राज्यसभा का देश की प्रगति, संघीय ढांचे में राज्यों के अधिकार बनाए रखने में अहम योगदान : नायडू
By भाषा | Published: May 13, 2021 03:26 PM2021-05-13T15:26:17+5:302021-05-13T15:26:17+5:30
नयी दिल्ली, 13 मई उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश की प्रगति और संघीय ढांचे में राज्यों के अधिकारों को बनाए रखने में संसद के उच्च सदन राज्यसभा ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
ज्ञात हो कि आज ही के दिन 1952 में राज्यसभा की पहली बैठक हुई थी। उपराष्ट्रपति का यह बयान इसी उपलक्ष्य पर आया है।
उपराष्ट्रपति सचिवालय की ओर से जारी एक ट्वीट के मुताबिक, नायडू ने कहा, ‘‘तभी से यह (राज्यसभा) अपने संघीय व्यवस्था में राज्यों के अधिकारों को बनाए रखते हुए देश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देता रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राज्यसभा, संसद में हमारी संघीय व्यवस्था को अभिव्यक्ति देती है। राज्यसभा की संवैधानिक भूमिका के निर्वहन में माननीय सदस्यों, पूर्व सदस्यों और सचिवालय का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस सुअवसर पर आप सभी का हार्दिक अभिनंदन करता हूं।’’
इसी साल राज्यसभा के 253वें सत्र की बैठक संपन्न हुई थी।
राज्यसभा की पहली बैठक 13 मई 1952 को भारत के पहले उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की अध्यक्षता में हुई थी। पहली राज्यसभा का गठन 3 अप्रैल 1952 को हुआ था।
संविधान के अनुच्छेद 80 में राज्यसभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 निर्धारित की गई है, जिनमें से 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नामनिर्देशित किए जाते हैं और 238 सदस्य राज्यों के और केंद्रशासित क्षेत्रों के प्रतिनिधि होते हैं।
राष्ट्रपति द्वारा नामनिर्देशित किए जाने वाले सदस्य ऐसे व्यक्ति होते हैं जिन्हें साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा जैसे विषयों के संबंध में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव होता है।
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