राहुल और राजन बोले- कोरोना संकट के समय भारतीय समाज विभाजन और नफरत का जोखिम मोल नहीं ले सकता

By गुणातीत ओझा | Updated: April 30, 2020 13:03 IST2020-04-30T13:03:23+5:302020-04-30T13:03:23+5:30

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और जानमाने अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने देश में सामाजिक सौहार्द को बरकरार रखने की जरूरत पर जोर देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोना महामारी जैसे बड़े संकट के समय भारतीय समाज विभाजन और नफरत का जोखिम मोल नहीं ले सकता।

Rahul and Rajan said Indian society cannot afford division and hatred in the time of Corona crisis | राहुल और राजन बोले- कोरोना संकट के समय भारतीय समाज विभाजन और नफरत का जोखिम मोल नहीं ले सकता

राहुल और राजन ने कोरोना संकट के समय सामाजिक सद्भाव बरकरार रखने को जरूरी बताया

Highlightsकांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और जानमाने अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने कोरोना संकट के बीच देश में सामाजिक सौहार्द को बरकरार रखने पर जोर दिया।दोनों दिग्गजों ने गुरुवार को संयुक्त संवाद में कहा कि कोरोना महामारी जैसे बड़े संकट के समय भारतीय समाज विभाजन और नफरत का जोखिम मोल नहीं ले सकता।

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और जानमाने अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने कोरोना संकट के बीच देश में सामाजिक सौहार्द को बरकरार रखने पर जोर दिया। दोनों दिग्गजों ने गुरुवार को संयुक्त संवाद में कहा कि कोरोना महामारी जैसे बड़े संकट के समय भारतीय समाज विभाजन और नफरत का जोखिम मोल नहीं ले सकता। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद के दौरान दोनों ने दुनिया के कई हिस्सों में अधिनायकवादी मॉडल एवं व्यक्तिव के उभार को लेकर भी चिंता जताई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि अगर विभाजन और नफरत होगी तो लोग बंटेंगे। यह भी एक ढांचा है। विभाजन का एक ढांचा और नफरत का भी एक ढांचा है जो बड़ी सस्या पैदा करते हैं।

इस पर रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर राजन ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर। सामाजिक सद्भाव में ही जनता का हित है। हर किसी को यह विश्वास दिलाना जरूरी है कि वह व्यवस्था का हिस्सा है और उसका बराबर का हिस्सा है। हम अपने घर के बंटे होने का जोखिम मोल नहीं ले सकते। खासतौर पर उस समय जब चुनौती इतनी बड़ी है।’’ राजन ने देश के निर्माताओं, संविधान निर्माताओं और शुरुआती प्रशासकों का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्हें अहसास था कि कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिनको अलग रखना है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अगर हम उन मुद्दों में पड़ जाएंगे तो एक दूसरे से लड़ने में ही बहुत समय चला जाएगा। राहुल गांधी ने कहा कि अब भारत को नए दृष्टिकोण की जरूरत है। कांग्रेस नेता ने कहा कि अब दुनिया में एक अधिनायकवादी मॉडल आया है जो उदारवादी मॉडल पर सवाल खड़े करता है। यह काम करने का अलग तरीका है यह विभिन्न स्थानों पर उभर रहा है।

इस पर राजन ने कहा, ‘‘ऐसी दुनिया जहां आप शक्तिहीन हैं वहां एक अधिनायकवादी मॉडल और मजबूत व्यक्तित्व कभी-कभी अपील करता है। खासतौर पर तब जब आपका उस व्यक्तित्व के साथ एक निजी लगाव हो जाता है।’’ रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर के अनुसार समस्या है कि अधिनायकवादी व्यक्तित्व खुद में यह भाव पैदा कर सकता है, ‘‘मैं ही ताकत हूं और जो कहता हूं वहीं होता है, मेरा नियम लागू होता है और कोई जांच-परख नहीं होती है, संस्थान नहीं हैं और कोई विकेंद्रित ढांचा नहीं है तथा सब कुछ मेरे जरिए होता है।’’ गांधी ने कहा कि भारत में गरीब और अमीर के बीच की खाई से उन्हें चिंता होती है और कोरोना संकट के समय रसूखदार वर्ग और गरीबों के साथ व्यवहार में दो अलग अलग विचार सामने आए हैं। दोनों ने भारत में कोरोना की जांच बढ़ाने की जरूरत पर भी जोर दिया। राजन ने कहा कि अमेरिका में रोजाना औसतन 15,0000 जांच हो रही हैं। बहुत सारे विशेषज्ञ कह रहे हैं कि पांच लाख लोगों की जांच करनी चाहिए। भारत में हम रोजाना 20-25 हजार जांच कर रहे हैं। हमें बड़े पैमाने पर जांच करनी होगी।

Web Title: Rahul and Rajan said Indian society cannot afford division and hatred in the time of Corona crisis

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