पंजाब सरकार ने राज्य को नशा मुक्त बनाने के लिए तीन महीने की समय सीमा तय की

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 28, 2025 20:15 IST2025-02-28T20:05:31+5:302025-02-28T20:15:43+5:30

आज यहां पंजाब भवन में पुलिस कमिश्नरों, डिप्टी कमिश्नरों और एसएसपी के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि राज्य सरकार ने नशे के प्रति किसी भी प्रकार की सहानुभूति न रखने की नीति अपनाई है और इस समस्या के खिलाफ व्यापक लड़ाई शुरू कर रही है।

Punjab: Punjab government sets a deadline of three months to make the state drug free | पंजाब सरकार ने राज्य को नशा मुक्त बनाने के लिए तीन महीने की समय सीमा तय की

पंजाब सरकार ने राज्य को नशा मुक्त बनाने के लिए तीन महीने की समय सीमा तय की

Highlightsमुख्यमंत्री के नेतृत्व में उच्च स्तरीय बैठक में नशे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई शुरू करने का निर्णयनशा तस्करों और उनके परिवारों को सरकारी योजनाओं के तहत नहीं मिलेगी सब्सिडीनशे की समस्या से निपटने के लिए बहु-आयामी रणनीति को दिया गया अंतिम रूप

चंडीगढ़: नशे की समस्या के खिलाफ लड़ाई का ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज पुलिस कमिश्नरों, डिप्टी कमिश्नरों और एसएसपी को तीन महीने के भीतर पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने का आदेश दिया। आज यहां पंजाब भवन में पुलिस कमिश्नरों, डिप्टी कमिश्नरों और एसएसपी के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि राज्य सरकार ने नशे के प्रति किसी भी प्रकार की सहानुभूति न रखने की नीति अपनाई है और इस समस्या के खिलाफ व्यापक लड़ाई शुरू कर रही है।

उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस का कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न चुनौतियों से निपटने का लंबा और शानदार इतिहास है। भगवंत सिंह मान ने उम्मीद जताई कि पुलिस अपनी शानदार परंपरा को कायम रखेगी और आम लोगों के सक्रिय सहयोग से राज्य को पूरी तरह नशा मुक्त बनाएगी। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार नशे के मामलों की तेजी से सुनवाई और दोषियों को सजा दिलाने के लिए विशेष फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस नेक कार्य के लिए पुलिस और सिविल प्रशासन को पूरा समर्थन और सहयोग दिया जाएगा।  

मुख्यमंत्री ने स्कूलों और कॉलेजों में नशे की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात कही ताकि हमारे युवा इसकी चपेट में न आएं। उन्होंने नशे की सप्लाई लाइन को पूरी तरह तोड़ने और नशा बेचने वालों को जेल में डालने की बात कही। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि नशा तस्करों और उनके परिवारों को बिजली, पानी और अन्य सुविधाओं में कोई सब्सिडी न दी जाए ताकि अपराधियों से सख्ती से निपटा जा सके। 

उन्होंने कहा कि अगर नशा तस्करों के खिलाफ मिसाल कायम करने के लिए एनडीपीएस एक्ट में किसी और संशोधन की जरूरत पड़ी तो वह इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष उठाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई को जन और सामाजिक आंदोलन में बदलना चाहिए, जिसके लिए अधिकारियों को व्यापक कार्रवाई के लिए उचित योजना बनानी चाहिए।  

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने नारंगवाल गांव का उदाहरण दिया, जहां गुरुवार शाम को नशा तस्कर की अवैध संपत्ति को ध्वस्त कर दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि जिस साझा जमीन पर यह घर बनाया गया था, वहां अब एक लाइब्रेरी बनाई जाएगी।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस जगह से नशा बेचा जाता था, उसे 'ज्ञान का केंद्र' में बदला जाएगा ताकि युवाओं को नशे की समस्या के बारे में जागरूक किया जा सके।  उन्होंने फील्ड अधिकारियों को भरोसा दिलाया कि नशे की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए कार्रवाई के दौरान अधिकारियों को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।  

भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब ने पहले भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जीती थी और अब सभी अधिकारी नशे की समस्या को जड़ से खत्म करने में बड़ी भूमिका निभाएंगे।  मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई को जमीनी स्तर पर ठोस योजना और क्रियान्वयन के माध्यम से जीता जाएगा, जिसके लिए अधिकारियों को सक्रिय भूमिका निभानी होगी। 

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहले ही युवाओं की असीम ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह एक असाधारण लड़ाई है और सरकार को विशेष रूप से प्रत्येक अधिकारी को पारंपरिक विचारों से हटकर कार्यान्वित करने और आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है।  

मुख्यमंत्री ने पुलिस कमिश्नरों और एसएसपी से कहा कि उनके अधिकार क्षेत्र में तीन महीनों के भीतर नशे की उपस्थिति पूरी तरह समाप्त होनी चाहिए। एक महीने बाद प्रत्येक एसएसपी द्वारा जिले में नशा विरोधी कार्यक्रम की प्रगति का मूल्यांकन किया जाएगा और प्रदर्शन न दिखाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

उन्होंने कहा कि नशा तस्करों के खिलाफ मामले दर्ज किए जाने चाहिए, जिसके लिए एएनटीएफ द्वारा पहले ही सूची प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बड़ी/मध्यम मात्रा में नशे की बरामदगी के मामलों में गिरफ्तार दोषियों की जमानत रद्द करने में पूरी कोशिश की जाए। 
 
मुख्यमंत्री ने एनडीपीएस मामलों में समय पर चार्जशीट पेश करने पर भी जोर दिया। उन्होंने एनडीपीएस मामलों में कैमिकल रिपोर्ट भी समय पर पेश करने को कहा। उन्होंने कहा कि जिले में नशे की ओवरडोज के सभी मामलों में व्यापक जांच और कार्रवाई की जानी चाहिए। 

भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि नशे की आपूर्ति को रोकने के लिए दिन-रात वाहनों की सख्ती से जांच सुनिश्चित की जानी चाहिए। एक अन्य मुद्दे को उठाते हुए मुख्यमंत्री ने नशे की खपत या नशे को बढ़ावा देने में शामिल पुलिस कर्मियों के खिलाफ मिसाल कायम करने वाली कार्रवाई करने के आदेश दिए। 

इसी दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा तस्करी के दोषियों की संपत्ति तुरंत प्रभाव से जब्त की जानी चाहिए और व्यावसायिक मात्रा वाले नशे की बरामदगी वाले मामलों में संपत्ति को 100 प्रतिशत जब्त कर लिया जाना चाहिए। इस दौरान भगवंत सिंह मान ने कहा कि व्यावसायिक उद्देश्य वाले नशे की बरामदगी वाले मामलों में अवैध संपत्तियों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया जाना चाहिए।
  
मुख्यमंत्री ने पुलिस कमिश्नरों और एसएसपीज से कहा कि नशे से अधिक प्रभावित स्थानों (हॉटस्पॉट) की गहराई से पहचान की जानी चाहिए और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा हर पखवाड़े प्रत्येक प्रभावित क्षेत्र में और हर सप्ताह जेलों में घेराबंदी और तलाशी अभियान (सीएएसओ) चलाया जाना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में दिन-रात व्यापक स्तर पर सख्ती से अभियान चलाया जाना चाहिए, जिसमें नशीले पदार्थों की बरामदगी पर ध्यान केंद्रित किया जाए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यदि कोई नशा तस्कर पुलिस के साथ दुर्व्यवहार करता है तो उसके साथ बहुत सख्ती से निपटा जाना चाहिए।
  
मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों, पुलिस कमिश्नरों और एसएसपी को नशा छुड़ाने और रोकथाम की रणनीतियों को लागू करने के लिए आपसी तालमेल से काम करने के लिए कहा। उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों से सभी नशा छुड़ाने और पुनर्वास केंद्रों और ओओएटी केंद्रों का सरकारी और निजी, दोनों का नियमित रूप से निरीक्षण करने के लिए कहा। 

उन्होंने कहा कि इन केंद्रों को आवश्यक मानव शक्ति (मनोचिकित्सक और काउंसलर आदि सहित) और परीक्षण किट, दवाएं, सुरक्षा (सुरक्षा स्टाफ/सीसीटीवी), सफाई और अन्य बुनियादी ढांचे से लैस होना चाहिए। 

भगवंत सिंह मान ने कहा कि डिप्टी कमिश्नरों को मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण उत्पन्न होने वाली आवश्यकताओं के लिए तैयारी करनी चाहिए और केमिस्ट दुकानों की निरंतर जांच सुनिश्चित करनी चाहिए। 

मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों से यह भी कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि एसडीएम/फील्ड अधिकारी नशे के आदी विशेष रूप से नशे की ओवरडोज से मौत के मामले में पीड़ितों के घर जाएं ताकि इस समस्या को समाप्त किया जा सके। 

उन्होंने स्कूल पाठ्यक्रम में नशे की समस्या के खिलाफ पाठ्यक्रम शुरू करने की भी घोषणा की, जिसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। भगवंत सिंह मान ने डिप्टी कमिश्नरों से यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि नशे की ओवरडोज से हुई मौत के प्रत्येक मामले में मुख्यमंत्री राहत कोष से उचित राहत दी जाए।  

मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों को यह भी निर्देश दिया कि नशे के आदी लोगों के परिवारों को आवश्यक सलाह और सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों से व्यापक स्तर पर लोगों तक पहुंचने और जन संपर्क कार्यक्रम शुरू करने के लिए भी कहा। मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों से नशे की समस्या से पूरी तरह छुटकारा पाने के लिए जिला स्तर पर स्कूल शिक्षा, खेल, स्वास्थ्य, रोजगार और कौशल विकास विभागों में आपसी तालमेल स्थापित करने के लिए कहा। 

डिप्टी कमिश्नरों को सार्वजनिक बैठकों, शिविरों, सेमिनारों, साइकिल रैलियों, मानव श्रृंखलाओं, खेल आयोजनों, कौशल विकास कार्यक्रमों के रूप में हर महीने जन संपर्क कार्यक्रम सुनिश्चित करने के लिए कहा। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा, अमन अरोड़ा, डॉ. बलबीर सिंह, तरुणप्रीत सिंह सौंद और लालजीत सिंह भुल्लर भी उपस्थित थे।

Web Title: Punjab: Punjab government sets a deadline of three months to make the state drug free

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