बिहार में राज्यसभा उपचुनावः लालू प्रसाद यादव और नागमणि की राह पर सुशील कुमार मोदी, जानिए क्या है पूरा मामला

By एस पी सिन्हा | Published: December 7, 2020 04:18 PM2020-12-07T16:18:35+5:302020-12-07T16:21:20+5:30

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इतिहास रच दिया. सीएम नीतीश कुमार भी पीछे रह गए. लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद के सदस्य बनने वाले तीसरे नेता हैं.

Rajya Sabha by election sushil kumar modi on path of lalu prasad yadav leave cm nitish kumar nagmani | बिहार में राज्यसभा उपचुनावः लालू प्रसाद यादव और नागमणि की राह पर सुशील कुमार मोदी, जानिए क्या है पूरा मामला

सुशील मोदी के नाम एक खास रिकॉर्ड भी दर्ज हो गया. (file photo)

Highlightsभाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी निर्विरोध पहुंचे राज्यसभा.मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को भी पीछे छोड़ दिया है.

पटनाः भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज राज्यसभा चुनाव में निर्विरोध जीत का प्रमाणपत्र ले लिया. इसी के साथ सुशील मोदी के नाम एक खास रिकॉर्ड भी दर्ज हो गया.

प्रमाणपत्र लेने के बाद सुशील कुमार मोदीलालू प्रसाद यादव और नागमणि की बराबरी में आ खडे़ हुए हैं. विधानसभा, लोकसभा और फिर विधान परिषद के बाद अब राज्यसभा सदस्य बने  पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी बिहार के ऐसे तीसरे नेता बन गए हैं, जो चारों सदनों के सदस्य रहे हैं. इसके साथ बिहार भाजपा के इतिहास में सुशील मोदी ने चारों सदन का सदस्य बनकर रिकॉर्ड भी कायम कर लिया. 

आज तीन बजे सुशील कुमार मोदी निर्विरोध राज्यसभा उप चुनाव के विजेता घोषित किये गए. राज्यसभा के चुनाव अधिकारी व पटना के प्रमंडलीय आयुक्त संजय अग्रवाल ने पूर्व उप मुख्यमंत्री को प्रमाण पत्र सौंपा. सुशील कुमार मोदी से पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव चारों सदन के सदस्य रह चुके हैं.

पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि भी चारों सदन के सदस्य रह चुके हैं

लालू प्रसाद यादव के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि भी चारों सदन के सदस्य रह चुके हैं. इस तरह से सुशील कुमार मोदी राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव एवं नागमणी के बाद तीसरे नेता बन गए हैं. इससे पहले बिहार भाजपा से कोई भी नेता अभी तक चारों सदन का सदस्य नहीं बने हैं.

सुशील मोदी बिहार भाजपा के पहले ऐसे नेता होंगे, जिन्हें चारों सदनों का सदस्य होने का सौभाग्य हासिल हुआ है. उल्लेखनीय है कि लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद राज्यसभा की सीट खाली हुई थी. इस सीट पर 14 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा के सुशील कुमार मोदी और निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर श्याम नंदन प्रसाद ने पर्चा भरा था. महागठबंधन ने प्रत्याशी नहीं उतारा.

लालू प्रसाद यादव 1977 में लोकसभा के लिए चुने गए

यहां बता दें कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव 1977 में लोकसभा के लिए चुने गए. वर्ष 1980 में विधानसभा, 1990 में विधान परिषद और 2002 में राज्यसभा गए थे. वहीं, पूर्व मंत्री नागमणि 1977 में विधानसभा सदस्य चुने गए थे. 1995 में राज्यसभा और 1999 में लोकसभा और 2006 में विधान परिषद सदस्य बने थे.

वहीं सुशील कुमार मोदी 1990 में पहली बार पटना मध्य विधानसभा क्षेत्र के लिए चुने गए थे. फिर 2000 में इसी क्षेत्र जीते, जो अब कुम्हरार विधानसभा क्षेत्र बन गया है. विधायक रहते हुए वर्ष 2004 में भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए.

2005 में बिहार में भाजपा विधान मंडल दल का नेता चुने जाने के बाद लोकसभा सदस्य पद से इस्तीफा दिया और बिहार विधान परिषद में सदस्य बने. दूसरी बार 2012 और तीसरी बार जुलाई 2018 में बिहार विधान परिषद का सदस्य निर्वाचित हुए थे. अभी करीब चार वर्ष का कार्यकाल बचा है. इसबीच अब वह राज्यसभा के लिए निर्वचित हो गये हैं.

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