राकेश टिकैत कभी दिल्ली पुलिस में करते थे नौकरी, दो बार लड़ चुके हैं चुनाव, जानिए उनके बारे में

By विनीत कुमार | Updated: January 29, 2021 14:06 IST2021-01-29T14:06:10+5:302021-01-29T14:06:10+5:30

दिल्ली के गाजीपुर में गुरुवार (28 जनवरी) शाम को जो हुआ, उसके बाद किसान आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है। राकेश टिकैत के भावुक होने की खबर जैसे ही फैली, बड़ी संख्या में किसान धरना स्थल पर आने लगे। जानिए किसानों के बड़े नेता के तौर पर अपनी पहचान रखने वाले राकेश टिकैत और उनके बड़े भाई नरेश टिकैत के बारे में...

Rakesh Tikait full profile kisan andolan all details about bhartiya kisan union Naresh Tikait | राकेश टिकैत कभी दिल्ली पुलिस में करते थे नौकरी, दो बार लड़ चुके हैं चुनाव, जानिए उनके बारे में

किसान नेता रहे महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे हैं राकेश टिकैत

Highlights28 जनवरी की शाम राकेश टिकैत के आंसुओं ने बदला दिल्ली के बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन का रुखकिसान नेता रहे महेंद्र सिंह टिकैत के छोटे बेटे हैं राकेश टिकैत, दिल्ली पुलिस में कर चुके हैं नौकरीमुजफ्फरनगर के ससौली गांव में 4 जून 1969 को हुआ था राकेश टिकैत का जन्म, आंदोलन के लिए छोड़ी पुलिस की नौकरी

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डर पर किसान आंदोलन दो महीने से जारी है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत सबसे ज्यादा चर्चा में आ गए हैं। 26 जनवरी की घटना के बाद एक समय कमजोर नजर आने वाला किसान आंदोलनराकेश टिकैत की आंखों से निकले आंसुओं के बाद एक बार फिर रवानी पर है।

राकेश टिकैत के साथ उनके बड़े भाई नरेश टिकैत भी चर्चा में हैं, जिन्होंने महापंचायत की घोषणा की और साथ ही एक बार फिर किसानों को साथ लेकर दिल्ली कूच के लिए प्रेरित किया। 

आखिर क्या राकेश टिकैत और नरेश टिकैत की कहानी, कैसे किसानों नेताओं के तौर पर इनकी बड़ी पहचान उत्तर भारत में है और क्या है इनका पूरा सफरनामा, आईए बताते हैं।

किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे हैं राकेश और नरेश टिकैत

बड़े किसान नेता के तौर पर राकेश और नरेश टिकैत आज चर्चा में भले ही हैं पर इनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि और भी बड़ी है। दोनों किसान नेता रहे महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे हैं। 

किसान नेताओं की जब भी बात होती है तो उत्तर भारत में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बाद महेंद्र सिंह टिकैत का ही नाम आता है।

एक समय था जब महेंद्र सिंह टिकैत की एक आवाज पर किसान एकजुट होकर दिल्ली से लेकर लखनऊ तक की सियासय को हिला देने की ताकत रखते थे। 

महेंद्र सिंह टिकैत ने अपने जीवन में कई बार केंद्र और राज्य सरकारों को किसानों के मुद्दे पर घेरा और झुकने पर मजबूर किया। महेंद्र सिंह टिकैत लंबे समय तक भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष रहे।

कभी दिल्ली पुलिस में थे राकेश टिकैत

मुजफ्फरनगर के ससौली गांव में 4 जून 1969 को जन्में राकेश सिंह टिकैत ने मेरठ यूनिवर्सिटी से एमए की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने एलएलबी भी की। उनकी शादी 1985 में हुई और इसी साल उनकी दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल के तौर पर नौकरी भी लगी थी। इनके एक बेटे और दो बेटियां हैं।

राकेश टिकैत की नौकरी भले ही दिल्ली पुलिस में लगी लेकिन इनके बड़े भाई नरेश शुरू से भारतीय किसान यूनियन में सक्रिय थे। बाद में राकेश टिकैत दिल्ली पुलिस की नौकरी थोड़ किसान राजनीति में आ गए। महेंद्र सिंह टिकैत के निधन के बाद बड़े बेटे होने के नाते नरेश टिकैत को भारतीय किसान यूनियन का अध्यक्ष बनाया।

हालांकि, जानकार बताते हैं व्यवहारिक तौर पर कमान राकेश टिकैत के ही हाथ में है और तमाम बड़े फैसले वे लेते हैं। राकेश टिकैत ने एक बार निर्दलीय के तौर पर विधान सभा (2007) चुना और एक बार राष्ट्रीय लोक दल के टिकट से लोक सभा (2014) का भी चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली।

Web Title: Rakesh Tikait full profile kisan andolan all details about bhartiya kisan union Naresh Tikait

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