चीन के रक्षा मंत्री के साथ बैठक में राजनाथ सिंह ने बातचीत पर दिया जोर, कहा- ध्यान रहे, सीमावर्ती इलाकों में हालात खराब ना हो
By पल्लवी कुमारी | Updated: September 5, 2020 12:51 IST2020-09-05T12:51:29+5:302020-09-05T12:51:29+5:30
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंगही के बीच शुक्रवार (4 सितंबर) को दो घंटे से अधिक समय तक बैठक हुई जिसमें पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव को कम करने पर ध्यान केन्द्रित रहा। रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी।

तस्वीर स्त्रोत- रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India
नई दिल्ली: भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगही ने भारत-चीन सीमा क्षेत्र के साथ भारत-चीन संबंधों पर खुलकर और गहन चर्चा की है। ये बैठक शुक्रवार (4 सितंबर) को हुई। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत-चीन सीमा गतिरोध को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत पर जोर दिया है। रक्षा मंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और चीन दोनों पक्षों को अपनी चर्चा राजनयिक और सैन्य चैनल के द्वारा जारी रखनी चाहिए। ताकी यह सुनिश्चित किया जा सके कि जल्द से जल्द एलएसी शांति की पूर्ण तरीके से शांति बहाली की जाए।
Raksha Mantri conveyed that the two sides should continue their discussions, including through diplomatic and military channels, to ensure complete disengagement and de-escalation and full restoration of peace and tranquillity along the LAC at the earliest.
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) September 5, 2020
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और चीन के बीच जो मौजूदा स्थिति है, उसे जिम्मेदारी से संभाला जाना चाहिए। दोनों देशों में से किसी भी पक्ष को कोई ऐसी कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए, जिससे स्थिति और भी बिगड़े। हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सीमावर्ती क्षेत्रों में हालत खराब ना हो।
RM further said that the current situation should be handled responsibly and that neither side should take any further action that could either complicate the situation or escalate matters in the border areas.
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) September 5, 2020
रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि चीनी सैनिकों की कार्रवाई, बड़ी संख्या में सैनिकों को इकट्ठा करना, उनका आक्रामक व्यवहार और एकतरफा ढंग से यथास्थिति को बदलने की कोशिश द्विपक्षीय समझौतों के उल्लंघन में थे।
पूर्वी लद्दाख में मई में सीमा पर हुए तनाव के बाद से दोनों देशों की ओर से यह पहली उच्च स्तरीय आमने-सामने की बैठक थी। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल गतिरोध दूर करने के लिए चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ टेलीफोन पर बातचीत कर चुके हैं।
वार्ता के दौरान राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में यथा स्थिति को बनाए रखने और सैनिकों को तेजी से हटाने पर जोर दिया। रूस की राजधानी मास्को में एक प्रमुख होटल में रात करीब साढ़े नौ बजे (भारतीय समयानुसार) शुक्रवार (4 सितंबर) को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगही के बीच बैठक हुई।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एससीओ में अपने संबोधन में कहा कि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए विश्वास का माहौल, गैर-आक्रामकता, अंतरराष्ट्रीय नियमों के प्रति सम्मान तथा मतभेदों का शांतिपूर्ण समाधान जरूरी है। वेई से मुलाकात से पहले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में दिये गये उनके इस बयान को पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ सीमा विवाद में संलिप्त चीन को परोक्ष संदेश के तौर पर देखा जा रहा है।