'देश के जातिगत आंकड़े जानना जरूरी, जितनी आबादी-उतना हक मिलना चाहिए'- राहुल गांधी
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: October 2, 2023 04:52 PM2023-10-02T16:52:21+5:302023-10-02T16:53:24+5:30
राहुल गांधी ने बिहार में जाति आधारित गणना के आंकड़े सामने आने के बाद प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि देश के जातिगत आंकड़े जानना जरूरी है और जिनकी जितनी आबादी है, उन्हें उनका उतना हक मिलना चाहिए।
नई दिल्ली: बिहार जातीय जनगणना जारी करने वाला पहला राज्य बन गया है। बिहार सरकार में अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने सोमवार को यह रिपोर्ट जारी की। जातीय जनगणना की रिपोर्ट के आंकड़े कहते हैं कि राज्य की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक है। बिहार सरकार ने अपने वादे के अनुसार यह जानकारी भी दी कि कौन सी जाति की कितनी आबादी है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बिहार में जाति आधारित गणना के आंकड़े सामने आने के बाद प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि देश के जातिगत आंकड़े जानना जरूरी है और जिनकी जितनी आबादी है, उन्हें उनका उतना हक मिलना चाहिए।
बिहार की जातिगत जनगणना से पता चला है कि वहां OBC + SC + ST 84% हैं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 2, 2023
केंद्र सरकार के 90 सचिवों में सिर्फ़ 3 OBC हैं, जो भारत का मात्र 5% बजट संभालते हैं!
इसलिए, भारत के जातिगत आंकड़े जानना ज़रूरी है। जितनी आबादी, उतना हक़ - ये हमारा प्रण है।
'एक्स' पर एक पोस्ट में राहुल ने कहा, "बिहार की जातिगत जनगणना से पता चला है कि वहां OBC + SC + ST 84% हैं। केंद्र सरकार के 90 सचिवों में सिर्फ़ 3 OBC हैं, जो भारत का मात्र 5% बजट संभालते हैं! इसलिए, भारत के जातिगत आंकड़े जानना ज़रूरी है। जितनी आबादी, उतना हक़ - ये हमारा प्रण है।"
राहुल इससे पहले भी जातीय जनगणना के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमलावर रह चुके हैं। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी एलान कर चुके हैं कि केंद्र में सरकार बनने के बाद सबसे पहले हम जातीय जनगणना का काम कराएंगे। राहुल बार-बार ये दोहराते रहे हैं कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना कराई थी। राहुल गांधी आरोप लगाते रहे हैं कि 2011 में हुई जनगणना के दौरान एकत्र किया गया जातीय आबादी का आंकड़ा भी केंद्र सरकार के पास है लेकिन नरेंद्र मोदी इस डेटा को आपके साथ साझा नहीं करना चाहते हैं।
बता दें कि बिहार सरकार ने सोमवार को बहुप्रतीक्षित जाति आधारित गणना के निष्कर्ष जारी किए, जिसमें खुलासा हुआ कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) राज्य की कुल आबादी का 63 प्रतिशत हैं। बिहार के विकास आयुक्त विवेक सिंह द्वारा यहां जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य की कुल जनसंख्या 13.07 करोड़ से कुछ अधिक है, जिसमें से 36 प्रतिशत के साथ ईबीसी सबसे बड़ा सामाजिक वर्ग है। इसके बाद ओबीसी 27.13 प्रतिशत हैं। बिहार के आंकड़े जारी होने के बाद अन्य राज्यों में भी जातीय जनगणना कराने की मांग जोर पकड़ सकती है।