रेलवे का एलान, 18,000 करोड़ खर्च होंगे, 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ेंगी ट्रेनें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 23, 2019 02:31 PM2019-10-23T14:31:31+5:302019-10-23T14:31:31+5:30
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी के यादव ने बात कही। यादव ने अंतरराष्ट्रीय रेल सम्मेलन-2019 और 13 वीं अंतरराष्ट्रीय रेलवे उपकरण प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद कहा कि परियोजना को शुरू होने के बाद उसे पूरा होने में चार साल लगेंगे।
रेलवे बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाकर व्यस्त दिल्ली-मुम्बई और दिल्ली-कोलकाता मार्गों पर 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेनें चलाने के लिए 18,000 करोड़ रुपये की परियोजना जमीन पर उतारेगी।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी के यादव ने बात कही। यादव ने अंतरराष्ट्रीय रेल सम्मेलन-2019 और 13 वीं अंतरराष्ट्रीय रेलवे उपकरण प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद कहा कि परियोजना को शुरू होने के बाद उसे पूरा होने में चार साल लगेंगे।
भारतीय उद्योग परिसंघ ने यहां एयरोसिटी में रेलवे के साथ मिलकर इन दोनों कार्यक्रमों को आयोजित किया है। रेलवे का लक्ष्य दिल्ली-मुम्बई और दिल्ली-कोलकाता मार्गों पर 160 किलोमीटर प्रति घंटा और मुम्बई -अहमदाबाद मार्ग की वर्तमान बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत 320 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उच्च गति ट्रेनें चलाना है।
फिलहाल विभिन्न मार्गों पर ट्रेनों की अधिकतम औसत गति 99 किलोमीटर प्रति घंटा और हाल ही में दिल्ली-कानपुर खंड पर शुरू की गयी दिल्ली-वाराणसी भारत एक्सप्रेस 104 किलोमीटर प्रति घंटा की औसत रफ्तार है।
रेल मंत्रालय के अनुसार 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलाने के लिए बुनियादी ढांचों को उन्नत करना होगा जिसके तहत बाड़ लगाना, ट्रैक और सिग्नल प्रणाली को अद्यतन करना, मानवरहित फाटकों को हटाना आदि शामिल है। यादव ने कहा कि रेलवे ‘बदलाव के दौर’ से गुजर रहा है और वह ‘आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में है।’ उन्होंने कहा कि उसके तहत 68,000 किलोमीटर ब्रॉड गेज मार्ग का अगले तीन सालों में विद्युतीकरण किया जाएगा।