पुलवामा हमला: छुट्टियों में घर लौट रहे थे सीआरपीएफ के जवान, 44 हुए शहीद, उरी के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 14, 2019 09:34 PM2019-02-14T21:34:57+5:302019-02-14T21:34:57+5:30

पुलवामा हमले की जाँच कर रही पुलिस ने आत्मघाती हमला करने वाले वाहन को चलाने वाले आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है। उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था।

pulwama attack detail all you want to know about biggest terror attack after uri attack | पुलवामा हमला: छुट्टियों में घर लौट रहे थे सीआरपीएफ के जवान, 44 हुए शहीद, उरी के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला

पुलवामा हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है।

Highlightsप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।एनएसए अजीत डोभाल पूरे घटनाक्रम पर करीबी नजर बनाए हुए हैं। एनएसए ने पीएम और होम मिनिस्टर से मामले पर चर्चा की है।एनआईए का जाँच दल फोरेंसिक एक्सपर्ट के साथ शुक्रवार सुबह कश्मीर पहुँचेंगा।

 जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में बृहस्पतिवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक भीषण फिदायिन हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गये और कई अन्य बुरी तरह घायल हो गये। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। 

अधिकारियों के अनुसार जैश के आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस को टक्कर मार दी, जिसमें कम से कम 44 जवान शहीद हो गये। यह 2016 में हुए उरी हमले के बाद सबसे भीषण आतंकवादी हमला है।

केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2500 से अधिक कर्मी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे। इनमें से अधिकतर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद अपनी ड्यूटी पर लौट रहे थे। जम्मू कश्मीर राजमार्ग पर अवंतिपोरा इलाके में लाटूमोड पर इस काफिले पर अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे घात लगाकर हमला किया गया।

पुलिस ने आत्मघाती हमला करने वाले वाहन को चलाने वाले आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है। उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था।

मौके पर मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि आत्मघाती हमलावर उस वाहन को चला रहा था जिसमें 100 किग्रा विस्फोट रखा हुआ था। वह गलत दिशा में वाहन चला रहा था और उसने जिस बस पर सीधी टक्कर मारी उसमें 39 से 44 सुरक्षा कर्मी यात्रा कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘बस में कोई जीवित नहीं बचा।’’ 

अधिकारियों ने बताया कि सीआरपीएफ के 44 कर्मी शहीद हुए हैं और कुछ अन्य की हालत गंभीर है। उन्होंने घायल हुए लोगों की सही संख्या बताने से इंकार कर दिया।

सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई भाषा को दिल्ली में बताया, ‘‘शव इतनी बुरी तरह क्षत-विक्षत हो चुके हैं कि चिकित्सकों के लिए हताहतों की वास्तविक संख्या बताना बहुत कठिन हो रहा है।’’ 

उन्होंने बताया कि आतंकवादी संगठन ने इस घटना की जिम्मेदारी ली है। यह हमला श्रीनगर से करीब 30 किलोमीटर दूर हुआ है।

धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आस पास क्षत-विक्षत शवों को बिखरे देखा जा सकता है।

सीआरपीएफ के महानिदेशक आर आर भटनागर ने पीटीआई भाषा को बताया, ‘‘यह एक विशाल काफिला था तथा करीब 2500 सुरक्षाकर्मी विभिन्न वाहनों में जा रहे थे। काफिले पर कुछ गोलियां भी चलायी गयी।’’ 

यह काफिला जम्मू से तड़के साढ़े तीन बजे चला था और माना जा रहा था कि इसे सूर्यास्त तक श्रीनगर पहुंचना था। 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह तथा विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं ने सीआरपीएफ जवानों पर फिदायिन हमले की कड़ी भर्त्सना करते हुए इसे कायराना कृत्य बताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने साथ ही यह भी कहा है कि हमारे वीर सुरक्षा कर्मियों का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा । 

राष्ट्रपति कोविंद ने एक बयान में इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि पूरा देश आतंकवाद एवं बुरी ताकतों के खिलाफ लड़ाई में एकजुट खड़ा है। उन्होंने इस हमले में घायल जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

प्रधानमंत्री मोदी ने हमले के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह और वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सीआरपीएफ कर्मियों पर हमला घृणित कृत्य है। ‘‘ मैं इस कायराना हमले की कड़ी निंदा करता हूं । ’’ 

मोदी ने कहा, ‘‘ हमारे वीर सुरक्षा कर्मियों का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा ।’’ 

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से बातचीत की और सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकवादियों के घातक हमले के बाद की राज्य की स्थिति का जायजा लिया।

सिंह ने ट्वीट कर कहा, ‘‘(जम्मू कश्मीर के) पुलवामा में सीआरपीएफ पर आज का कायराना हमला बहुत ही पीड़ाजनक और विचलित कर देने वाला है। मैं सीआरपीएफ के हर उस जवान को नमन करता हूं जिसने देश की सेवा में अपनी जान कुर्बान की है।’’ 

गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू ने भी ट्वीट कर कहा कि जिम्मेदार लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा और “हर मुमकिन तरीके” से इसका बदला लिया जाएगा। 

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, बसपा प्रमुख मायावती, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती तथा नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने इस आतंकी हमले की कड़ी भर्त्सना की है। 

अधिकारियों ने बताया कि घाटी लौट रहे कर्मियों की संख्या अधिक थी क्योंकि राजमार्ग पर पिछले दो-तीन दिन से खराब मौसम और अन्य प्रशासनिक कारणों से कोई आवाजाही नहीं हो रही थी। 

आम तौर पर काफिले में करीब 1000 कर्मी चलते हैं किंतु इस बार कर्मियों की कुल संख्या 2547 थी। 

अधिकारियों ने बताया कि सड़क पर मार्ग को परखने के लिए एक दल को तैनात किया गया था और काफिले में आतंक निरोधक बख्तरबंद वाहन मौजूद थे। 

फारेंसिक एवं बम विश्लेषक दल मौके पर पहुंच गये हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड का एक दल शुक्रवार को कश्मीर के लिए रवाना होगा ताकि जांच में मदद की जा सके।

अधिकारियों ने बताया कि हमले के केन्द्र में रही बस बल की 76वीं बटालियन की थी और उसमें 39 कर्मी सवार थे। 

कश्मीर घाटी में सीआरपीएफ के महानिरीक्षक (अभियान) जुल्फिकार हसन ने इसे वाहन से किया गया हमला करार दिया और कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने मामले की जांच अपने हाथ में ली है।

जम्मू कश्मीर विधानसभा पर 2001 में हुए आत्मघाती कार बम हमले के बाद इस तरह का यह दूसरा हमला है। इससे पहले वाले हमले में तीन आत्मघाती हमलावर सहित 41 लोग मारे गये थे।

सितंबर 2016 में उरी सैन्य अड्डे पर जैश आतंकवादियों के हमले में सेना के 18 जवान शहीद हुए थे और कई अन्य घायल हो गये थे। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की थी।

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