राज्यसभा उपसभापति के चुनावः बीजेपी को लग सकता है करारा झटका, अकाली दल नाराज, विपक्ष में 9 पार्टियां हुईं एकजुट
By भाषा | Published: August 7, 2018 08:41 AM2018-08-07T08:41:04+5:302018-08-07T09:43:04+5:30
Rajya Sabha Deputy Chairman Elections: एक-एक कर के बीजेपी के सभी सहयोगी दल छिटकते जा रहे हैं, तो दूसरी ओर विपक्ष एकजुट होता जा रहा है। राज्यसभा में इसका टेस्ट गुरूवार को होगा।
नई दिल्ली, 7 अगस्त: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) गुरूवार को राज्यसभा के उपसभापति पद के चुनाव से अनुपस्थित रह सकता है। सूत्रों ने आज यह जानकारी दी।
सूत्रों के अनुसार यहां शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के निवास पर पार्टी नेताओं की एक बैठक में यह फैसला लिया गया। राज्यसभा में शिअद के तीन सदस्य हैं। उनमें एक नरेश गुजराल भी हैं जिनका नाम इस पद की दौड़ में था।
भाजपा नीत राजग का राज्यसभा में बहुमत नहीं है। आज राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने सदन में घोषणा की कि नौ अगस्त को 11 बजे चुनाव होगा। वैसे राजग ने कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है लेकिन सूत्रों का कहना है कि पहली बार राज्यसभा पहुंचे जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) हरिवंश राजग की पसंद हो सकते हैं।
राज्यसभा उपसभापति चुनाव की रणनीति तय करने के लिए आज फिर मिलेंगे विपक्षी नेता
राज्यसभा के उपसभापति पद के लिये आगामी नौ अगस्त को होने वाले चुनाव को लेकर रणनीति तैयार करने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक आज बेनतीजा रही और इन नेताओं की कल फिर बैठक होगी जिसमें इस पद के लिए किसी उम्मीदवार के नाम पर सहमति बन सकती है।
उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद की अध्यक्षता में आज विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं की बैठक में उपसभापति पद के लिये किसी एक नाम पर सर्वानुमति नहीं बनते देख विपक्ष के संभावित उम्मीदवार के नाम पर मंथन का दौर शुरू हो गया। संसद भवन स्थित नेता प्रतिपक्ष के कक्ष में हुई इस बैठक में सपा के रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, राजद की मीसा भारती और मनोज झा, भाकपा के डी राजा, माकपा के टी के रंगराजन, तेदेपा के सी एम रमेश, द्रमुक के तिरुची शिवा, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा और राकांपा के प्रफुल्ल पटेल सहित अन्य नेता शामिल हुये।
उल्लेखनीय है कि सत्तापक्ष की ओर से जदयू के हरिवंश को उपसभापति पद का उम्मीदवार बनाये जाने की चर्चाओं का दौर शुरू होने के बाद विपक्षी दलों ने इस दिशा में अपनी रणनीति को अंतिम रूप देना शुरु कर दिया है। सूत्रों के अनुसार सत्तापक्ष की ओर से राजग के घटक दल का उम्मीदवार मैदान में उतारे जाने की कवायद तेज होने के जवाब में विपक्षी दलों की ओर से भी किसी घटक दल के सदस्य को उम्मीदवार बनाने की रणनीति अपनायी जा सकती है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के पी जे कुरियन का पिछले माह राज्यसभा के उपसभापति पद से कार्यकाल पूरा होने के बाद से यह पद रिक्त है।
तृणमूल कांग्रेस की भी इस पद पर है नजर
सभापति ने कहा कि नौ अगस्त को सुबह 11 बजे जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने के बाद उपसभापति पद के लिए चुनाव कराया जाएगा। उल्लेखनीय है कि हाल ही में सेवानिवृत्त हुये उपसभापति पी जे कुरियन का कार्यकाल पिछले महीने यानी जुलाई में समाप्त हो गया था। पूर्व में नायडू ने कहा था कि उप सभापति का चयन आम सहमति से किया जाना चाहिए। लेकिन सूत्रों के अनुसार, अब लगता है कि चुनाव में विपक्ष अपना प्रत्याशी खड़ा कर सकता है। कांग्रेस सदस्य कुरियन केरल से राज्यसभा के लिए चुने गए थे।
इस बीच तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर रॉय ने पूर्व परंपराओं के हवाले से कहा कि उप सभापति के पद पर अब तक सर्वानुमति से चुनाव होता रहा है। हालांकि हरिवंश को प्रत्याशी बनाये जाने की अटकलें तेज होने के बाद इस पद के लिये चुनाव की अनिवार्यता के सवाल पर रॉय ने कहा कि सत्तापक्ष की ओर से अभी तक उनके दल के साथ कोई संपर्क नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि पहले भी यह पद सर्वानुमति से विपक्ष और सत्तापक्ष के पास रहा है। अगर इस बार सर्वानुमति नहीं बन पाती है तो फिर विपक्ष भी चुनाव के लिये तैयार है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में रॉय का नाम विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में सामने आया था। हालांकि उन्होंने इस बारे में पार्टी नेतृत्व की ओर से आधिकारिक घोषणा नहीं होने का हवाला देते हुये कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
तेदेपा सांसद रमेश संसद की लोकलेखा समिति के लिए निर्वाचित हुए
तेलगू देशम पार्टी सांसद सीएम रमेश संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के लिए आज निर्वाचित हुए। विपक्ष ने एकजुट होकर उनके पक्ष में मतदान किया। चुनाव मैदान में उतरे तीन उम्मीदवारों में सबसे अधिक वोट 106 रमेश को मिले। भाजपा के भूपेंद्र यादव को 69 और जदयू नेता हरिवंश को केवल 26 वोट मिले।
यादव और रमेश लोक लेखा समिति के लिए निर्वाचित हुए। समिति सरकार के राजस्व और व्यय का लेखा परीक्षण करती है। रमेश ने कहा, ‘‘यह अहं के विरुद्ध नैतिकता की विजय है।’’ सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष ने रमेश की उम्मीदवारी का समर्थन किया। राज्यसभा में तेदेपा के महज छह सदस्य ही हैं।
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