पंजाब कांग्रेसः 'क्या आप कृषि कानूनों पर कुछ करने जा रहे हैं', नवजोत सिंह सिद्धू ने अमरिंदर सिंह को दी चुनौती
By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 13, 2021 14:34 IST2021-08-13T14:26:15+5:302021-08-13T14:34:38+5:30
Punjab Congress: कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने लोकसभा सदस्य अमर सिंह और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा सहित चार सलाहकार नियुक्त किए थे।

कांग्रेस के सभी विधायक किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ फैसला लेने के लिए आगे आएंगे।
Punjab Congress: पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को खुलेआम चुनौती देते हुए कहा कि क्या वह तीन कृषि कानूनों के बारे में कुछ करने जा रहे हैं।
सिद्धू ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अगर कैप्टन तीन कानूनों के बारे में कुछ करने में विफल रहते हैं तो कांग्रेस के सभी विधायक किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ फैसला लेने के लिए आगे आएंगे। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सिद्धू की पदोन्नति के सभी विरोधों को खारिज करते हुए चार कार्यकारी अध्यक्षों के साथ पंजाब इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया था।
क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों को "अवैध और असंवैधानिक" बताते हुए कहा कि उन्हें राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। सिद्धू ने तीन काले कानूनों को भारत के संघीय ढांचे पर हमला करार दिया। उन्होंने कहा कि हम इन तीन कृषि कानूनों को पंजाब में लागू नहीं होने देंगे।
पंजाब में सत्ता की रस्साकशी के बीच कांग्रेस नेता हरीश रावत चंडीगढ़ का दौरा करेंगे
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिदद्धू के बीच चल रही रस्साकशी के मद्देनजर पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत के अगले हफ्ते चंडीगढ़ आने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि सोनिया गांधी ने पंजाब सरकार और पार्टी की प्रदेश इकाई को साथ मिलकर काम करने की सलाह दी थी। सोनिया ने रावत से यह सुनिश्चित करने को भी कहा है कि सिंह और सिद्धू अपनी-अपनी सीमाओं में रह कर काम करें, लेकिन एक-दूसरे का सहयोग करें। सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात की थी और उनहें पार्टी आलाकमान के 18 सूत्री एजेंडा पर हुई प्रगति से अवगत कराया था।
समझा जाता है कि उन्होंने सिद्धू द्वारा राज्य सरकार को लगातार निशाना बनाये जाने के बारे में भी पार्टी अध्यक्ष को बताया था। क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने मादक पदार्थों पर विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की रिपोर्ट पर कार्रवाई में ‘‘विलंब’’ को लेकर सोमवार को पंजाब में अपनी ही पार्टी की सरकार पर निशाना साधा था।
सिद्धू, पार्टी आलाकमान के 18 सूत्री एजेंडा को लागू करने पर जोर देते आ रहे हैं। इसमें 2015 में गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी पर कार्रवाई, मादक पदार्थों के बड़े तस्करों की गिरफ्तारी तथा केंद्र के नये कृषि कानूनों को खारिज किया जाना शामिल है। सिंह के कड़े विरोध के बावजूद सिद्धू को पिछले महीने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
रावत का चंडीगढ़ दौरा आने वाले दिनों में पंजाब मंत्रिमंडल में होने वाले संभावित फेरबदल के मद्देनजर भी मायने रखता है। राज्य मंत्रिमंडल में एक पद खाली है। यह 2019 में सिद्धू के मंत्री के तौर पर इस्तीफा देने से खाली हुआ था।
सूत्रों ने बताया कि दलित समुदाय से आने वाले विधायक राज कुमार वेरका और पंजाब विधानसभा अध्यक्ष राणा के. पी. सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। समझा जाता है कि बुधवार को सिद्धू द्वारा नियुक्त किये गये चार सलाहकारों में शामिल भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा ने पंजाब कांग्रेस प्रमुख के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
मुस्तफा, पंजाब में कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना के पति हैं। मुस्तफा ने अन्य आईपीएस अधिकारियों के साथ, 2019 में अमरिंदर सिंह नीत सरकार द्वारा आईपीएस अधिकारी दिनकर गुप्ता को पुलिस महानिदेशक नियुक्त किये जाने के फैसले को चुनौती दी थी।