राजस्थानः बीजेपी की उकसाने की राजनीति का सीएम अशोक गहलोत ने दिया जवाब ?

By प्रदीप द्विवेदी | Published: July 31, 2019 06:27 AM2019-07-31T06:27:01+5:302019-07-31T06:27:01+5:30

उकसाने की राजनीति का फायदा बीजेपी देख चुकी है. इससे जहां समर्थक जोश में आते हैं, वहीं विरोधी उल्टी दिशा में आगे बढ़ने लगते हैं, जिससे यह धारणा बनाने में कामयाबी मिलती है कि गैर-भाजपाई हिन्दू विरोधी हैं, राष्ट्र विरोधी हैं.

Rajasthan: CM Ashok Gehlot's answer to BJP's provocative politics? | राजस्थानः बीजेपी की उकसाने की राजनीति का सीएम अशोक गहलोत ने दिया जवाब ?

राजस्थानः बीजेपी की उकसाने की राजनीति का सीएम अशोक गहलोत ने दिया जवाब ?

उकसाने की राजनीति बीजेपी का प्रमुख राजनीतिक हथियार बन गया है जिसके वार से पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी नहीं बच पाई हैं, लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बहुत ही सियासी सफाई से बीजेपी को इस मामले में एक्सपोज किया है.
सीएम गहलोत ने विधानसभा में जय श्रीराम का उद्घोष करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा. विनियोग विधेयक बहस पर अपने जवाब की शुरुआत में उन्होंने प्रदेश में कुछ दिनों से हो रही अच्छी बारिश का जिक्र करते हुए कहा कि- अच्छा मॉनसून आया है, उसके लिए सबको बधाई. जो चिंता की लकीरें हमारे माथे पर आ रही थीं, उनसे छुटकारा मिले उसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं..इसके बाद बीजेपी पर शब्दबाण चलाते हुए सीएम गहलोत बोले- इंद्रदेव की बड़ी कृपा हुई, कह सकता हूं मैं? उन पर तो आपका कब्जा नहीं है... जय श्रीराम! 

इसके बाद वे बोले- अब जय श्रीराम जो हैं, उस पर आपने कब्जा कर लिया! क्या हमारे लोग खुश नहीं हुए जब मैं बोला जय श्रीराम? सब खुश होते हैं, पर.... दुर्भाग्य यह है कि आप कब्जा कर लेते हो. जैसे गांधी जी पर कर रहे हो, सरदार पटेल पर कर रहे हो, आंबेडकर साहब पर कर रहे हो, ये गलत है?

सीएम गहलोत ने कहा- जय श्रीराम! श्रीराम का नाम मर्यादा पुरुषोत्तम राम होता है. हम उनके नाम को भी लोगों के बीच इस रूप में ले जाएं कि लोगों में अशांति पैदा हो, गुस्सा पैदा हो...यह अच्छी बात नहीं है. दुर्भाग्य है कि जिस प्रकार से मैंने कहा जय श्रीराम...सब खुश हो गए, चाहे पक्ष हो या विपक्ष या प्रदेशवासी हों. मन से कोई बोले तो अच्छी बात है, लेकिन जय श्रीराम को लेकर भी अगर हम इस प्रकार से माहौल बनाएंगे तो यह देश कहां जाएगा?

दरअसल, उकसाने की राजनीति का फायदा बीजेपी देख चुकी है. इससे जहां समर्थक जोश में आते हैं, वहीं विरोधी उल्टी दिशा में आगे बढ़ने लगते हैं, जिससे यह धारणा बनाने में कामयाबी मिलती है कि गैर-भाजपाई हिन्दू विरोधी हैं, राष्ट्र विरोधी हैं. इसमें कुछ गैर-भाजपाई बयानवीरों के कमेंट, उकसाने की राजनीति की राह को और भी आसान कर देते हैं. 

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी के पास उनकी विचारधारा से सहमत सर्वमान्य महान नेताओं की कमी है, लिहाजा वे आजादी के आंदोलन के अनेक नायकों और आजादी के बाद के अनेक प्रमुख नेताओं को तो जोरशोर से स्वीकार करते हैं, लेकिन उनकी विचारधारा से इत्तेफाक नहीं रखते हैं!

Web Title: Rajasthan: CM Ashok Gehlot's answer to BJP's provocative politics?

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