पंजाब, राजस्थान के बाद हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी, भूपेंद्र सिंह हुड्डा समर्थक 19 विधायकों ने कुमारी सैलजा को हटाने की मांग की
By भाषा | Updated: July 2, 2021 20:54 IST2021-07-02T17:38:54+5:302021-07-02T20:54:57+5:30
पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) के नेता ओमप्रकाश चौटाला की जेल से रिहाई के बाद हुड्डा गुट अपनी सक्रियता बढ़ाने की कोशिश में है।

किसान आंदोलन और पार्टी को मजबूत करने के बारे में भी बात हुई।
नई दिल्लीः कांग्रेस की पंजाब और राजस्थान इकाइयों में कलह की स्थिति अभी थमी भी नहीं है कि पार्टी की हरियाणा इकाई में गुटबाजी बढ़ गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक विधायक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से कुमारी सैलजा को हटाने की पैरवी कर रहे हैं। हरियाणा कांग्रेस के 19 विधायकों ने राज्य में पार्टी के लिए ‘‘मजबूत नेतृत्व’’ की मांग करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को महत्वपूर्ण भूमिका देने की मांग रखी है।
राज्य में पिछले आठ साल से जिला इकाई में पार्टी अध्यक्ष नहीं
नयी दिल्ली में बृहस्पतिवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) में हरियाणा प्रभारी के साथ हुई बैठक में यह सुझाव दिया गया। बैठक में शामिल रहे एक प्रतिभागी ने यह जानकारी दी। राज्य में कांग्रेस के 31 विधायक हैं। विधायकों ने यह मुद्दा भी उठाया कि राज्य में पिछले आठ साल से जिला इकाई में पार्टी अध्यक्ष नहीं हैं।
बैठक के बाद हरियाणा के लिये पार्टी प्रभारी विवेक बंसल ने यहां पत्रकारों से कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय से विधायकों की बैठक नहीं हुई है, ऐसे में उन सभी से राज्य की राजनीतिक स्थिति पर जानकारी लेने और पार्टी के संगठन और आगामी पंचायत चुनाव को लेकर परामर्श मांगा जा रहा है।
हुड्डा को महत्वपूर्ण भूमिका देने का अनुरोध किया
बैठक में शामिल हुए हरियाणा कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि विधायकों ने कहा कि पार्टी को मजबूत बनाने के लिए ‘‘प्रदेश कांग्रेस समिति स्तर पर नेतृत्व में बदलाव’’ किया जाना चाहिए। नेता ने शुक्रवार को कहा, ‘‘यह बताया गया कि राज्य में मजबूत नेतृत्व और शक्तिशाली नेता की जरूरत है, जो राज्य की राजनीतिक स्थितियों को पार्टी के पक्ष में मोड़े।
इसके लिये, हुड्डा को महत्वपूर्ण भूमिका देने का अनुरोध किया गया है।’’ उन्होंने कहा कि और विधायक बैठक में शामिल होते, लेकिन ऐसा नहीं हो सका, क्योंकि वे लोग उपलब्ध नहीं थे। उनमें से एक विधायक ने बृहस्पतिवार को ही कोविड का टीका लगवाया था।
बंसल के साथ विधायकों की बैठक पर हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने शुक्रवार को इस मुद्दे को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा, ‘‘विधायक अपने पार्टी प्रभारी से मिल सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी विधायकों के प्रदेश पार्टी प्रभारी से मिलने और कुछ कहने में मुझे कोई अनुशासनहीनता नजर नहीं आती है। यह उनका अधिकार है।
हरियाणा कांग्रेस में अब नेतृत्व परिवर्तन की जरूरत
बंसल साहब ने बाद में स्पष्ट किया भी कि यह बैठक क्यों हुई।’’ शैलजा ने कहा, ‘‘मुझे ऐसा कभी नहीं लगा कि 19 विधायक प्रदेश पार्टी अध्यक्ष के खिलाफ प्रदेश पार्टी प्रभारी से मिलने जा रहे हैं, नाहीं किसी ने ऐसा कोई बयान दिया और नाहीं कहीं से कोई संकेत मिला है।’’
हालांकि, हुड्डा के समर्थक एक नेता ने कहा, ‘‘हरियाणा कांग्रेस में अब नेतृत्व परिवर्तन की जरूरत है। हमारा मानना है कि हुड्डा जी की अगुवाई में ही भाजपा की सरकार को ज्यादा कारगर ढंग से चुनौती दी जा सकती है और कांग्रेस मजबूत हो सकती है।’’
उधर, सैलजा समर्थक एक नेता का कहना है, ‘‘नेतृत्व परिवर्तन की मांग कोई नयी नहीं है। लेकिन इस सक्रियता (हुड्डा गुट की) का कारण ओमप्रकाश चौटाला की जेल से रिहाई और जाट राजनीति है। सैलजा जी ने अब तक सभी नेताओं और समूहों के साथ संतुलन बनाकर काम किया है।
आगे संगठन बनाने में भी सबकी सुनी जाएगी।’’ कांग्रेस में पिछले कुछ वर्षों से स्थानीय स्तर पर संगठन का निर्माण भी नहीं हो पाया है। सैलजा के करीबी सूत्रों का कहना है कि आने वाले कुछ सप्ताह में सभी 22 जिलों में अध्यक्षों की नियुक्ति हो सकती है।