विधानसभा चुनावों में प्रमुख पार्टियों ने महिलाओं को टिकट देने में कंजूसी दिखाई है। राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस ने महज 49 यानी 24 प्रतिशत सीटों पर महिलाओं को मैदान में उतारा।
राजस्थान में भाजपा ने 23 और कांग्रेस ने 26 महिलाओं को टिकट दिया है। इस लिहाज से भाजपा ने 200 सीटों में से 11.5 प्रतिशत और कांग्रेस ने 13.5 प्रतिशत महिला प्रत्याशी ही उतारे।
राजस्थान के हर चुनाव में राजपरिवारों का दबदबा रहता है। इस बार भी राजपरिवार की महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा टिकट मिले है। भाजपा की ओर से महारानी सीएम वसुंधरा राजे, राजकुमारी सिद्धि कुमारी, कृष्णेंद्र कौर दीपा मैदान में हैं।
मुख्यमंत्री वसंुधरा राजे ने आज जोधपुर के ओसियां में चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुये कहा कि कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि भामाशाह कार्ड की कोई जरूरत नहीं है। कांग्रेस उस भामाशाह योजना का विरोध कर रही है जिसने देश में पहली बार राजस्थान की महिलाओं को घर का मुखिया बनाया। उन्हें आत्मनिर्भर किया। उनके नाम से बैंकों में खाते खोलकर सरकारी योजनाओं के शत-प्रतिशत पैसे उन तक पहंुचाए। कांग्रेस के नेता भामाशाह डिजिटल योजना के तहत 1 करोड़ महिलाओं को स्मार्ट फोन दिए जाने का भी विरोध कर रहें है क्योंकि कांग्रेस है ही महिला विरोधी, जिसे महिलाओं की तरक्की बर्दाश्त नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने भामाशाह, राजश्री, लैपटाॅप, स्कूटी एवं साइकिल वितरण जैसी योजनाओं के जरिए प्रदेश की महिलाओं को सशक्त बनाने का काम किया है। बारह साल तक की बालिकाओं के साथ दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा जैसा कड़ा कानून बनाकर महिलाओं को सुरक्षित होने का अहसास कराया है।
कांग्रेस की कुछ प्रमुख महिला उम्मीदवारों में उदयपुर से गिरिजा व्यास, कामां से जाहिदा खान, मालवीय नगर से अर्चना शर्मा, सादुलपुर से कृष्णा पूनिया, ओसियां से दिव्या मदेरणा हैं। भाजपा की प्रमुख चेहरों में कोलायत से पूनम कंवर, सपोटरा से गोलमा देवी, अजमेर दक्षिण से अनिता भदेल, राजसमंद से किरण व्यास शामिल हैं। कांग्रेस ने तीन मुस्लिम महिलाओं को टिकट दिया है। राजस्थान में पिछले चुनाव में सबसे अमीर प्रत्याशी रही कामिनी जिंदल इस बार भी श्रीगंगानगर सीट से लड़ रही हैं। अब उनकी कुल संपत्ति 287 करोड़ 46 लाख 45 हजार रुपए है। वह जमींदारा राष्ट्रीय पार्टी की प्रत्याशी हैं।