राम जेठमलानी का निधन: मुंबई बम ब्लॉस्ट के बाद दाऊद ने मदद के लिए किया था जेठमलानी को फोन
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 8, 2019 09:46 AM2019-09-08T09:46:00+5:302019-09-08T09:46:00+5:30
जुलाई 2015 में मीडिया को एक बड़ा बयान देकर राम जेठमलानी ने सभी को चौंका दिया था। उन्होंने दावा किया था कि दाऊद को भारत लाया जा सकता था, लेकिन शरद पवार की वजह से ऐसा नहीं हो सका।
जाने-माने वकील राम जेठमलानी का 95 वर्ष आयु में निधन हो गया है। उन्होंने राजधानी दिल्ली स्थित अपने आवास में आखिरी सांस ली। राम जेठमलानी के राजनीतिक और वकालती पेशे के कई किस्से चर्चित हैं। अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम ने भी मुंबई बम ब्लॉस्ट के बाद मदद के लिए राम जेठमलानी के पास फोन किया था।
जुलाई 2015 में मीडिया को एक बड़ा बयान देकर राम जेठमलानी ने सभी को चौंका दिया था। उन्होंने दावा किया था कि दाऊद को भारत लाया जा सकता था, लेकिन शरद पवार की वजह से ऐसा नहीं हो सका।
जेठमलानी ने बताया कि मुंबई बम ब्लॉस्ट के बाद उनकी बात छोटा शकील से नहीं बल्कि सीधे दाऊद इब्राहिम से हुई थी। दाऊद ने कहा था कि उसने बम ब्लास्ट नहीं करवाया है। वह भारत आ जाएगा, बशर्ते उसके साथ सही सलूक किया जाए। जेठमलानी ने दावा किया कि उस वक्त महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शरद पवार ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।
960 के दशक में मुंबई के मशहूर डॉन हाजी मस्तानके स्मगलिंग से जुड़े कई मुकदमों की राम जेठमलानी ने पैरवी की थी। जेठमलानी ने अपना पहला केस 1959 में लड़ा। यह केस केएम नानावती बनाम महाराष्ट्र सरकार का था। इस केस से उनकी ख्याति दूर-दूर तक फैल गई।
राम जेठमलानी का जन्म पाकिस्तान के शिकारपुर में 14 सितंबर 1923 को हुआ था। उनके पिता बोलचंद गुरमुख और दादा भी वकील थे। इस वजह से उनका झुकाव भी वकालत के पेशे में हुआ। पाकिस्तान बनने के बाद वो भारत आ गए और कई दिनों तक शरणार्थी कैंप में जिंदगी बिताई। लेकिन उनके कैम्पों से निकले राम जेठमलानी का शुमार भारत के सबसे महंगे वकीलों में होता था।