राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को पत्रकार अर्नब गोस्वामी पर कार्रवाई की मांग की है। सीएम गहलोत ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा कि अर्नब गोस्वामी ने सोनिया गांधी पर पर जो बयान दिया है वह बेहद निंदनीय है।
उन्होंने लिखा, 'अर्नब ने समझ खो कर अपनी सभी सीमाओं को लांघ दिया है। उसे खुद पर शर्म आनी चाहिए। मुझे एडिटर्स गिल्ड से पूछना चाहिए - क्या पत्रकारिता का सबसे गिरा स्तर नहीं है? श्री राजीव चंद्रशेखर को उन्हें तत्काल बर्खास्त करना चाहिए।'
बता दें कि पालघर में हुए मॉब लिंचिंग पर कांग्रेस की चुप्पी के पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को घेरते हुए 'रिपब्लिक टीवी' के संस्थापक अर्नब गोस्वामी ने तीखे सवाल पूछे।
उन्होंने सोनिया गांधी को घेरते हुए पूछा कि अगर किसी मौलवी या किसी पादरी की इस तरह से हत्या की गई होती तो क्या मीडिया, सेक्युलर गैंग व राजनीतिक दल आज शांत होते? एक पैनलिस्ट ने जवाब दिया कि अगर ऐसा होता तो अब तक पता नहीं क्या-क्या जला दिया गया होता। इसके बाद अर्नब ने पूछा कि अगर पादरियों की हत्या होती तो क्या ‘इटली वाली एंटोनिया माइनो’ चुप रहतीं? अर्नब ने कहा कि अगर किसी पादरी की हत्या होती तो आपकी पार्टी और आपकी पार्टी की ‘रोम से आई हुई, इटली वाली’ सोनिया गांधी बिलकुल चुप नहीं रहतीं।
बता दें कि हाल ही में रिपब्लिक टीवी के संस्थापक और जाने-माने एंकर अर्नब गोस्वामी ने लाइव टीवी पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया से इस्तीफा दिया है। अर्नब गोस्वामी ने अपने इस्तीफे के लिए एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया को जिम्मेदार बताया। वायरल वीडियो में उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है कि एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने अपने एडिटोरियल एथिक्स से पूरी तरह समझौता कर लिया है। वीडियो में अर्नब गोस्वामी ने यह भी बताया है कि वह काफी लंबे वक्त से एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्य हैं। अर्नब गोस्वामी ने लाइव टीवी शो में जिस वक्त इस्तीफा दिया, उस वक्त चैनले पर 16 अप्रैल को महाराष्ट्र के पालघर में हुई मॉब लिचिंग की घटना पर बहस हो रही थी। जिसमें ग्रामीणों ने चोरी के शक में तीन लोगों को पीट-पीटकर हत्या कर दी। मृतकों में दो साधु और एक ड्राइवर थे।