Rajasthan Political Crisis: कांग्रेस का अपने सभी नेताओं के लिए फरमान, पार्टी के आंतरिक मामलों में न बोलें, वरना होगी सख्त कार्रवाई
By रुस्तम राणा | Updated: September 29, 2022 20:47 IST2022-09-29T20:04:13+5:302022-09-29T20:47:35+5:30
कांग्रेस द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि अगर कोई इसका उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

Rajasthan Political Crisis: कांग्रेस का अपने सभी नेताओं के लिए फरमान, पार्टी के आंतरिक मामलों में न बोलें, वरना होगी सख्त कार्रवाई
नई दिल्ली: राजस्थान कांग्रेस में मची आंतरिक कलह के बीच पार्टी ने अपने सभी नेताओं के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है। कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को अपनी पार्टी के सभी नेताओं को एडवाइजरी जर कहा है कि उन्हें सार्वजनिक मंचों पर पार्टी के किसी नेता के बारे नहीं बोलना है और न ही पार्टी के आंतरिक मामलों में बात करनी हैं। एडवाइजरी में कहा गया है कि अगर कोई इसका उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। पार्टी नेताओं के लिए यह फरमान कांग्रेस के महासचिव और सांसद केसी वेणुगोपाल ने जारी किया है।
दरअसल, पार्टी की यह एडवाइजरी अशोक गहलोत के वफादारों के निर्देश के रूप में देखी जारी है। राजस्थान के मुख्यमंत्री द्वारा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के कुछ घंटों बाद यह एडवाइजरी जारी की गई है। अशोक गहलोत राजस्थान के सीएम बने रहेंगे या नहीं, अगले 48 घंटों में सोनिया गांधी इस पर फैसला ले सकती हैं। हालांकि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष से मुलाकात के बाद उन्होंने घोषणा की है कि वह अपने राज्य में राजनीतिक संकट की नैतिक जिम्मेदारी लेने के बाद कांग्रेस का राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ेंगे।
#RajasthanPoliticalCrisis | Congress advises all leaders of the party to "refrain from making public statements against any other leaders or about Party's internal matters." The party also warns of "strict disciplinary action" if any violation of this advisory is made. pic.twitter.com/3lejUCcufO
— ANI (@ANI) September 29, 2022
गहलोत ने यह भी कहा कि क्या वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे इस पर फैसला गांधी करेंगे। पार्टी नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सोनिया गांधी एक या दो दिनों में राजस्थान के सीएम से मुलाकात करेंगी। पार्टी की अनुशासन समिति ने गहलोत के तीन वफादारों - राजस्थान के मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौर से 10 दिनों के भीतर यह बताने को कहा है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों शुरू नहीं की जानी चाहिए।
विधायकों पर नोटिस राजस्थान के पर्यवेक्षकों, मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन द्वारा सोनिया गांधी को एक रिपोर्ट में "घोर अनुशासनहीनता" के आरोप के बाद भेजा गया है। गुरुवार को दस जनपथ में सचिन पायलट ने भी सोनिया गांधी से मुलाकात की।