IAS Radha Raturi: पहली महिला अधिकारी, 18वें मुख्य सचिव के रूप में कार्यभार संभाला, आखिर क्या है मुंबई से रिश्ता, पति भी रहे चुके हैं पुलिस महानिदेशक
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 31, 2024 18:51 IST2024-01-31T18:50:20+5:302024-01-31T18:51:29+5:30
IAS Radha Raturi: अस्सी के दशक की शुरुआत में कॉलेज पत्रिका के संपादकीय बोर्ड में शामिल रही रतूड़ी दो साल तक इसकी संपादक भी रहीं।

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IAS Radha Raturi: भारतीय प्रशासनिक सेवा की वरिष्ठ अधिकारी राधा रतूड़ी बुधवार को उत्तराखंड की पहली महिला मुख्य सचिव बनी। राज्य सचिवालय में रतूड़ी ने सुखबीर सिंह सन्धु से मुख्य सचिव का कार्यभार ग्रहण किया, जिनका कार्यकाल बुधवार को समाप्त हो गया। भारतीय प्रशासनिक सेवा की वर्ष 1988 बैच की अधिकारी रतूड़ी नई जिम्मेदारी संभालने से पहले अपर मुख्य सचिव पद पर तैनात थीं । नवंबर, 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड में शीर्ष प्रशासनिक पद पर पहुंचने वाली रतूड़ी पहली महिला हैं। लंबे प्रशासनिक करियर के दौरान रतूड़ी ने अविभाजित उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों राज्यों में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल चुकी हैं। उत्तराखंड के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब पति—पत्नी दोनों शीर्ष पदों तक पहुंचे हो।
Radha Raturi, 1988 batch IAS officer, takes charge as the 18th Chief Secretary of Uttarakhand pic.twitter.com/X55Y71p9cD
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 31, 2024
उनके पति अनिल रतूड़ी भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रहे हैं, जो प्रदेश में पुलिस महानिदेशक की जिम्मेदारी संभालने के बाद नवंबर 2020 में सेवानिवृत्त हुए थे। छात्र जीवन से लिखने का शौक रखने वाली रतूड़ी ने पहले पत्रकारिता में हाथ आजमाया। अस्सी के दशक की शुरुआत में कॉलेज पत्रिका के संपादकीय बोर्ड में शामिल रही रतूड़ी दो साल तक इसकी संपादक भी रहीं।
मुंबई से वर्ष 1985 में इतिहास में स्नातक की उपाधि लेने के बाद रतूड़ी ने जन संचार का कोर्स किया तथा थोड़े समय के लिए इंडियन एक्सप्रेस और इंडिया टुडे में काम किया। रतूड़ी ने संघ लोकसेवा आयोग की तीन बार परीक्षा दी जिसमें हर बार उन्हें सफलता मिली।
पहली बार वह भारतीय सूचना सेवा के लिए चुनी गयीं और उन्हें दिल्ली में तैनाती मिली। उन्होंने 1987 में दूसरी बार फिर परीक्षा दी और भारतीय पुलिस सेवा के लिए चुनी गयी। प्रशिक्षण के लिए वह हैदराबाद गयीं जहां उनकी मुलाकात अपने अनिल रतूड़ी से हुई थी।
पिता के कहने पर 1988 में उन्होंने एक बार फिर परीक्षा दी और इस बार वह भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चुनी गयीं। रतूड़ी को अपने गृह राज्य मध्यप्रदेश का कैडर मिला लेकिन लेकिन शादी के बाद उन्होंने अपना कैडर बदलवाकर उत्तर प्रदेश करवा लिया।