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Rajya Sabha Elections: सपा के आठ विधायकों ने क्रॉस वोटिंग से टूटा अखिलेश यादव का सपना, बीजेपी के आठों उम्मीदवार जीते

By राजेंद्र कुमार | Updated: February 27, 2024 22:42 IST

सपा के जिन सात विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की हैं, उनमें राकेश पांडेय, मनोज पांडेय, विनोद चतुर्वेदी, अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह, पूजा पाल, महराजी प्रजापति और आशुतोष मौर्य का नाम लिया जा रहा हैं। एक विधायक वोट देने नहीं पहुंचे।

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ठळक मुद्देराज्यसभा चुनाव के घोषित हुए चुनाव परिणाम के अनुसार भाजपा अपने सभी आठ कैंडिडेट जिताने में सफल रही हैजबकि सपा की तीन में से दो प्रत्याशी जया बच्चन और रामजी लाल सुमन चुनाव जीतने में सफल हुएपरिणाम के बाद अखिलेश यादव ने कहा, हमारी राज्यसभा की तीसरी सीट दरअसल सच्चे साथियों की पहचान करने की परीक्षा थी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दस राज्यसभा सीटों को लेकर हो रहे मतदान में समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अपने विधायकों को क्रॉस वोटिंग करने से रोक नहीं सके। सपा के आधा दर्जन से ज्यादा विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। इसके चलते सपा के तीसरे राज्यसभा कैंडिडेट के जीतने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है और सपा के तीसरे प्रत्याशी आलोक रजन चुनाव हारे गए। वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के आठ प्रत्याशी चुनाव जीत गए है। सपा की जया बच्चन और रामजी लाल सुमन भी राज्यसभा चुनाव जीतने में सफल हुए। सपा की जया बच्चन को 41 वोट, रामजीलाल सुमन को 40 वोट मिले। जबकि भाजपा के आठवें प्रत्याशी संजय सेठ ने सपा के तीसरे प्रत्याशी आलोक रंजन को हरा दिया है। आलोक रंजन को 19 वोट प्रथम वरीयता के मिले और वह चुनाव हार गए।

भाजपा के प्रत्याशियों को मिले वोट

राज्यसभा चुनाव के घोषित हुए चुनाव परिणाम के अनुसार भाजपा अपने सभी आठ कैंडिडेट जिताने में सफल रही है। जबकि सपा की तीन में से दो प्रत्याशी जया बच्चन और रामजी लाल सुमन चुनाव जीतने में सफल हुए। घोषित हुए चुनाव परिणाम के अनुसार भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी 38 को वोट, तेज वीर सिंह को 38 वोट, अमरपाल मौर्य को 38 वोट, आरपीएन सिंह को 37 को वोट, नवीन जैन 38 को वोट, साधना सिंह 38 को वोट, संगीता बलवंत बिंद को 38 वोट और संजय सेठ को 29 वोट प्रथम वरीयता के मिले और उन्हे विजेता घोषित कर दिया गया। 

सीएम ही रणनीति से अखिलेश का किला ध्वस्त

भाजपा के तीसरे प्रत्याशी संजय सेठ की जीत का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रणनीति को बताया जा रहा है। सीएम योगी ही पार्टी के सभी 8 प्रत्याशी जिताने का जो टार्गेट तय किया था, उसे उन्होंने अपने राजनीतिक कौशल से अचीव कर लिया है। सीएम योगी की रणनीति के चलते ही सपा मुखिया अखिलेश यादव के खास माने जाने जाने वाले आधा दर्जन से अधिक विधायकों ने भाजपा के प्रत्याशी के पक्ष में वोट डाला। सपा के इन सभी विधायकों के पाला बदलने को लेकर अखिलेश यादव को मंगलवार की सुबह तक भनक भी नहीं लगी। अखिलेश यादव के यह बड़ा झटका माना जा रहा है। 

सपा के जिन सात विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की हैं, उनमें राकेश पांडेय, मनोज पांडेय, विनोद चतुर्वेदी, अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह, पूजा पाल, महराजी प्रजापति और आशुतोष मौर्य का नाम लिया जा रहा हैं। एक विधायक वोट देने नहीं पहुंचे। इन सभी विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट किया है। राष्ट्रीय लोकदल के विधायकों ने भी भाजपा के उम्मीदवार के पक्ष में वोट डाले हैं, जबकि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के पांच में से दो विधायकों ने सपा प्रत्याशियों को वोट डाला है। सुभासपा के मुखिया ओपी राजभर इस बारे में कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

इन विधायकों ने की क्रॉस वोटिंग

राज्यसभा की 10 सीटों पर 11 उम्मीदवार किस्मत आजमाई। राज्यसभा चुनावों में हुई क्रॉस वोटिंग को देखते हुए विधायकों की संख्या के आधार पर सपा दो राज्यसभा सीटों पर जीत दर्ज करा सकी है। सपा मुखिया अखिलेश ने वरीयता के आधार पर पहले नंबर पर जया बच्चन, दूसरे नंबर पर रामजीलाल सुमन और तीसरी नंबर आलोक रंजन को रखा था, जबकि भाजपा ने आरपीएन सिंह, चौधरी तेजवीर सिंह, अमरपाल मौर्य, संगीता बलवंत, सुधांशु त्रिवेदी, साधना सिंह, नवीन जैन और संजय सेठ को जीतने के लिए अपनी जो रणनीति तैयारी की थी, उसमें उद्योगपति संजय सेठ को अपने आठवें उम्मीदवार के रूप में उतारा है।

सीएम योगी की रणनीति के तहत सपा मुखिया अखिलेश यादव के गढ़ में सेंध लगाकर सीएम योगी सपा के विधायकों का वोट संजय सेठ के पक्ष में डलवाने में सफल हुए हैं। संजय सेठ के पक्ष में वोट डालने वाले राकेश पांडेय, मनोज पांडेय, विनोद चतुर्वेदी, अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह और पूजा पाल का कहना है कि उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वोट डाला है। सपा विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने को लेकर भाजपा नेताओं ने यह दावा किया कि सीएम योगी ने अपने सभी उम्मीदवारों के जीत सुनिश्चित कर ली थी और यह दावा सही साबित हुआ है। 

अखिलेश को भी हुआ हार का अहसास 

चुनाव परिणाम घोषित होने के पहले ही सपा मुखिया अखिलेश यादव को भी अपने तीसरे उम्मीदवार की हार का अहसास हो गया था। शायद इसलिए उन्होंने मतदान खत्म होते ही अपने ट्वीट में यह लिखा है, हमारी राज्यसभा की तीसरी सीट दरअसल सच्चे साथियों की पहचान करने की परीक्षा थी और ये जानने की कि कौन-कौन दिल से पीडीए के साथ और कौन अंतरात्मा से पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। अब सब कुछ साफ है, यही तीसरी सीट की जीत है। 

अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए सभी हथकंडे अपनाया। उन्होंने यह भी कहा कि सत्ता का लाभ पाने वाले चले गए। जिनसे वादा किया गया होगा वे भी चले गए। यह दावा करते हुए अखिलेश ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग किसी की राह में कीलें बिछाते हैं या दूसरों के लिए गड्ढा खोदते हैं, वे खुद गिर जाते हैं।

टॅग्स :राज्यसभा चुनावसमाजवादी पार्टीBJPअखिलेश यादव
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