Election Flashback: आखिर क्यों राजस्थान के पूर्व CM हरिदेव जोशी BJP के घोषणा पत्र को कहते थे ढपोड़ शंख!

By प्रदीप द्विवेदी | Updated: November 3, 2018 15:14 IST2018-11-03T15:14:17+5:302018-11-03T15:14:17+5:30

जोशी अपने भाषण में ढपोड़ शंख की कहानी सुनाते थे कि एक व्यक्ति को सागर के किनारे बोलने वाला शंख मिल गया। उस व्यक्ति ने शंख से सौ रुपए मांगे तो उसे सौ रुपए मिल गए।

Rajsthan Election Flashback: Former CM Haridev joshi called bjp manifesto 'ghapod shankh' | Election Flashback: आखिर क्यों राजस्थान के पूर्व CM हरिदेव जोशी BJP के घोषणा पत्र को कहते थे ढपोड़ शंख!

Election Flashback: आखिर क्यों राजस्थान के पूर्व CM हरिदेव जोशी BJP के घोषणा पत्र को कहते थे ढपोड़ शंख!

पहली राजस्थान विधानसभा से लेकर ताउम्र विधायक रहने वाले तीन बार मुख्यमंत्री रहे हरिदेव जोशी का उदाहरण सहित भाषण देने का अपना अलग ही अंदाज था। वे भाजपा नेताओं के वादों को तो झूठा करार ही देते थे, भाजपा के घोषणा पत्र की तुलना भी ढपोड़ शंख से करते थे!

जोशी अपने भाषण में ढपोड़ शंख की कहानी सुनाते थे कि एक व्यक्ति को सागर के किनारे बोलने वाला शंख मिल गया। उस व्यक्ति ने शंख से सौ रुपए मांगे तो उसे सौ रुपए मिल गए। पाच सौ मांगे तो पांच सौ मिल गए। पड़ौस में रहने वाले मित्र को जब उसके धनवान होने का राज पता चला तो वह भी ऐसे बोलने वाले शंख की तलाश में सागर किनारे गया। वहां उसे भी बोलने वाला शंख मिल गया। जब मित्र ने शंख घर ला कर उससे सौ रुपए मांगे तो शंख बोला- सौ रुपए क्यों? पांच सौ लो। हजार लो, लेकिन दिया कुछ नहीं। इस तरह मित्र को उस ढपोड़ शंख से बड़ी-बड़ी बातें तो मिलीं। बड़े-बड़े वादे तो मिले, परन्तु वास्तव में कुछ नहीं मिला! भाजपा के घोषणा पत्र भी ऐसे ही हैं जिनमें बड़े-बड़े वादे तो हैं, परन्तु भाजपा सरकार कोई वादा पूरा नहीं करती है!  

आजादी के आंदोलन के जमाने से सक्रिय हरिदेव जोशी ने आजादी के बाद पहला विधानसभा चुनाव 1952 में डंूगरपुर से लड़ा और जीता, दूसरा विस चुनाव घाटोल से जीता और उसके बाद ताउम्र वे बांसवाड़ा विस क्षेत्र से चुनाव लड़ते और जीतते रहे। वे कांग्रेस के ऐसे मुख्यमंत्री थे जिन्होंने आपातकाल के बाद हुए विस चुनाव में जीत दर्ज करवाई थी, जबकि उस दौर में कई कांग्रेसी मुख्यमंत्री चुनाव हार गए थे।

हरिदेव जोशी पहली बार 11 अक्टूबर 1973 से 29 अप्रैल 1977 तक, दूसरी बार 10 मार्च 1985 से 20 जनवरी 1988 तक और तीसरी बार 4 दिसम्बर 1989 से 4 मार्च 1990 तक राजस्थान के मुख्य मंत्री रहे। यही नहीं, जोशी असम, मेघालय और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रहे।

हरिदेव जोशी के निधन के बाद हुए चुनाव में बांसवाड़ा विस सीट पहली बार भाजपा को मिली और पूर्व मंत्री भवानी जोशी यहां से जीते। इस वक्त यहां से धनसिह रावत विधायक हैं, जो राजे सरकार में मंत्री भी हैं। हरिदेव जोशी के गुजर जाने के बाद यहां से एक बार भाजपा तो दूसरी बार कांग्रेस जीतती रही है। यहां से कांग्रेस के रमेश पंड्या और अर्जुन बामनिया विधायक रह चुके हैं!
 

Web Title: Rajsthan Election Flashback: Former CM Haridev joshi called bjp manifesto 'ghapod shankh'

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