लाइव न्यूज़ :

राजस्थानः कांग्रेस का सियासी सस्पेंस खत्म, तो बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष की चर्चाएं शुरू!

By प्रदीप द्विवेदी | Updated: August 12, 2019 17:13 IST

इस बार वसुंधरा राजे के पक्ष पर शायद ही ध्यान दिया जाए, किन्तु इतना तय है कि जो भी अध्यक्ष बनेगा वह संघ की सहमति से ही बनेगा. इस वक्त बतौर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आधा दर्जन नाम चर्चा में हैं, जिनमें सतीश पूनिया, वासुदेव देवनानी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, राजेंद्र राठौड़, मदन दिलावर, अरूण चतुर्वेदी, सीपी जोशी आदि के नाम प्रमुख हैं.

Open in App
ठळक मुद्देकांग्रेस अध्यक्ष पद पर श्रीमती सोनिया गांधी की नियुक्ति के साथ ही राजस्थान में कांग्रेस का सियासी सस्पेंस खत्म हो गया है. यह माना जा रहा था कि इनमें से किसी एक की भी इस पद पर नियुक्ति होने पर प्रदेश में सत्ता का समीकरण बदलेगा, लेकिन अब यह साफ हो गया है कि सबकुछ वैसा ही रहेगा, जैसा है.

कांग्रेस अध्यक्ष पद पर श्रीमती सोनिया गांधी की नियुक्ति के साथ ही राजस्थान में कांग्रेस का सियासी सस्पेंस खत्म हो गया है. क्योंकि, सीएम अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, दोनों के नाम इस पद के लिए चर्चाओं में थे, इसलिए यह माना जा रहा था कि इनमें से किसी एक की भी इस पद पर नियुक्ति होने पर प्रदेश में सत्ता का समीकरण बदलेगा, लेकिन अब यह साफ हो गया है कि सबकुछ वैसा ही रहेगा, जैसा है.

इसके बाद, सियासी चर्चाओं में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का मुद्दा पहले पायदान पर है. संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं कि जल्दी ही राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी को नया प्रदेशाध्यक्ष मिलेगा. इसी वर्ष 24 जून 2019 को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी का निधन हो गया था, इसके बाद से ही यह पद रिक्त है. क्योंकि, प्रदेश में नगर निकाय और पंचायत चुनाव करीब हैं, लिहाजा, माना जा रहा है कि नये प्रदेशाध्यक्ष का ऐलान जल्दी ही कर दिया जाएगा. इसी साल के अंत में नगर निकायों के, तो अगले साल की शुरूआत में पंचायतों के चुनाव होने हैं.

वैसे, तो राजस्थान में विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी की सियासी तस्वीर बदल चुकी है. जब पिछली बार मदनलाल सैनी को बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था, तब वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थीं और बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व के साथ उनकी असहमति के चलते बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति का निर्णय लंबे समय तक अटका रहा था. बाद में करीब आते विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीच का रास्ता निकाला गया और मदनलाल सैनी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया.

अब बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व के सामने किसी तरह की सियासी उलझन नहीं है. वसुंधरा राजे सीएम नहीं हैं, तो नरेन्द्र मोदी एक बार फिर से प्रधानमंत्री बन गए हैं और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ताकतवर बन कर उभरे हैं, मतलब... अब बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व एक तरफा निर्णय आराम से कर सकता है.

जाहिर है, इस बार वसुंधरा राजे के पक्ष पर शायद ही ध्यान दिया जाए, किन्तु इतना तय है कि जो भी अध्यक्ष बनेगा वह संघ की सहमति से ही बनेगा. इस वक्त बतौर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आधा दर्जन नाम चर्चा में हैं, जिनमें सतीश पूनिया, वासुदेव देवनानी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, राजेंद्र राठौड़, मदन दिलावर, अरूण चतुर्वेदी, सीपी जोशी आदि के नाम प्रमुख हैं.

इस पद के लिए आमेर से विधायक और बीजेपी के लगातार चार बार प्रदेश महामंत्री रह चुके सतीश पूनिया का नाम प्रमुखता से सामने आता रहा है. वे संघ पृष्ठभूमि से भी हैं. सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को इस बार केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि उन्हें किसी बड़ी जिम्मेदारी के लिए ही केन्द्रीय मंत्रिमंडल से दूर रखा गया है. उन्हें भी बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है. 

वासुदेव देवनानी संघ पृष्ठभूमि के साथ-साथ शुरूआत से ही बीजेपी से जुड़े हुए हैं. उन्हें सत्ता और संगठन का खासा अनुभव है. वे भी प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी जाति समीकरण साधने के नजरिए से भी निर्णय कर सकती है. ऐसी स्थिति में प्रदेशाध्यक्ष जाट, ब्राह्मण या राजपूत समाज से हो सकता है.

राजस्थान में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही यह स्पष्ट हो जाएगा कि बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को साथ लेकर चलेगा या फिर नया प्रादेशिक नेतृत्व तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ेगा! 

वैसे, बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व चर्चाओं से हटकर चौंकाने वाले फैसले भी करता रहा है, इसलिए यह भी संभव है कि कोई एकदम नया नाम ही सामने आए, लेकिन नए बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष के समक्ष सियासी समीकरण में संतुलन कायम करना सबसे बड़ी चुनौती रहेगी.

टॅग्स :भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)कांग्रेसराजस्थान
Open in App

संबंधित खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारतMCD Bypoll Results 2025: दिल्ली के सभी 12 वार्डों के रिजल्ट अनाउंस, 7 पर बीजेपी, 3 पर AAP, कांग्रेस ने 1 वार्ड जीता

भारतMCD by-elections Result: BJP ने चांदनी चौक और शालीमार बाग बी में मारी बाजी, कांग्रेस ने जीता संगम विहार ए वार्ड

भारतबिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी के अंदर एक बार फिर शुरू हो गया है 'एकला चलो' की रणनीति पर गंभीर मंथन

भारत अधिक खबरें

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की