देवेंद्र फड़नवीस दोबारा बने CM, राज्यपाल कोश्यारी ने 30 नवंबर को बहुमत साबित करने को कहा, जानें सत्ता का समीकरण
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 23, 2019 11:31 AM2019-11-23T11:31:54+5:302019-11-23T11:31:54+5:30
महाराष्ट्र में बीजेपी के 105 विधायक हैं, अजीत पवार को एनसीपी तोड़ने के लिए 36 विधायकों की जरूरत पड़ेगी।
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के तौर पर एक बार फिर भाजपा के देवेंद्र फड़नवीस की वापसी के साथ ही महीने भर से चल रहे राजनीतिक गतिरोध का नाटकीय रूप से अंत हो गया। शरद पवार के भतीजे नेता अजित पवार ने राज भवन में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने यहां सुबह करीब साढ़े सात बजे एक समारोह में दोनों को शपथ दिलायी। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फड़नवीस को 30 नवंबर तक बहुमत साबित करने का समय दिया है।
पार्टी का नाम | कितनी सीटों पर मिली जीत (कुल 288 सीटें) |
भारतीय जनता पार्टी | 105 |
शिवसेना | 56 |
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी | 54 |
इंडियन नेशनल कांग्रेस | 44 |
निर्दलीय | 13 |
बहुजन विकास अघाड़ी | 03 |
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन | 02 |
प्रहर जनशक्ती पक्ष | 02 |
समाजवादी पार्टी | 02 |
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट) | 01 |
जन सुराज्य शक्ति | 01 |
क्रांतिकारी शेतकरी पार्टी | 01 |
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना | 01 |
राष्ट्रीय समाज पक्ष | 01 |
स्वाभिमानी पक्ष | 01 |
पीजैन्ट्स एण्ड वर्कर्स पार्टी ऑफ इण्डिया | 01 |
महाराष्ट्र को स्थायी सरकार की जरूरत है न कि ‘खिचड़ी’ सरकार की-फड़नवीस
शिवसेना पर पिछले महीने विधानसभा चुनाव में लोगों के जनादेश का अपमान करने का आरोप लगाते हुए फड़नवीस ने कहा, ‘‘लोगों ने हमें स्पष्ट जनादेश दिया था लेकिन शिवसेना ने नतीजों के बाद अन्य दलों के साथ गठबंधन करने की कोशिश की जिसके बाद राष्ट्रपति शासन लगा। महाराष्ट्र को स्थायी सरकार की जरूरत है न कि ‘खिचड़ी’ सरकार की।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ने कहा, ‘‘मुझे एक बार फिर लोगों की सेवा करने का मौका देने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और जे पी नड्डा का आभार जताता हूं।’’ उन्होंने कहा कि अजित पवार ने भगवा पार्टी को समर्थन दिया और निर्दलीय विधायकों तथा छोटी पार्टियों के समर्थन के साथ भाजपा ने सरकार बनाने का दावा पेश करने का फैसला किया।
उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद अजित पवार ने कहा, ‘‘24 अक्टूबर को नतीजे आने से लेकर अब तक कोई पार्टी सरकार नहीं बना पा रही थी। महाराष्ट्र में किसानों के मुद्दों समेत कई दिक्कतें थी इसलिए हमने एक स्थायी सरकार बनाने का फैसला किया।’’
उल्लेखनीय है कि राकांपा के शरद पवार ने बृहस्पतिवार रात को कहा था कि राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना में इस बात को लेकर सहमति बन गयी है कि उद्धव ठाकरे नयी सरकार का नेतृत्व करें। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या राकांपा दो फाड़ हो गयी है या सभी 54 विधायकों ने भाजपा का समर्थन किया है।