राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) शुक्रवार सुबह पुलवामा आतंकी हमले की जाँच में जम्मू-कश्मीर पुलिस के लिए मदद के लिए पहुँचेगी। गुरुवार दोपहर हुए इस हमले में 42 सीआरपीएफ जवान शहीद हो चुके हैं।
हमले में 40 से ज्यादा जवान घायल हैं जिनमें से आधे से ज्यादा की हालत नाजुक बतायी जा रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल पूरे हालात पर करीबी नजर बनाए रखे हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अजीत डोभाल से फोन पर पुलवामा हमले के बाद चर्चा की।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी शुक्रवार को श्रीनगर पहुँच रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि सीआरपीएफ के जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।
यह आतंकवादी हमला तब हुआ जब सीआरपीएफ के गाड़ियों का काफिल जम्मू से श्रीनगर जा रहा था। इस काफिले में करीब 70 गाड़ियाँ थीं जिनमें 2500 से ज्यादा जवान थे।
आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरी कार सीआरपीएफ के काफिले में टकरा दी जिसमें सीआरपीएफ की एक बस के परखच्चे उड़ गये। इस बस में 44 जवान सवार थे जिनमें से 42 मारे गये।
आत्मघाटी हमले के बाद आतंकवादियों ने सीआरपीएफ का काफिले पर गोलीबारी शुरू कर दी जिसमें 40 से ज्यादा जवान घायल हो गये। घायल जवानों में से आधे से ज्यादा की हालात नाजुक बतायी जा रही है।
पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। जैश-ए-मोहम्मद ने हमले के बाद एक वीडियो जारी करके अली अहमद डार नामक आतंकी को फिदायीन हमलावर बताते हुए हमले के लिए जिम्मेदार बताया।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है। पुलवामा हमले को सीआरपीएफ पर किया गया सबसे बड़ा आतंकी हमला बताया जा रहा है। इससे पहले सितंबर 2016 में हुए आतंकी हमले में 19 जवान शहीद हुए थे।