रामपुर सीआरपीएफ कैंप हमलाः 11 साल बाद आतंक के आरोपों से बरी हुए कौसर और गुलाब, कहा- जिंदगी तहस नहस हो चुकी है

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 4, 2019 09:11 IST2019-11-04T09:11:39+5:302019-11-04T09:11:39+5:30

रामपुर के सीआरपीएफ कैंप पर 31 दिसंबर 2007 की रात को आतंकी हमला हुआ था। इसमें सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हो गए थे। शनिवार को एक स्थानीय अदालत ने इस पर फैसला सुनाया है।

Rampur CRPF camp attack: Kausar and Gulab, acquitted of terror charges after 11 years, said - life has been destroyed | रामपुर सीआरपीएफ कैंप हमलाः 11 साल बाद आतंक के आरोपों से बरी हुए कौसर और गुलाब, कहा- जिंदगी तहस नहस हो चुकी है

रामपुर सीआरपीएफ कैंप हमलाः 11 साल बाद आतंक के आरोपों से बरी हुए कौसर और गुलाब, कहा- जिंदगी तहस नहस हो चुकी है

Highlightsदोनों का कहना है कि अब असली लड़ाई 'आतंकवादी' का टैग हटाने के लिए लड़नी पड़ेगी।गिरफ्तार होने से पहले कौसर प्रतापगढ़ के कुंडा में इलेक्ट्रॉनिक की दुकान चलाते थे।

2008 के बहुचर्चित रामपुर सीआरपीएफ कैंप हमले में आरोपी मोहम्मद कौसर और गुलाब खान को बाइज्जत बरी कर दिया है। रिहा होने के बाद उनका कहना है कि कोर्ट ने दो निर्दोष करार दे दिया लेकिन अब असली लड़ाई 'आतंकवादी' का टैग हटाने के लिए लड़नी पड़ेगी। गिरफ्तार होने से पहले कौसर प्रतापगढ़ के कुंडा में इलेक्ट्रॉनिक की दुकान चलाते थे और गुलाब खान की बरेली के बहेड़ी में वेल्डिंग की दुकान थी।

रिहा होने के बाद इंडियन एक्सप्रेस ने इन दोनों से बात की। बातचीत में सामने आया इन 11 साल के दौरान परिजनों ने दुकानें बेंच दी। इसके अलावा केस लड़ने में सारी बचत भी खर्च हो गई। दोनों का कहना है कि उनकी जिंदगी तहस-नहस हो गई है और दोबारा नई शुरुआत करना आसान काम नहीं होगा।

शनिवार को रामपुर सीआरपीएफ कैम्प आतंकी हमले के मामले में 11 साल बाद जेल से रिहा हुए गुलाब खान जैसे ही घर पहुंचा तो उसके बीवी बच्चे उससे लिपटकर रोने लगे। गुलाब ने कहा कि मेरे 12 साल कोई वापस नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि जिसके ऊपर आतंकवाद का आरोप हो उसे तो जेल में भी कड़ी सुरक्षा में पुलिस कस्टडी की तरह ही रखा जाता है।

गौरतलब है कि रामपुर के सीआरपीएफ कैंप पर 31 दिसंबर 2007 की रात को आतंकी हमला हुआ था। इसमें सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हो गए थे और एक रिक्शा चालक की भी मौत हुई थी। इसके अलावा एक दरोगा, सिपाही और होमगार्ड समेत छह लोग घायल हुए थे। 

इस हमले के बाद पुलिस ने प्रतापगढ़ के मुहम्मद कौसर और बरेली के गुलाब खान को भी गिरफ्तार किया। उनपर वारदात में शामिल हथियारों को छिपाने का आरोप था। 

शनिवार को रामपुर की स्थानीय अदालत ने चार आरोपियों को मौत की सजा सुनाई जिसमें दो पाकिस्तानी नागरिक भी शामिल हैं। पांचवें आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। 11 साल चले इस मामले में सबूतों के अभाव में कोर्ट ने मोहम्मद कौसर और गुलाब खान को बरी कर दिया। 

Web Title: Rampur CRPF camp attack: Kausar and Gulab, acquitted of terror charges after 11 years, said - life has been destroyed

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