‘मीना’ और ‘मीणा’ पर विवाद, सीएम बोले-स्पेलिंग का अंतर, गहलोत सरकार केंद्र सरकार को पत्र लिखेगी, जानिए पूरा मामला
By सतीश कुमार सिंह | Published: October 22, 2020 02:35 PM2020-10-22T14:35:18+5:302020-10-22T14:35:18+5:30
सीएम ने ट्वीट कर कहा कि संघ लोक सेवा आयोग द्वारा कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय में कंपनी प्रॉसीक्यूटर के पद पर भर्ती के लिये विज्ञापन जारी किया। सीएम अशोक गहलोत ने एक साथ 5 बार ट्वीट कर जानकारी दी।
जयपुरः राजस्थान में ‘मीना’ और ‘मीणा’ पर विवाद बढ़ गया है। गहलोत सरकार केंद्र को पत्र लिखेगी। सीएम अशोक गहलोत ने एक साथ 5 बार ट्वीट कर जानकारी दी।
सीएम ने ट्वीट कर कहा कि संघ लोक सेवा आयोग द्वारा कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय में कंपनी प्रॉसीक्यूटर के पद पर भर्ती के लिये विज्ञापन जारी किया। इसमें Mina जाति वाले अभ्यर्थियों को अनुसूचित जनजाति मानकर आरक्षण के लाभ के लिये योग्य (Eligible) माना गया है। जबकि Meena सरनेम वाले अभ्यर्थियों को योग्य नहीं (Not Eligible) माना गया है। राजस्थान राज्य में मीना/मीणा दोनों सरनेम वाले लोगों को अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र जारी किये जाते रहे हैं।
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय में कंपनी प्रॉसीक्यूटर के पद पर भर्ती के लिये विज्ञापन जारी किया। इसमें #Mina जाति वाले अभ्यर्थियों को अनुसूचित जनजाति मानकर आरक्षण के लाभ के लिये योग्य (Eligible) माना गया है
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 21, 2020
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Mina और Meena के मुद्दे पर माननीय उच्च न्यायालय में भी कई रिट याचिकायें डाली गईं जिस पर मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार ने माननीय न्यायालय में शपथ पत्र देकर स्पष्ट किया गया कि मीना/मीणा दोनों एक ही जाति हैं। इनमें केवल स्पेलिंग का अंतर है।
जबकि #Meena सरनेम वाले अभ्यर्थियों को योग्य नहीं (Not Eligible) माना गया है।
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राजस्थान राज्य में मीना/मीणा दोनों सरनेम वाले लोगों को अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र जारी किये जाते रहे हैं।
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राजस्थान सरकार ने मीना/मीणा विवाद के संदर्भ में राज्य सरकार की स्थिति साफ करते हुये केंद्र सरकार द्वारा स्पष्टीकरण जारी करने के लिये 2018 में केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय को पत्र लिखा था जिसका केंद्र सरकार ने अभी तक जवाब नहीं दिया है। राजस्थान में इस मुद्दे पर कोई विवाद नहीं है। राजस्थान सरकार केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण जारी कर मीना और मीणा एक ही मान इस विवाद को खत्म करने के लिये फिर से पत्र लिखेगी।
#Mina और #Meena के मुद्दे पर माननीय उच्च न्यायालय में भी कई रिट याचिकायें डाली गईं जिस पर मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार ने माननीय न्यायालय में शपथ पत्र देकर स्पष्ट किया गया कि मीना/मीणा दोनों एक ही जाति हैं। इनमें केवल स्पैलिंग का अंतर है।
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राजस्थान सरकार "मीना " व "मीणा " के विवाद को खत्म करने के लिए एक बार फिर केंद्र सरकार को पत्र लिखेगी और उससे आग्रह करेगी कि "मीना " और "मीणा " को एक ही मानकर इस विवाद को समाप्त किया जाए। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा निकाली गयी एक रिक्ति का जिक्र करते हुए बुधवार को यह बात कही। उन्होंने ट्वीट किया, "संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय में कंपनी प्रॉसीक्यूटर के पद पर भर्ती के लिये विज्ञापन जारी किया गया है।
राजस्थान सरकार ने मीना/मीणा विवाद के संदर्भ में राज्य सरकार की स्थिति साफ करते हुये केंद्र सरकार द्वारा स्पष्टीकरण जारी करने के लिये 2018 में केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय को पत्र लिखा था जिसका केंद्र सरकार ने अभी तक जवाब नहीं दिया है।
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इसमें मीना जाति वाले अभ्यर्थियों को अनुसूचित जनजाति का मानकर आरक्षण के लाभ के लिये पात्र माना गया है, जबकि मीणा उपनाम वाले अभ्यर्थियों को पात्र नहीं माना गया है। " गहलोत के अनुसार, राजस्थान में मीना/मीणा दोनों उपनाम वाले लोगों को अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र जारी किये जाते रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने लिखा है कि "मीना " और "मीणा " के मुद्दे पर माननीय उच्च न्यायालय में भी कई रिट याचिकाएं दायर की गईं हैं जिस पर राजस्थान सरकार की ओर से मुख्य सचिव ने न्यायालय में शपथ पत्र देकर स्पष्ट किया है कि मीना/मीणा दोनों एक ही जाति है। इनमें केवल वर्तनी का अंतर है।
राजस्थान में इस मुद्दे पर कोई विवाद नहीं है। राजस्थान सरकार केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण जारी कर मीना और मीणा एक ही मान इस विवाद को खत्म करने के लिये फिर से पत्र लिखेगी।
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उन्होंने लिखा है कि राजस्थान सरकार ने मीना/मीणा विवाद के संदर्भ में राज्य सरकार की स्थिति साफ करते हुये केंद्र सरकार द्वारा स्पष्टीकरण जारी करने के लिये 2018 में केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय को पत्र लिखा था जिसका केंद्र सरकार ने अभी तक जवाब नहीं दिया है। गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार ‘मीना’ और ‘मीणा’ को एक ही मानकर इस विवाद को खत्म करने के लिये फिर से केंद्र सरकार को पत्र लिखेगी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में एक के बाद एक 5 ट्वीट करके इस मुद्दे पर राजस्थान में किसी तरह का विवाद होने से इंकार किया है। गहलोत ने हाईकोर्ट में पेश जवाब का हवाला देते हुए मीना और मीणा को एक ही जाति बताया और इनमें केवल सरनेम की स्पेलिंग का अंतर होने की बात कही है।