Rahul Gandhi Birthday 2024: भारतीय राजनीति में गांधी परिवार का महत्वपूर्ण योगदान है जिनके वंशज राहुल गांधी इस सियासी विरासत में आगे बढ़ा रहे हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बड़े नेताओं में शामिल राहुल गांधी का आज जन्मदिन हैं। 19 जून 2024 यानि आज राहुल गांधी 54 साल के हो गए हैं। भारत के सबसे प्रभावशाली राजनीतिक परिवार में जन्मे, उनका रास्ता राजनीति के लिए ही बना था। राहुल गांधी का जन्म 19 जून, 1970 को दिल्ली में राजीव और सोनिया गांधी के घर हुआ था। उनके वंश में उनकी दादी इंदिरा गांधी और परदादा जवाहरलाल नेहरू शामिल हैं, जो भारत के पहले प्रधानमंत्री थे।
उन्होंने देहरादून के दून स्कूल से शिक्षा प्राप्त की, उसके बाद फ्लोरिडा, यूएसए के रोलिंस कॉलेज से और कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज से डेवलपमेंट स्टडीज में एम.फिल. की। हालांकि, राहुल गांधी के लिए राजनीति में कदम रखना और सफल होना आसान नहीं रहा। उनके पिता की बतौर प्रधानमंत्री रहते हुए हत्या होना और उस सब से उभर कर, पिता की तरह राजनीति में आना राहुल गांधी के लिए आसान नहीं था। कांग्रेस नेता के जन्मदिन के खास मौके पर आइए जानते हैं उनके राजनीतिक सफर के बारे में...
ऐसे हुई राजनीति में एंट्री
राहुल गांधी का औपचारिक राजनीतिक जीवन 2004 में शुरू हुआ जब उन्होंने उत्तर प्रदेश के अमेठी से संसदीय सीट के लिए चुनाव लड़ा और जीत हासिल की, जो पहले उनके पिता और चाचा के पास थी। इस जीत ने भारतीय राजनीति में उनके सक्रिय प्रवेश को चिह्नित किया। राजनीति में पारिवारिक पृष्ठभूमि के बावजूद, राहुल को विपक्षियों की आलोचनाओं का खासा सामना करना पड़ा। उन्हें अक्सर जमीनी हकीकत से दूर बताया गया। युवाओं और ग्रामीण आबादी से जुड़ने के उनके शुरुआती प्रयासों को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली। 2007 में, राहुल गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव बने, जो उनके बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) और युवा कांग्रेस को पुनर्जीवित करने पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें जमीनी स्तर पर सक्रियता और पुनर्गठन पर जोर दिया गया।
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2009 के भारतीय आम चुनाव राहुल गांधी के लिए महत्वपूर्ण थे। कांग्रेस अभियान में उनके प्रयासों ने एक महत्वपूर्ण जीत में योगदान दिया, जिससे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार को दूसरा कार्यकाल मिला। विभिन्न सामाजिक समूहों के साथ उनके जुड़ाव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इसके बाद के सालों में राहुल के नेतृत्व की कड़ी परीक्षा हुई, खासकर 2014 और 2019 के राष्ट्रीय चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद। आलोचकों ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की बढ़ती लोकप्रियता का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने में उनकी अक्षमता की ओर इशारा किया। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में करारी हार का मुंह देखना पड़ा जिससे पार्टी के बीच नेता को लेकर असहमति बढ़ने लगी। कई कांग्रेस नेताओं ने पार्टी छोड़ी और बीजेपी में शामिल हो गए।
इन सब चुनौतियों के बावजूद राहुल गांधी 2024 के लोकसभा चुनाव में एक बड़े नेता के रूप में उभरे। उनकी भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा पहल युवाओं, वंचितों और किसानों के साथ सकारात्मक रूप से जुड़ी हुई थी। यह जुड़ाव 2024 के आम चुनावों के दौरान उत्तर प्रदेश के रायबरेली और केरल के वायनाड में उनकी जीत में परिलक्षित हुआ।
चुनौतियों और लचीलेपन से चिह्नित राहुल गांधी के शुरुआती राजनीतिक करियर ने भारतीय राजनीति में उनकी वर्तमान स्थिति को आकार दिया है। जैसे-जैसे वह अपना 54वां जन्मदिन मना रहे हैं, उनकी यात्रा विकसित होती जा रही है, जो सार्वजनिक सेवा के प्रति उनकी स्थायी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।