पंजाब कांग्रेसः सीएम अमरिंदर सिंह के खिलाफ फिर से बगावत, 4 मंत्री और 26 विधायकों ने मोर्चा खोला, सोनिया गांधी से मिलने की तैयारी
By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 24, 2021 15:27 IST2021-08-24T15:01:04+5:302021-08-24T15:27:01+5:30
पंजाब कांग्रेस का हालः मंत्रियों में तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, चरणजीत सिंह चन्नी और सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ विधायक शामिल हुए।

विधायकों और मंत्रियों के क्षेत्रों में कई बड़े प्रशासनिक फेरबदल किए गए और उनके पसंदीदा अधिकारियों का तबादला किया गया।
चंडीगढ़ः पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच जारी खींचतान अभी खत्म होती नहीं दिख रही है। सिद्धू खेमे के 26 विधायकों और 4 कैबिनेट मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
विधायक नई दिल्ली में पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी से मिलने की तैयारी कर रहे हैं। रणनीति बनाने के लिए कम से कम 26 विधायक और 3 कैबिनेट मंत्री पंजाब के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजेंद्र सिंह बाजवा के घर पर इकट्ठा हुए थे।
सूत्रों के मुताबिक इन विधायकों और कैबिनेट मंत्रियों ने सिद्धू के राज्याभिषेक के दौरान उनका खुलकर समर्थन किया था। सिद्धू से उनकी नजदीकी के कारण आरोप लगाया जा रहा है कि इन विधायकों और मंत्रियों के क्षेत्रों में कई बड़े प्रशासनिक फेरबदल किए गए और उनके पसंदीदा अधिकारियों का तबादला किया गया। राज्य सरकार ने कई विकास कार्यों को भी रोक दिया था।
मंत्रियों में तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, चरणजीत सिंह चन्नी और सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ विधायक शामिल हुए। इनमें प्रमुख हैं- कुलदीप सिंह वैद, सुरजीत सिंह धीमान, अमरिंदर सिंह राजा वारिंग, अवतार सिंह हेनरी जूनियर, हरजोत कमल, अमरीक सिंह, संतोख सिंह, परमिंदर सिंह पिंकी, मदन लाल जालापुर, गुरकीरत सिंह कोटली, लखवीर सिंह लाखा, दविंदर घुबाया, प्रीतम सिंह कोटभाई, कुलबीर सिंह जीरा, दर्शन बराड़, दलवीर सिंह गोल्डी, परगट सिंह, काका रणदीप सिंह, अंगद सिंह।
Punjab | A delegation of five leaders including
— ANI (@ANI) August 24, 2021
four ministers -Tript Bajwa, Sukhjinder Singh Randhawa, Sukhbinder Singh Sarkaria, Charanjit Channi and MLA Pargat Singh to leave for Delhi today to meet Congress interim president Sonia Gandhi
पूर्व में सिद्धू के साथ टकराव की स्थिति में रहने वाले मुख्यमंत्री ने सिद्धू के सलाहकारों पर निशाना साधा। कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के दो सलाहकारों की कथित विवादित टिप्पणियों के कारण पार्टी के भीतर एक नये सिरे से विवाद खड़ा हो गया है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने पार्टी नेतृत्व से इस पर आत्ममंथन करने का आग्रह किया कि क्या ऐसे लोगों को पार्टी में होना चाहिए, जो जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं मानते और जिनका रुझान पाकिस्तान समर्थक है। दूसरी तरफ, कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि इन लोगों की नियुक्तियां पार्टी ने नहीं की हैं, लेकिन अगर वो दोषी पाये गए तो उचित कार्रवाई होगी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री तिवारी ने ट्वीट किया, ‘‘मैं कांग्रेस महासचिव एवं पंजाब के प्रभारी हरीश रावत से आग्रह करता हूं कि इसको लेकर गंभीरता से आत्ममंथन करें कि जो जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं मानते और जिनका स्पष्ट रूप से पाकिस्तान समर्थक रुझान है, क्या उन्हें कांग्रेस की पंजाब इकाई का हिस्सा होना चाहिए?’’
तिवारी ने यह दावा भी किया कि यह उन सभी लोगों का मजाक है, जिन्होंने भारत के लिए अपना खून बहाया है।’’ सिद्धू के दो सलाहकारों प्यारे लाल गर्ग और मलविंदर सिंह माली की कथित टिप्पणियों को लेकर नया विवाद खड़ा हुआ। गर्ग ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह द्वारा की गई पाकिस्तान की आलोचना पर सवाल उठाया था।
दूसरी तरफ, माली ने संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के मुद्दे पर बात की थी, जिसके तहत तत्कालीन राज्य जम्मू-कश्मीर को एक विशेष दर्जा मिला हुआ था। उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि अगर कश्मीर भारत का हिस्सा था तो धारा 370 और 35ए हटाने की क्या जरूरत थी। उनकी ओर से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बारे में भी कथित तौर पर आपत्तजिनक टिप्पणी की गई है।
रावत ने इन टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘मेरी सिद्धू जी से बात हुई है। उनकी ओर से जानकारी दी गई है कि इनकी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। फिर भी मैं अपने स्तर से इसकी जांच करूंगा और अगर ये लोग दोषी पाये जाते हैं तो उचित कार्रवाई की जाएगी... इनको दंडित किया जाएगा।’’
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया, ‘‘ये सलाहकार कांग्रेस द्वारा नियुक्त नहीं किये गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने इन्हें अपने स्तर से नियुक्त किया है। अगर ऐसा कोई व्यक्ति निजी राय जाहिर करता है तो इससे पार्टी का क्या संबंध है? इसके बाद भी हम इसकी जांच करा रहे हैं।’’
रावत ने जोर देकर कहा, ‘‘कांग्रेस का हमेशा से यही रुख रहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और पाकिस्तान के साथ उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को लेकर ही बातचीत हो सकती है।’’ खबर है कि सिद्धू ने अपने इन दोनों सलाहकारों को तलब किया और उनकी कथित विवादित टिप्पणियों को लेकर उनसे स्पष्टीकरण मांगा। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इन कथित टिप्पणियों को लेकर रविवार को सिद्धू से कहा कि वह अपने सलाहकारों को काबू में रखें।