चंडीगढ़ः पंजाब के मंत्री फौजा सिंह सरारी ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। आप सूत्र ने जानकारी दी। जबरन वसूली के एक मामले में नाम आने के महीनों बाद पंजाब के बागवानी मंत्री सरारी ने शनिवार को मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के तुरंत बाद आम आदमी पार्टी सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार करने का फैसला किया है।
सरकार के सूत्रों का कहना है कि विस्तार आज दोपहर होगा और पंजाब के राज्यपाल से पहले ही समय मांगा जा चुका है। हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि सरारी की जगह किसे चुना जाएगा। संकेत हैं कि सरारी की जगह या तो पटियाला (ग्रामीण) के विधायक डॉ. बलबीर सिंह या जगरांव की विधायक सरवजीत कौर माणूके को लिया जाएगा।
कुछ महीने पहले एक ऑडियो क्लिप सामने आई थी जिसमें वह कथित तौर पर ‘‘पैसा वसूली के लिए कोई सौदा पक्का’’ करते सुनाई देते हैं। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख प्रवक्ता मलविंदर सिंह ने बताया कि सरारी ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पंजाब में विपक्षी दल ऑडियो क्लिप को लेकर सरारी को बर्खास्त एवं गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। हालांकि सरारी ने अपने विरुद्ध लगे आरोपों को खारिज किया है।
उल्लेखनीय है कि मंत्रिपरिषद में तीन पद रिक्त थे। सरारी के इस्तीफे के साथ ही रिक्तियां चार हो गई हैं। केवल नौ महीनों में सरारी आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्रिमंडल से हटाए जाने वाले दूसरे मंत्री बन गए। इससे पहले डॉक्टर विजय सिंगला को कथित भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था।
जुलाई में मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए सरारी को मंत्री के रूप में चुना गया था। सितंबर में एक ऑडियो क्लिप वायरल हुई, जिसमें मंत्री को कथित तौर पर खाद्यान्न ट्रांसपोर्टरों को फंसाने के लिए जबरन वसूली की योजना पर चर्चा करते सुना गया था। ऑडियो क्लिप को उनके करीबी सहयोगी तरसेम लाल कपूर ने लीक किया था।
सरारी ने हमेशा कहा है कि ऑडियो क्लिप से छेड़छाड़ की गई है। समझा जाता है कि सराय ने आज सुबह अपना इस्तीफा सौंप दिया। इससे पहले, उन्हें मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा नोटिस दिया गया था, जो आम आदमी पार्टी के राज्य प्रमुख भी हैं। सरारी ने नोटिस का जवाब नहीं दिया था।