लालू प्रसाद यादव जेल मैनुअल उल्लंघनः झारखंड हाईकोर्ट सख्त, रिम्स प्रबंधन को फटकार, दो बार आदेश के बाद भी रिपोर्ट क्यों नहीं दी गई?
By एस पी सिन्हा | Updated: February 5, 2021 16:25 IST2021-02-05T16:24:26+5:302021-02-05T16:25:42+5:30
लालू प्रसाद यादव के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में जवाब दायर नहीं करने पर हाईकोर्ट ने रिम्स प्रबंधन पर नाराजगी जताई.

अदालत में सरकार की ओर से बंदियों के जेल से बाहर इलाज व सुरक्षा के मामले में अदालत में एसओपी प्रस्तुत की गई. (file photo)
रांचीः संयुक्त बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे राजद प्रमुख व संयुक्त बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के जेल मैनुअल उल्लंघन के मामले में आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान लालू प्रसाद यादव के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में जवाब दायर नहीं करने पर हाईकोर्ट ने रिम्स प्रबंधन पर नाराजगी जताई.
मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह ने पूछा कि क्यों जवाब दायर नहीं किया गया? रिम्स निदेशक से इसके लिए शो कॉज किया गया. अदालत ने रिम्स निदेशक से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए पूछा कि दो बार आदेश के बाद भी अदालत को रिपोर्ट क्यों नहीं दी गई?
मामले की अब अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी
बताया जाता है कि जवाब दायर करने के लिए अदालत ने समय प्रदान किया. इस मामले की अब अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी. अदालत में सरकार की ओर से बंदियों के जेल से बाहर इलाज व सुरक्षा के मामले में अदालत में एसओपी प्रस्तुत की गई. गृह विभाग की औपबंधिक मंजूरी के साथ एसओपी अदालत में प्रस्तुत की गई. जिसमें सरकार की तरफ से कहा गया कि एसओपी को प्रोविजनल मंजूरी गृह विभाग के द्वारा दे दी गई है. इसके अलावा अदालत ने लालू यादव की मेडिकल रिपोर्ट भी देने का निर्देश दिया था.
लालू यादव दिल्ली एम्स में इलाजरत हैं
लेकिन रिम्स से लालू प्रसाद यादव की मेडिकल रिपोर्ट इस बार भी नहीं दी गई. फिलहाल, लालू यादव दिल्ली एम्स में इलाजरत हैं और अब उनके तबियत में भी तेजी से सुधार आने की खबर है. अदालत ने कहा कि लालू को बेहतर इलाज के लिए शिफ्ट किया गया है. ऐसा क्यों किया गया है? मेडिकल रिपोर्ट से ही पता चलेगा.
अदालत ने रिम्स निदेशक को अंतिम मौका देते हुए लालू की रिपोर्ट मांगी है. यहां बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने जेल में कैदियों को मिलने वाली सुविधा को लेकर जेल आईजी को गृह सचिव से अनुमोदन के साथ संशोधित एसओपी सौंपने का निर्देश दिया था. आज अदालत को एसओपी सौंप दी गई. कारा महानिरीक्षक ने बताया कि जेल मैनुअल में जेल से बाहर कैदियों के इलाज के दौरान मिलने वाली सुविधा और सुरक्षा को लेकर कोई जिक्र नहीं है.
एससोपी बनाई जा रही है और उसे गृह विभाग को मंजूरी के लिए भेजा गया
इसलिए राज्य सरकार की ओर से एक एससोपी बनाई जा रही है और उसे गृह विभाग को मंजूरी के लिए भेजा गया है. झारखंड हाईकोर्ट ने लालू के जेल उल्लंघन मामले में संज्ञान लेते हुए कारा महानिरीक्षक से रिपोर्ट तलब की थी. उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद यादव के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में अदालत टिप्पणी कर चुकी है कि सरकार व्यक्ति विशेष से नहीं चलती है. कानून से चलती है.
सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया था कि सरकार अब जेल मैनुअल में बदलाव कर रही है और तब तक एक एसओपी तैयार की जा रही है. इस पर अदालत ने सरकार को जनवरी तक जेल मैनुअल में बदलाव और अपडेट एसओपी की जानकारी मांगी थी.
इसके साथ ही जेल आइजी और रिम्स प्रबंधन से भी रिपोर्ट की मांग की गयी थी. बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद को कोरोना संक्रमण के खतरे से बचाने के लिए बिना किसी उच्च अधिकारियों से विचार-विमर्श के ही रिम्स निदेशक के केली बंगले में शिफ्ट किए जाने पर हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी.