नई दिल्ली: पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सार्वजनिक बुद्धिजीवियों के साथ वीडियो-संवाद की एक सीरिज शुरू की है। इस सीरिज के पहले एपिसोड में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और भारत के पूर्व केंद्रीय बैंक गवर्नर रघुराम राजन हैं। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर इसे पोस्ट किया है। इसके साथ ही लिखा, 'राहुल गांधी COVID-19 और इसके आर्थिक प्रभाव से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर आरबीआई के पूर्व गवर्नर डॉ रघुराम राजन के साथ बातचीत करेंगे। कल सुबह 9 बजे ट्यून हमारे सामाजिक मीडिया प्लेटफार्मों पर इस बातचीत को देखने के लिए।'
वहीं, हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक, कांग्रेस के सोशल मीडिया हेड रोहन गुप्ता ने बताया कि गांधी राजन से बात करेंगे और वीडियो कल लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'वह (गांधी) रघुराम राजन से बात करेंगे। यह चर्चा कोरोनो वायरस संकट के पतन के बारे में है और साथ ही यह की ये अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा कि वे इसे एक अवसर में बदलने के तरीके पर भी चर्चा करते हैं। कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने कहा, "यह पहली बार है जब राहुल गांधी वीडियो संवादों की सीरीज में बौद्धिक लोगों के साथ काम करेंगे। इसमें सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और दुनिया भर में जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ता शामिल हैं।' इस एपिसोड को रिकॉर्ड किया गया है और अगले कुछ दिनों में कांग्रेस द्वारा सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जाएगा।
कांग्रेस और मोदी सरकार के बीच बैंकों का पैसा लूटने वालों को लेकर तेज़ हुई जंग
जानबूझ कर बैंकों का कर्ज़ डकारने वाले 50 प्रमुख उद्द्योगिक घरानों जिसमें स्वामी रामदेव से लेकर नीरव मोदी, मेहुल भाई, माल्या जैसे नाम शामिल हैं को लेकर कांग्रेस और सरकार के बीच जुबानी जंग तेज़ होती जा रही है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने राहुल को जवाब देने के लिये ट्वीट की झड़ी लगा दी ,फिर कांग्रेस कहाँ खामोश बैठने बाली थी,पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने निर्मला सीतारमण के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। रणदीप सुरजेवाला ने कहा वित्तमंत्री को देश को भटकाने की बजाय सच बताना चाहिये, 2014 से 2020 के बीच बैंक डिफॉल्टरों का 666000 करोड़ का कर्ज़ क्यों माँफ किया। यह सिस्टम की सफाई नहीं ,जनता की गाड़ी कमाई की सफ़ाई है।
चिदंबरम ने निर्मला सीतारमण पर सीधा हमला किया यह कहते हुये कि वे टेक्निकल रूल के पीछे क्यों छिप रही हैं. निर्मला सीतारमण द्वारा इस मामले में दी गयी सफाई पर टिप्पणी करते हुए चिदंबरम ने कहा, 'मैंने संसद में पूछा था कि 2004 से पहले, 2004 से 2014 तक के और 2014 के बाद के नॉन प्रोफिटेबल असेट जिसे हम एनपीए कहते हैं का पूरा ब्यौरा सरकार क्यों नहीं दे रहीं है। यह ब्यौरा सार्वजानिक हो तो ही पता लगेगा कि इस दौरान कितने लोन दिए गए? निर्मला सीतारमण सिर्फ़ यह कहती रहती हैं कि सारे ऋण यूपीए सरकार के कार्यकाल में दिये गये थे हम तो उस गंदगी को साफ़ कर रहे हैं। चिदंबरम ने पलट वार किया कि वित्त मंत्री एक तकनीकी बात कह रही हैं पर सवाल एक बड़े आयाम का है. भगोड़ों पर वो नियम लागू क्यों हो रहा है जो हज़ारों करोड़ का क़र्ज़ लेकर भाग चुके हैं.
वित्त मंत्री टेक्निकल रूल के पीछे क्यों छिप रही हैं. यह नियम उन सभी डिफ़ॉल्टर पर लागू हो सकता है जिनकी संपत्ति यहाँ है और उससे यहां पर रिकवरी हो सकती है.इसके जबाब में निर्मला सीतारमण ने यह गिनाना शुरू किया कि उनकी मोदी सरकार ने कार्यवाही कर ऐसे डिफॉल्टरों की संपत्ति से कितनी बसूली अब तक की है। यह जंग फ़िलहाल थमने के आसार नज़र नहीं आ रहे क्योंकि दोनों तरफ़ से तलवारें खींची हुयी हैं।