नयी दिल्ली: एक महीने की बग़ावत के बाद पार्टी में लौटे सचिन पायलट को कुछ समय के लिये कोई पद नहीं मिल सकेगा। उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष का पद गँवाने के बाद सचिन को कांग्रेस आलाकमान के नए आदेश की प्रतीक्षा करनी होगी जो तीन सदस्यीय समिति की सिफ़ारिश पर लिया जायेगा।
इस तीन सदस्यीय टीम में प्रियंका गाँधी की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि आलाकमान सचिन के विराम काल का उपयोग अशोक गहलोत को समझाने में लगाना चाहता है क्योंकि सचिन की वापसी से गेहलोत और उनके समर्थक खुश नहीं है परन्तु अहमद पटेल के समझाने के बाद गहलोत ने अपनी नाराज़गी को लगाम लगा दी है।
सचिन की कांग्रेस में वापसी की शुरुआत उस समय हुयी जब उनके समर्थक विधायक भंवर लाल शर्मा सचिन को चकमा दे कर एक अन्य विधायक के साथ केसी वेणुगोपाल से मिलने पहुँच गये ,इतना ही नहीं 4 अन्य विधायक भी चंगुल से निकलने की तैयारी कर रहे थे। इसकी खबर मिलते ही सचिन को आभास हो गया कि उनका किला टूट चुका है।
उन्होंने आनन फानन में प्रियंका गाँधी से बात की और अपनी वापसी के दरवाज़े खोल दिये। पार्टी सूत्रों के अनुसार भंवर लाल शर्मा तथा सचिन समर्थक 4 विधायकों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया जायेगा ,शेष को दूसरी जिम्मेदारियां दी जायेंगी लेकिन सचिन को करना होगा इंतज़ार