औरंगजेब के मकबरे पर अकबरुद्दीन ओवैसी के जाने से मचे बवाल में कूदी रवीना टंडन, बोलीं- 'आजाद देश है सभी को पूजा का समान हक है'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: May 16, 2022 15:59 IST2022-05-16T15:50:23+5:302022-05-16T15:59:07+5:30
अकबरुद्दीन ओवैसी द्वारा औरंगाबाद में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र पर जाने और फूल चढ़ाने पर उठे विवाद में ओवैसी का साथ देते हुए कहा कि हमारे स्वतंत्र देश में हर किसी को अपनी सोच और मान्यता के साथ रहने की आजादी है।

औरंगजेब के मकबरे पर अकबरुद्दीन ओवैसी के जाने से मचे बवाल में कूदी रवीना टंडन, बोलीं- 'आजाद देश है सभी को पूजा का समान हक है'
मुंबई: फिल्म अभिनेत्री रवीना टंडन ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के वरिष्ठ नेता अकबरुद्दीन ओवैसी द्वारा औरंगाबाद में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र पर जाने और फूल चढ़ाने पर उठे विवाद में ओवैसी का साथ देते हुए कहा कि हमारे स्वतंत्र देश में हर किसी को अपनी सोच और मान्यता के साथ रहने की आजादी है।
अभिनेत्री ने इस मामले में लेखक आनंद रंगनाथन के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा था, 'हम सहिष्णु हैं, थे और रहेंगे। यह एक आजाद देश है यहां कोई भी किसी को भी पूजा जा सकता है। यहां सभी को समान अधिकार हैं।'
We are a tolerant race, have been , will be , and remain so. 🙏🏻. This is a free country. Worship anyone , if you have to.there have to be equal rights for all. https://t.co/6d0cCcgtoV
— Raveena Tandon (@TandonRaveena) May 14, 2022
अपने अगले ट्वीट में रवीना ने लिखा- 'कुछ समय पहले, मेरी मातृभूमि को "असहिष्णु" करार देना एक फैशन बन गया था। यह सिर्फ साबित करता है कि हम कितने सहिष्णु हैं और हम कितना सह सकते हैं, यह एक उदाहरण है, आखिर असहिष्णुता कहां है?'
For some time, it had become a fashion to label my motherland “INTOLERANT” . This just proves how Tolerant WE are . And HOW much we can absorb. This is an example. So where is the intolerance ? https://t.co/RZZmq2sZK1
— Raveena Tandon (@TandonRaveena) May 14, 2022
मालूम हो कि रवीन टंडन इससे पहले भी सांप्रदायिक मामलों पर खुल कर बोलती रही है। लेकिन राजनीति में शामिल होने से परहेज करती रही हैं। साल 2018 में रवीना टंडन ने राजनीति की तुलना कुदाल से करते हुए कहा था कि वह इसलिए राजनीति में नहीं गईं क्योंकि “कुदाल हमेशा कुदाल ही रहती हैं।”
वहीं अकबरुद्दीन ओवैसी की बात करें तो हैदराबाद के नेता, जो अपने विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते हैं, बीते दिनों महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित औरंगजेब की कब्र पर गये थे और वहां उन्होंने बाकायदा फूल चढ़ाकर औरंगजेब को श्रद्धांजलि दी थी। उसके बाद से इस मामले ने महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल ला दिया था।
एनसीपी और कांग्रेस के साथ सत्ता साझा कर रही शिवसेना ने ओवैसी को चेतावनी दी थी कि अगर उनके किसी भी कृत्य से औरंगाबाग की शांति-व्यवस्था भंग होती है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शिवसेना के साथ-साथ मनसे और भाजपा भी ओवैसी द्वारा औरंगजेब के कब्र पर जाने को लेकर हमलावर हैं।
वहीं अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने तो इस मामले में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को घेरते हुए कहा था कि बड़े ही शर्म की बात है कि ठाकरे के शासनकाल में कोई बाहर से आता है और औरंगजेब की कब्र पर फूल चढ़ाकर चला जाता है। इस मामले में उद्धव ठाकरे को कड़ा एक्शन लेना चाहिए था लेकिन वो अपनी सरकार को बचाने के लिए खामोश हैं।