’’बिजली खरीद समझौतों का जिक्र करते हुए रावत ने कहा कि सरकार लोगों को कम दरों पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।उन्होंने राज्य के लोगों पर "दोषपूर्ण" पीपीए (बिजली खरीद समझौता) थोपने के लिए पिछली शिअद-भाजपा (शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी) सरकार को दोषी ठहराया।रावत ने कहा, ‘‘मैंने कहा था कि कंपनियों को स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए कि उन्हें आकर दरों पर फिर से बातचीत करनी चाहिए।’’ रावत ने अमरिंदर सिंह से पार्टी आलाकमान द्वारा दिए गए 18 सूत्री कार्यक्रम की प्रगति की भी जानकारी ली। 2015 की बेअदबी की घटनाओं में कार्रवाई के मुद्दे पर, रावत ने कहा कि यह ‘‘अत्यधिक संवेदनशील’’ है और उन्होंने मुख्यमंत्री से मामले में कानूनी रूप से संभव कार्रवाई करने का आग्रह किया। हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही इसमें ‘‘काफी कार्रवाई’’ शुरू कर चुकी है।केंद्रीय कृषि कानूनों पर, रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें सूचित किया कि केंद्रीय कृषि कानूनों को ‘‘नकारने’’ के लिए तीन संशोधन विधेयक पारित किए गए थे, लेकिन ये विधेयक पंजाब के राज्यपाल पास विचाराधीन हैं। रावत ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से फिर से राज्यपाल से मिलने और दबाव बनाने के लिए उचित कदम उठाने और किसानों को आश्वस्त करने का अनुरोध किया कि राज्य सरकार उनके साथ है।नशीली दवाओं के मुद्दे पर, रावत ने अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा ‘‘अनुकरणीय कार्य’’ करने के लिए प्रशंसा की।बिजली खरीद समझौते को रद्द करने के लिए पंजाब विधानसभा के आगामी एक दिवसीय सत्र को बढ़ाने की सिद्धू की मांग पर रावत ने कहा कि विधानसभा में क्या किया जाना है, इस पर मुख्यमंत्री ही चर्चा करेंगे।
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