किसान आंदोलन वापस नहीं लेंगे, बोले राकेश टिकैत- कृषि कानूनों को पहले संसद में रद्द करे सरकार
By अनिल शर्मा | Updated: November 19, 2021 10:24 IST2021-11-19T10:11:44+5:302021-11-19T10:24:31+5:30
पीएम मोदी द्वारा कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के फैसले के बाद राकेश टिकैत ने ट्वीट किया और कहा कि किसान आंदोलन को वापस नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब सरकार इसे संसद में रद्द करेगी।

किसान आंदोलन वापस नहीं लेंगे, बोले राकेश टिकैत- कृषि कानूनों को पहले संसद में रद्द करे सरकार
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला लिया और विरोध करनेवाले किसानों से आंदोलन समाप्त करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कानूनों को निरस्त करने की संवैधानिक प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा। हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन के जारी रहने का ऐलान किया है।
पीएम मोदी द्वारा कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के फैसले के बाद राकेश टिकैत ने ट्वीट किया और कहा कि किसान आंदोलन को वापस नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब सरकार इसे संसद में रद्द करेगी। राकेश टिकैत ने ट्वीट में लिखा- आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें।
इससे पहले नरेश टिकैत ने कहा था कि किसान बारूद के ढेर पर बैठे हैं। पीएम के संबोधन से पहले नरेश टिकैत ने एक ट्वीट कर किसानों की मंशा का संकेत दे दिया था। उन्होंने ट्वीट किया- किसान बारूद के ढेर पर बैठे हैं। आंदोलन से ही जिंदा रहेंगे। यह जिम्मेदारी सबको निभानी होगी। जमीन से मोहभंग करना सरकार की साजिश है। जमीन कम हो रही है। किसान से जमीन बेचने और खरीदने का अधिकार भी यह लोग छीन लेंगे। जाति और मजहब को भूलकर किसानों को एक होना होगा ।
आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा ।
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) November 19, 2021
सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें : @RakeshTikaitBKU#FarmersProtest
गौरतलब है कि तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को गुरु नानक जयंती के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में इस आशय की घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘ पांच दशक के अपने सार्वजनिक जीवन में मैंने किसानों की मुश्किलों, चुनौतियों को बहुत करीब से अनुभव किया है।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए छोटे किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए कदमों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि कृषि बजट में पांच गुना बढ़ोतरी की गई है, हर साल 1.25 लाख करोड़ रुपए से अधिक राशि खर्च की जा रही है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार तीन नये कृषि कानून के फायदों को किसानों के एक वर्ग को तमाम प्रयासों के बावजूद समझाने में नाकाम रही। उन्होंने कहा कि इन तीनों कृषि कानूनों का लक्ष्य किसानों विशेषकर छोटे किसानों का सशक्तीकरण था।
उन्होंने घोषणा की कि इन तीनों कानूनों को निरस्त किया जाएगा और इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी की इस घोषणा के बाद भारतीय किसान यूनियन उगराहां धड़े के नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा, ‘गुरुपरब पर कृषि कानून निरस्त करने का निर्णय प्रधानमंत्री का अच्छा कदम है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सभी किसान संघ एकसाथ बैठेंगे और आगे के मार्ग के बारे में तय करेंगे।’’