यूपी CM योगी ने की दुर्लभ कार्रवाई, पहली बार गौ-संरक्षण में लापरवाही पर DM समेत पांच अधिकारियों को निलम्बित

By भाषा | Updated: October 14, 2019 17:57 IST2019-10-14T17:56:12+5:302019-10-14T17:57:28+5:30

लापरवाही बरतने वाले महराजगंज के जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय, गो-सदन के नामित सदस्य एवं निचलौल तहसील के तत्कालीन उप जिलाधिकारी देवेन्द्र कुमार तथा वर्तमान उप जिलाधिकारी सत्यम मिश्रा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजीव उपाध्याय तथा निचलौल के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर वी.के. मौर्य को मुख्यमंत्री के आदेश पर निलम्बित कर दिया गया है।

Rare action in UP, for the first time, CM suspended five officers including DM for negligence in cow protection | यूपी CM योगी ने की दुर्लभ कार्रवाई, पहली बार गौ-संरक्षण में लापरवाही पर DM समेत पांच अधिकारियों को निलम्बित

मुख्य सचिव ने कहा कि जांच में आरोपी अधिकारी संतोषजनक जवाब भी नहीं दे पाए।

Highlightsशिकायतों की जांच के लिए शासन ने गोरखपुर मंडल के अपर आयुक्त (प्रशासनिक) की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी।जांच में गोवंशीय पशुओं की संख्या में काफी भिन्नताएं पायी गयीं।

उत्तर प्रदेश में अपनी तरह की दुर्लभ कार्रवाई के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौ-संरक्षण में लापरवाही बरतने के आरोप में सोमवार को महराजगंज के जिलाधिकारी समेत पांच अधिकारियों को निलम्बित कर दिया।

मुख्य सचिव आर.के. तिवारी ने बताया कि गौ-संरक्षण में लापरवाही बरतने वाले महराजगंज के जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय, गो-सदन के नामित सदस्य एवं निचलौल तहसील के तत्कालीन उप जिलाधिकारी देवेन्द्र कुमार तथा वर्तमान उप जिलाधिकारी सत्यम मिश्रा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजीव उपाध्याय तथा निचलौल के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर वी.के. मौर्य को मुख्यमंत्री के आदेश पर निलम्बित कर दिया गया है।

तिवारी ने बताया कि महराजगंज जिले की निचलौल तहसील स्थित मधवलिया गो-सदन में निराश्रित गोवंशीय पशुओं के रखरखाव में लापरवाही की लगातार मिल रही शिकायतों की जांच के लिए शासन ने गोरखपुर मंडल के अपर आयुक्त (प्रशासनिक) की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी। जांच में गोवंशीय पशुओं की संख्या में काफी भिन्नताएं पायी गयीं।

उन्होंने बताया कि सरकारी कागजात में जिले में कुल 2500 गोवंशीय जानवर मौजूद होने की बात कही गई थी, लेकिन मौके पर 954 पशु ही पाये गये। इसके अलावा गो-सदन की 500 एकड़ जमीन में से अधिकारियों द्वारा गैरकानूनी तरीके से 328 एकड़ भूमि किसानों, फर्म एवं अन्य व्यक्तियों को दिये जाने की बात भी सामने आयी।

मुख्य सचिव ने कहा कि जांच में आरोपी अधिकारी संतोषजनक जवाब भी नहीं दे पाए। जांच में पाया गया कि चारे एवं जानवरों के रखरखाव के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग करने के लिए जानबूझकर गोवंशीय पशुओं की संख्या ज्यादा दिखायी गयी थी। 

Web Title: Rare action in UP, for the first time, CM suspended five officers including DM for negligence in cow protection

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