चंडीगढ़: पंजाब में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव हैं पर राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कांग्रेस को मंगलवार को बड़ा झटका पार्टी के विधायक खेल मंत्री रहे गुरमीत सिंह सोढ़ी ने दिया। उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़ते हुए भाजपा का दामन थामने की घोषणा कर दी।
कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी माने जाने वाले सोढ़ी उनके कार्यकाल में कैबिनेट में मंत्री थे। हालांकि चरणजीत सिंह चन्नी के कुर्सी संभालने के बाद नए कैबिनेट में उन्हें जगह नहीं दी गई थी।
सोढ़ी ने ट्विटर पर साझा किए अपने इस्तीफे में कहा कि वह पार्टी में लगातार कलह से बहुत आहत हैं। उन्होंने लिखा, 'यह पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है और साथ ही राज्य और सरकार के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर रहा है। मैं वर्तमान स्थिति में घुटन और असहाय महसूस कर रहा हूं, खासकर जब पार्टी ने राज्य की सुरक्षा और सांप्रदायिक सद्भाव को दांव पर लगा दिया है।'
उन्होंने लिखा, 'पंजाब में शांति बहाल करने के लिए कार्रवाई करने की बजाय कांग्रेस नेतृत्व व्यक्तिगत लाभ के लिए सीमावर्ती राज्य को नुकसान पहुंचाने पर तुली हुई है।'
गुरमीत सिंह सोढ़ी 2002 से हैं विधायक
67 साल के सोढ़ी 1973 से सक्रिय राजनीति में हैं और कांग्रेस के बड़े नेताओं में उनका नाम शुमार रहा है। वे पहली बार 2002 में फिरोजपुर के हर सहाई विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे और इसके बाद लगातार 2007, 2012 और 2017 में भी विधायक चुने गए।
बहरहाल, सोढ़ी का यह कदम कैप्टन अमरिंदर के इस दावे के बीच आया है कि कई कांग्रेसी नेता उनके संपर्क में हैं और चुनावों से ठीक पहले पाला बदलेंगे। अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस ने आगामी चुनाव के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया है।
हाल ही में अमरिंदर सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव में उनके लिए प्रचार करें। अमरिंदर पंजाब सीएम की कुर्सी जाने के बाद लगातार कांग्रेस की आलोचना करते रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि वह उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड चुनावों में भाजपा के लिए प्रचार करेंगे।