लॉकडाउन में रेलवे ने की हजारों किमी रेलमार्गों और पुलों की मरम्मत, भुसावल के 6 एफओबी बनाए गए
By संतोष ठाकुर | Updated: May 4, 2020 07:24 IST2020-05-04T07:24:37+5:302020-05-04T07:24:37+5:30
रेल मंत्री पीयूष गोयल के निर्देश पर चेयरमैन रेलवे बोर्ड वी. के. यादव और अन्य अधिकारियों ने इसके लिए कार्ययोजना बनाई और वह असंभव कार्य करके दिखाया जो वर्षों से लंबित था. रेलवे के मुताबिक इसके लिए 500 मॉर्डन हैवी ड्यूटी ट्रैक मैंटेनेंस मशीन से लगभग उतना काम किया गया जो 10749 दिन में किया जाता.

भुसावल के 6 एफओबी बनाने का हुआ काम रेलमार्गों की सेहत जानने के लिए ओएमसी तकनीक से 192488 किमी और 5362 पीक लोकेशन का भी मुआयना किया गया.
नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान रेलवे केवल देश में अनाज और आवश्यक वस्तुएं ही नहीं पहुंचा रहा है, बल्कि उसने लॉकडाउन को एक अवसर की तरह देखते हुए हजारों किलोमीटर रेलमार्गों और पुलोंं की मरम्मत का कार्य भी पूरा किया. ये ऐसे काम हैं जिन्हें अन्य दिनों में पूरा करने के लिए उसे देश के व्यस्त मागार्ें पर रेल परिचालन को स्थगित या डायवर्ट करने की जरूरत होती.
रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि यह ऐसा अवसर था जब बिना किसी रुकावट के यह कार्य किया जा सकता था. रेल मंत्री पीयूष गोयल के निर्देश पर चेयरमैन रेलवे बोर्ड वी. के. यादव और अन्य अधिकारियों ने इसके लिए कार्ययोजना बनाई और वह असंभव कार्य करके दिखाया जो वर्षों से लंबित था.
इनमें से कई पुल तो ऐसे थे जिनकी पूरी मरम्मत इसलिए नहीं हो पाती थी क्योंकि उससे समस्त रेलमार्गों पर परिचालन ठप हो जाता. रेलवे के मुताबिक इसके लिए 500 मॉर्डन हैवी ड्यूटी ट्रैक मैंटेनेंस मशीन से लगभग उतना काम किया गया जो 10749 दिन में किया जाता.
इसके जरिये 12270 किमी रेलमार्ग का कार्य किया गया. यार्ड रिमॉडलिंग, सीजर मोड को भी इस दौरान दुरुस्त किया गया. लॉकडाउन के दौरान घुमावदार ट्रैक के 5263 किमी पर भी मरम्मत किया गया. अल्ट्रासोनिक फ्लॉ डिटेक्शन से 30182 किमी रेलमार्ग का परीक्षण कर 134443 किमी के बेहतरीकरण की भी समीक्षा की गई.
भुसावल के 6 एफओबी बनाने का हुआ काम रेलमार्गों की सेहत जानने के लिए ओएमसी तकनीक से 192488 किमी और 5362 पीक लोकेशन का भी मुआयना किया गया. कई जगह पर लकड़ी के सीजर मोड को स्टैंडर्ड पीएससी लेआउट से बदला गया. भुसावल में 6 फुटओवर ब्रिज बनाने, लुधियाना में दो पुराने फुटओवर ब्रिज हटाने के साथ ही कई लंबित निर्माण कार्य को भी इस अवधि में अंजाम दिया गया.