राजस्थान विधानसभा में प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने प्रदेश में अपराधों में हुई 82 प्रतिशत वृद्धि, भामाशाह योजना को बंद करने और बिजली कंपनियों के एक लाख करोड़ के घाटे को लेकर कहा कि 70 वर्ष के लोग जो रिटायर हो चुके हैं, उनको सफेद हाथी की तरह बिजली कंपनियों में क्यों बांध रखा है? कोई तकनीकी आदमी भी नहीं है, लेकिन इसलिए बिठाए रखा कि बहुत अच्छे आदमी हैं।
इन लोगों के बड़े पदों पर बैठे हुए बिजली कंपनियां क्यों एक लाख करोड़ के घाटे में चली गई? क्या सरकार इन हाथियों को नौकरी से निकाल सकती है?
कटारिया ने दावा किया कि बिजली का सबसे बड़ा चोर किसान नहीं अपितु होली दिवाली गिफ्ट बांटने वाले बड़े उद्योगपति है, जिनके प्रति डिस्काम अधिकारियों का दिल पिघलता है और कोई कार्रवाई नहीं होती।
नेता प्रतिपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान कहा कि प्रदेश सरकार का नियम है कि अवैध कालोनियों में बिजली कनेक्शन नहीं दिये जाते लेकिन सरकार जयपुर के पृथ्वीराज नगर में रात को घूम ले और एक घर बता दे जहां बिजली नहीं है?
उन्होंने कहा कि पिछले बजट में कांग्रेस सरकार ने कहा था कि जयपुर में भिक्षावृति समाप्त करने के लिए प्रतिवर्ष 10 लाख की राशि जारी करने की घोषणा की थी, किन्तु वह आज तक जारी नहीं की गई जिसके चलते आज भी यहां भिक्षावृति जारी है।
कटारिया ने मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना को बंद करने को लेकर कहा कि हमने 3 लाख वाटर बाॅडी तैयार की। आपने सरकार बदलते ही उसका नाम राजीव गांधी जल संशय योजना कर दिया। सरकार को लगता है जैसे कि राजीव गांधी के नाम से योजना चलाएंगे तो ही सफल होगी? क्या मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना नाम सही नहीं था? आप भी तो वही 3900 गांव सेलेक्ट कर 1.80 लाख वाटर बाॅडी तैयार करने की बात कर रहे हो।
कटारिया ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना चलाई थी। उसमें 2018 में 1150 करोड़ रुपए तक खर्च किए। लेकिन कांग्रेस ने इसको बंद कर नाम बदल दिया। इस योजना में एकाउंट आदि का कहीं फर्जीवाड़ा था तो दोषियों को लटका देते, लेकिन बदलने का क्या औचित्य? अब तीन योजनाएं क्लब कर दीं। इससे इस साल बजट 500 करोड़ ही रह गया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र की 12 प्रकार की सुविधाओं से युक्त वैलनेस सेंटर की योजना में राजस्थान की सबसे नीचे 28वीं रैंक पहुंच गई है।