राजस्थान में कांग्रेस में मचे घमासान के बीच अशोक गहलोत अध्यक्ष पद की रेस से बाहर: सूत्र
By विनीत कुमार | Published: September 27, 2022 08:33 AM2022-09-27T08:33:37+5:302022-09-27T09:13:44+5:30
राजस्थान में अशोक गहलोत गुट के विधायकों की बगावत से सोनिया गांधी नाराज बताई जा रही हैं। सूत्रों के अनुसार अब मल्लिकार्जुन खड़गे या दिग्विजय सिंह को अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए उतारा जा सकता है।
जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस में मचे अंदरूनी घमासान के बीच अशोक गहलोत पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव की रेस से बाहर हो गए हैं। सूत्रों के हवाले से ये जानकारी सामने आई है। माना जा रहा है कि जिस तरह राजस्थान में गहलोत समर्थक विधायकों ने बगावत की, उससे सोनिया गांधी खुश नहीं हैं। गहलोत की छवि रातों-रात गांधी परिवार का करीबी होने से अब बगावत करने वाले की बन गई है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार बदली हुई परिस्थिति के बीच अब मल्लिकार्जुन खड़गे और दिग्विजय सिंह को अध्यक्ष पद के लिए उतारे जाने पर विचार किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के 'भारत जोड़ो यात्रा' के बीच जिस तरह राजस्थान में घटनाक्रम हुआ, उससे कांग्रेस नेतृत्व नाराज है।
बता दें कि गहलोत ने पहले मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने और पार्टी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर काम करने को लेकर सहमति जता दी थी। हालांकि बाद में गहलोत गुट के विधायक बगावत पर उतर आए। ऐसी खबरें हैं कि वे संभवत: गहलोत या उनके ही गुट के किसी नेता को सीएम पद की जिम्मेदारी सौंपना चाहते थे। वहीं, सूत्रों के अनुसार गांधी परिवार सचिन पायलट के पक्ष में था।
सोनिया गांधी को आज सौंपी जाएगी रिपोर्ट
कांग्रेस की राजस्थान इकाई में चल रहे संकट के बीच बतौर पर्यवेक्षक जयपुर गए मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन सोमवार को दिल्ली लौट आए थे और उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात भी की। मुलाकात के बाद माकन ने पत्रकारों को बताया कि सोनिया गांधी ने पूरे घटनाक्रम पर लिखित रिपोर्ट मांगी है, जिसे आज सौंपा जाएगा।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के नामांकन की आखिरी तारीख 30 सितंबर तक यथास्थिति रहेगी, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसमें कुछ राजस्थान के कुछ विधायकों पर कार्रवाई भी संभव है।
गौरतलब है कि राजस्थान में कांग्रेस का घमासान एक बार फिर रविवार शाम को सामने आया। दरअसल, अशोक गहलोत के अध्यक्ष पद के लिए चुने जाने को करीब-करीब पक्का मान कांग्रेस विधायक दल की बैठक शाम 7 बजे बुलाई गई थी। इस मीटिंग में गहलोत के उत्तराधिकारी पर भी बात होनी थी। हालांकि ये मीटिंग नहीं हो सकी।
बैठक से पहले ही 90 से ज्यादा विधायकों ने बगावत कर दी। कई विधायक शांति धारीवाल के घर पहुंच गए। बताया गया कि ये सभी गहलोत गुट से हैं। बाद में इन्होंने अपना इस्तीफा भी विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया। विधायक दल की बैठक से पहले शांति धारीवाल के यहां हुई बैठक को अजय माकन अनुशासनहीनता बताया था।