Raghubar Das Resigned: ओडिशा राज्यपाल पद से इस्तीफा?, क्या झारखंड राजनीति में एंट्री करेंगे रघुवर दास, बाबूलाल मरांडी का क्या होगा...
By एस पी सिन्हा | Updated: December 25, 2024 15:37 IST2024-12-25T15:36:55+5:302024-12-25T15:37:45+5:30
Raghubar Das Resigned: रघुवर दास को 18 अक्टूबर 2023 को ओडिशा का राज्यपाल नियुक्त किया गया था।

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रांचीः रघुवर दास के द्वारा ओडिशा के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिए जाने के बाद झारखंड का सियासी पारा चढ़ गया है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि रघुवर दास को एक बार फिर से प्रदेश की राजनीति में वापसी हो सकती है। कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा को झारखंड में जिस सशक्त नेतृत्व की तलाश है, वह रघुवर पर खत्म हो सकती है। रघुवर दास पूर्व में भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। सूत्रों की मानें तो विधानसभा चुनाव से पहले ही रघुवर दास राज्य की राजनीति में आने को इच्छुक थे। हालांकि तात्कालिक कारणों से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने इसकी अनुमति नहीं दी।
रघुवर दास ने निचले स्तर से भाजपा में कार्य किया है। भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी विधायक दल के नेता बनाए जा सकते हैं। ऐसे में भाजपा को रघुवर दास का साथ संबल दे सकता है। रघुवर दास के बहाने भाजपा प्रभावशाली ओबीसी वोट बैंक को भी साध सकती है।
भाजपा रघुवर दास की भावना का सम्मान करते हुए उनकी परंपरागत सीट जमशेदपुर पूर्वी पर उनकी बहू पूर्णिमा दास साहू को पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा था और भाजपा का यह निर्णय सही रहा। रघुवर दास की बहू अच्छे अंतर से विजयी होने में कामयाब रहीं। रघुवर दास को पहली बार पूरे कार्यकाल तक राज्य का मुख्यमंत्री बनने का भी गौरव हासिल हुआ है।
रघुवर दास लगातार पांच बार जमशेदपुर पूर्वी से विधायक रहे हैं। इधर, हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में पराजय से उबरने की कोशिश कर रही भाजपा को कई मोर्चे पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। संगठनात्मक स्तर पर मजबूती बनाए रखने की कड़ी में पार्टी ने निचले स्तर तक सदस्यता अभियान के लिए जोर लगाया है।
सदस्यता अभियान का लक्ष्य भी बड़ा है और यह इस मायने में महत्वपूर्ण है कि क्षेत्रीय दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने सत्ता में शानदार वापसी कर अपने प्रभाव क्षेत्र का विस्तार किया है। नई राजनीतिक परिस्थितियों में पार्टी को राज्य में नेतृत्वकर्ता की तलाश होगी। बता दें कि एक वर्ष पहले रघुवर दास को 18 अक्टूबर 2023 को ओडिशा का राज्यपाल नियुक्त किया गया था।
उन्होंने 31 अक्टूबर, 2023 को पद की शपथ ली थी। इस दौरान उनके बेटे ललित दास के द्वारा ओडिशा राजभवन में किए गए कारनामें की भी गूंज सुनाई देती रही। ललित दास ने ओडिशा राजभवन के अधिकारी की पिटाई कर दी थी। वह इस कारण से कि उन्होंने राज्यपाल के बेटे के मन मुताबिक गाड़ी उपलब्ध नहीं कराई थी।