तीनों सेनाओं में 10 हजार से अधिक महिला अधिकारी कार्यरतः राजनाथ

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 25, 2019 17:15 IST2019-11-25T17:15:27+5:302019-11-25T17:15:27+5:30

एक जुलाई 2019 की स्थिति के अनुसार सेना में 6868 महिला अधिकारी हैं जबकि वायुसेना में एक नवंबर 2019 की स्थिति के अनुसार यह संख्या 2302 है। नौसेना में 15 नवंबर 2019 की स्थिति के अनुसार 1077 महिला अधिकारी कार्यरत हैं।

Rajnath: More than 10 thousand women officers in the three armies | तीनों सेनाओं में 10 हजार से अधिक महिला अधिकारी कार्यरतः राजनाथ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।

Highlightsरक्षा मंत्री ने कहा कि इनमें सेना चिकित्सा कोर, सेना डेंटल कोर और मिलिट्री नर्सिंग सेवा में कार्यरत महिला अधिकारी शामिल हैं। लोकसभा में सोमवार को सरकार से पूछा गया कि क्या गुजरात में एक स्कूली परीक्षा में इस तरह का प्रश्न था कि ‘गांधीजी ने कैसे आत्महत्या की’?

सरकार ने सोमवार को संसद को सूचित किया कि तीनों सेनाओं में 10 हजार से अधिक महिला अधिकारी कार्यरत हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि एक जुलाई 2019 की स्थिति के अनुसार सेना में 6868 महिला अधिकारी हैं जबकि वायुसेना में एक नवंबर 2019 की स्थिति के अनुसार यह संख्या 2302 है। नौसेना में 15 नवंबर 2019 की स्थिति के अनुसार 1077 महिला अधिकारी कार्यरत हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि इनमें सेना चिकित्सा कोर, सेना डेंटल कोर और मिलिट्री नर्सिंग सेवा में कार्यरत महिला अधिकारी शामिल हैं। 

सरकार से पूछा गया, क्या गुजरात में स्कूली परीक्षा में सवाल था कि ‘गांधीजी ने आत्महत्या कैसे की

लोकसभा में सोमवार को सरकार से पूछा गया कि क्या गुजरात में एक स्कूली परीक्षा में इस तरह का प्रश्न था कि ‘गांधीजी ने कैसे आत्महत्या की’? हालांकि सरकार की ओर से कहा गया कि इस बारे में सूचना एकत्रित की जा रही है। सदन में वी के श्रीकंदन ने पूछा था कि क्या सरकार इस तथ्य से वाकिफ है कि गुजरात में एक स्कूली परीक्षा में छात्रों से प्रश्न किया गया था कि ‘गांधीजी ने कैसे आत्महत्या की?’ मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने श्रीकंदन के प्रश्न के लिखित उत्तर में सिर्फ इतना कहा, ‘‘सूचना एकत्रित की जा रही है।’’

10 राज्यों में रेल दुर्घटनाओं में हाथियों की मौत की संख्या में तीन साल में आयी मामूली कमी

सरकार ने सोमवार को संसद में बताया कि 2016-17 से 2018-19 के बीच तीन वर्ष के दौरान देश के 10 राज्यों में रेल दुर्घनाओं में मारे गए हाथियों की संख्या में कमी आयी है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि इन दस राज्यों में असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, झारखंड, केरल, ओडिशा, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश एवं कर्नाटक शामिल हैं। उन्होंने कहा बताया कि इन दस राज्यों में रेल हादसों में वर्ष 2016-17 में 21, वर्ष 2017-18 में 20 और वर्ष 2018-19 में 19 हाथियों की जान गयी।

इनमें 2016-17, 2017-18 और 2018-19 में असम में क्रमश: 10, 10 और दो की जान गयी। इस अवधि के दौरान पश्चिम बंगाल में तीन, दो और छह, तमिलनाडु में दो, शून्य और शून्य, झारखंड में दो, शून्य और शून्य, केरल में दो, शून्य और एक, ओड़िशा में शून्य, दो और सात, उत्तराखंड में दो, पांच और एक, उत्तर प्रदेश में शून्य, एक और दो तथा कर्नाटक में शून्य, एक और दो हाथियों की रेल हादसों में जान गयी। 

Web Title: Rajnath: More than 10 thousand women officers in the three armies

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे