राजस्थानः बरसात का चक्र बदला तो डराने लगे जर्जर भवन, हर सरकार इस मुद्दे को लेकर उदासीन रही है? 

By प्रदीप द्विवेदी | Published: August 2, 2019 08:07 PM2019-08-02T20:07:53+5:302019-08-02T20:07:53+5:30

प्रदेश के रामगढ़ के एसडीएम कोर्ट रूम में एसडीएम सुनवाई कर रहे थे, कि उसी वक्त हुई बरसात के कारण कोर्ट रूम में से तेजी से पानी रिसने लगा. जब कोर्ट रूम में बहुत पानी फैल गया, तो उपस्थित लोग कोर्ट रूम ही छोड़कर चले गए. 

rajasthan rain: old houses dangerous for people | राजस्थानः बरसात का चक्र बदला तो डराने लगे जर्जर भवन, हर सरकार इस मुद्दे को लेकर उदासीन रही है? 

राजस्थानः बरसात का चक्र बदला तो डराने लगे जर्जर भवन, हर सरकार इस मुद्दे को लेकर उदासीन रही है? 

Highlightsराजस्थान की राजधानी जयपुर ही नहीं, प्रदेश के लगभग तमाम शहरों में जर्जर भवनों की संख्या बढ़ती जा रही है. कुछ वर्षों से बरसात का चक्र भी बदल गया है. इसलिए, कब, कहां जोरदार बरसात शुरू हो जाए, कहा नहीं जा सकता है.

राजस्थान की राजधानी जयपुर ही नहीं, प्रदेश के लगभग तमाम शहरों में जर्जर भवनों की संख्या बढ़ती जा रही है. इधर, कुछ वर्षों से बरसात का चक्र भी बदल गया है. इसलिए, कब, कहां जोरदार बरसात शुरू हो जाए, कहा नहीं जा सकता है. ऐसी ही बरसात के बीच प्रदेश के विभिन्न शहरों में खतरे की घंटी बने जर्जर भवन लोगों को डराने लगे हैं. 

ऐसे जर्जर भवनों को लेकर प्रदेश की हर सरकार उदासीन रही है और सख्त कार्रवाई के अभाव में खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे भवनों में ज्यादातर पुराने शहरों की तंग गलियों के वे भवन हैं, जो बीसवीं सदी के पूर्वार्ध में बने हैं और इस वक्त खाली पड़े ढहने का इंतजार कर रहे हैं. 

इन जर्जर भवनों को लेकर नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिका आदि का नजरिया भी कागजी रस्म अदायगी का है, ताकि किसी भी हादसे के बाद कहा जा सके कि नगर निगम ने तो पहले ही नोटिस जारी कर रखा था. इस रस्मी कानूनी कार्रवाई के लिए बाकायदा ऐसे जर्जर भवनों पर नोटिस चिपकाने का रिवाज भी है.

लेकिन, जब तक ऐसे भवनों को स्थानीय निकाय अपने स्तर पर तोड़ कर भवन मालिक से भारी जुर्माना वसूल नहीं करते हैं, तब तक ये खतरनाक इमारतें ऐसी ही खड़ी रहेंगी और लोगों को डराती रहेंगी.

ऐसे जर्जर भवनों में से कई भवन तो खाली पड़े हैं और उनके मालिक इन भवनों को देखने तक नहीं आते, तो कई भवन अदालती विवाद में फंसे पड़े हैं. सारी परेशानियां ऐसे क्षेत्रों में रहने वाले पड़ोसियों के हिस्से में आ रही हैं.

मजेदार बात तो यह है कि क्षतिग्रस्त भवनों की समस्या के घेरे में कई सरकारी भवन भी हैं, जिसके नतीजे में किसी अस्पताल की छत टपक रही है, तो किसी स्कूल के कमरे गिरने की हालत में हैं और किसी विभाग की जरूरी सरकारी फाइलें पानी में डूबी हैं. ऐसे माहौल में कई रोचक खबरें भी आ रही है. 

प्रदेश के रामगढ़ के एसडीएम कोर्ट रूम में एसडीएम सुनवाई कर रहे थे, कि उसी वक्त हुई बरसात के कारण कोर्ट रूम में से तेजी से पानी रिसने लगा. जब कोर्ट रूम में बहुत पानी फैल गया, तो उपस्थित लोग कोर्ट रूम ही छोड़कर चले गए. 

राजस्थान के खतरनाक बन चुके जर्जर के भवनों की जिम्मेदारी से बचने के लिए सबके पास अपने-अपने तर्क हैं, इसलिए जब तक नोटिस चस्पा करने जैसी सैद्धान्तिक कानूनी कार्रवाइयां करने के बजाय जर्जर भवन गिरा देने जैसे प्रायोगिक कदम नहीं उठाए जाएंगे, तब तक ये जर्जर भवन लोगों को डराते रहेंगे! 

Web Title: rajasthan rain: old houses dangerous for people

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