अशोका यूनिवर्सिटी से भानु प्रताप मेहता और अरविंद सुब्रमणयम के इस्तीफे पर रघुराम राजन बोले- ये अभिव्यक्ति की आजादी को झटका

By भाषा | Updated: March 20, 2021 17:12 IST2021-03-20T16:42:35+5:302021-03-20T17:12:56+5:30

अशोका यूनिवर्सिटी में इस्तीफों पर जारी विवाद के बीच आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के संस्थापकों ने अपनी आत्मा से समझौता किया है।

Rajan said in the Ashoka University case, freedom of expression in India was a 'serious setback' | अशोका यूनिवर्सिटी से भानु प्रताप मेहता और अरविंद सुब्रमणयम के इस्तीफे पर रघुराम राजन बोले- ये अभिव्यक्ति की आजादी को झटका

अशोका यूनिवर्सिटी में इस्तीफों पर विवाद के बीच रघुराम राजन का दी है अपनी प्रतिक्रिया (फाइल फोटो)

Highlightsइस्तीफों पर बोले रघुराम राजन, 'अशोका यूनिवर्सिटी के संस्थापकों ने अपनी आत्मा से समझौता किया है'भानु प्रताप मेहता और फिर अरविंद सुब्रमणयम के इस्तीफे से मचा है पूरा विवाद रघुराम राजन ने कहा- प्राइवेट यूनिवर्सिटी होते हुए भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और आजादी नहीं होना परेशान करने वाली चीज है

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि अशोक विश्वविद्यालय से भानु प्रताप मेहता तथा अरविंद सुब्रमणयम के इस्तीफे से अभिव्यक्ति की आजादी को ‘गंभीर झटका’ लगा है। उन्होंने कहा कि अशोक विश्वविद्यालय के संस्थापकों ने अपनी आत्मा से समझौता किया है।

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री राजन अशोक विश्वविद्यालय से मेहता तथा सुब्रमणयम के इस्तीफे पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे।

इससे पहले इसी सप्ताह सोनीपत का यह प्रमुख विश्वविद्यालय राजनीतिक टिप्पणीकार मेहता और अर्थशास्त्री सुब्रमण्यम के इस्तीफे के बाद विवादों के घेरे में आ गया था। यह विश्वविद्यालय उदार कला और विज्ञान विषयों में पाठ्यक्रम उपलब्ध करता है।

‘लिंक्डइन’ पर पोस्ट में राजन ने कहा कि भारत में इस सप्ताह अभिव्यक्ति की आजादी को गंभीर झटका लगा है। देश के बेहतरीन राजनीतिक टिप्पणीकार प्रोफेसर मेहता ने अशोक विश्विविद्यालय से इस्तीफा दे दिया है।

राजन ने कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि प्रोफेसर मेहता किसी संस्थान के लिए ‘कांटा’ थे। वह कोई साधारण कांटा नहीं हैं, बल्कि वह सरकार में उच्च पदों पर बैठे लोगों के लिए अपनी जबर्दस्त दलीलों से कांटा बने हुए थे।’’

अशोक विश्वविद्यालय में हालिया घटनाक्रमों पर शिकॉगो विश्वविद्यालय, बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस के प्रोफेसर राजन ने कहा, ‘‘अभिव्यक्ति की आजादी इस महान विश्विविद्यालय की आत्मा है। इसपर समझौता कर विश्वविद्यालय के संस्थापकों ने आत्मा को चोट पहुंचाई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप अपनी आत्मा को ‘बेचने’ की मंशा रखते हैं, तो क्या इससे दबाव समाप्त हो जाएगा। यह निश्चित रूप से भारत के लिए एक बुरा घटनाक्रम है।’’

मेहता के इस्तीफे के बाद प्रोफेसर सुब्रमण्यम ने भी विश्वविद्यालय से इस्तीफा दे दिया था।

राजन ने सुब्रमण्यम के इस्तीफे की कुछ पंक्तियों का भी जिक्र किया है। इसमें कहा गया है, ‘‘यहां तक कि अशोक, जो निजी विश्वविद्यालय है और यह निजी पूंजी के जरिये संचालित है, वहां भी अकादमिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और आजादी नहीं है, जो काफी परेशान करने वाली चीज है।’’

राजन ने कहा, ‘‘यदि विश्वविद्यालय के संस्थापकों को लगता है कि उन्होंने विश्वविद्यालय के हित में शक्तिशाली लोगों से समझौता किया है, तो वे गलत हैं।’’

राजन ने कहा, ऐसा नहीं है कि मेहता विपक्ष के साथ सहानुभूति रखते हैं। एक सच्चे शिक्षाविद की तरह वह उनकी भी इसी तरह से आलोचना करते हैं।

राजन ने मेहता के त्यागपत्र की कुछ और पंक्तियों का भी उल्लेख किया है। इसमें कहा गया है, ‘‘संस्थापकों के साथ बैठक के बाद मुझे यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया कि मेरा विश्वविद्यालय से जुड़ाव को एक राजनीतिक बोझ समझा जाएगा।

Web Title: Rajan said in the Ashoka University case, freedom of expression in India was a 'serious setback'

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