राहुल गांधी की 'भूकंप स्पीच' से फ्रांस में झटके, देनी पड़ी राफेल सौदे पर सफाई
By कोमल बड़ोदेकर | Published: July 21, 2018 09:41 AM2018-07-21T09:41:02+5:302018-07-21T09:54:05+5:30
संसद सत्र के तीसरे सदन में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव वाले दिन अपनी भूंकप ला देने वाली स्पीच के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार को जमकर घेरा। राफेल सौदे पर राहुल गांधी के आरोपों के बाद अब फ्रांस को सफाई देनी पड़ी है।
नई दिल्ली, 21 जुलाई। संसद सत्र के तीसरे दिन सदन में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर अपनी भूंकप ला देने वाली स्पीच के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार को जमकर घेरा। इस दौरान राहुल गांधी ने राफेल हैलिकॉप्टर सौदे में प्रति हैलिकॉप्टर कीमत जादू से 520 करोड़ रुपये से 1600 करोड़ रुपये पहुंचने पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने फ्रांस से मिलीभगत की और देश से झूठ बोला।
राहुल गांधी के इन आरोपों के बाद फ्रांस सरकार को एक बयान जारी करना पड़ा है। शुक्रवार को जारी किए गए अपने बयान में फ्रांस सरकार ने कहा है कि, भारत के साथ 2008 में किया गया सुरक्षा समझौता गोपनीय है और दोनों देशों के बीच रक्षा उपकरणों की संचालन क्षमताओं के संबंध में इस गोपनीयता की रक्षा करना कानूनी रूप से बाध्यकारी है।
यह भी पढ़ें: राहुल गांधी ने संसद में सचमुच ला दिया भूकंप, बौखलाई बीजेपी, पढ़ें भाषण की 15 खास बातें
फ्रांस ने कहा कि, हमने भारतीय संसद में श्री राहुल गांधी के बयान को देखा और सुना। फ्रांस और भारत के बीच 2008 में एक सुरक्षा समझौता हुआ था, जिसके चलते दोनों देश सभी सुरक्षा उपकरणों की ऑपरेशनल और सुरक्षा क्षमताओं को प्रभावित कर सकने वाली पार्टनर द्वारा उपलब्ध करवाई गई गोपनीय जानकारी को छिपाने के लिए कानूनी तौर पर बाध्य हैं।
that could impact security and operational capabilities of the defence equipment of India or France. These provisions naturally apply to the IGA concluded on 23 September 2016 on the acquisition of 36 Rafale aircraft and their weapons: France statement 2/2 https://t.co/vhHhAi9fMi
— ANI (@ANI) July 20, 2018
यही प्रावधान स्वाभाविक रूप से 23 सितंबर, 2016 को हुए उस सौदे पर भी लागू होते हैं, जो 36 राफेल विमानों और उनके हथियारों की खरीद के लिए हुआ है। हांलाकि फ्रांस के इस बयान से ये साफ नहीं हो पाया कि ये गोपनियता राफेल सौदे की कीमतों को लेकर भी है या नहीं।
यह भी पढ़ें: ...और इस तरह राहुल ने एक झटके में तोड़ दिए आंख मारने के ये 8 नियम
बता दें कि अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि, राफेल लड़ाकू विमान 520 करोड़ रुपये का था लेकिन प्रधानमंंत्री जी फ्रांस गए और जादू से प्रति हवाई जहाज 1600 करोड़ रुपये का हो गया, लेकिन रक्षामंत्री रिपोर्ट देने से पलट गईं।
इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि, फ्रांस और भारत के बीच सीक्रेसी साइन हुआ है। लेकिन फ्रांस के राष्ट्रपति ने मुझे बताया की ऐसा कुछ नहीं है। प्रधानमंत्री के दबाव में आकर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन ने देश से छूट बोला। किसकी मदद हो रहा है ये सब आप देश को बताइये।