HRD सचिव से JNU कुलपति के इस्तीफे और हिंसा की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर मिले प्रोफेसर और छात्र
By एसके गुप्ता | Published: January 10, 2020 05:48 AM2020-01-10T05:48:30+5:302020-01-10T05:48:30+5:30
केंद्रीय मानव संसाधन विकास सचिव अमित खरे से गुरूवार को छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी और जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन और जामिया टीचर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों के बाद अब विश्वविद्यालय के प्रोफेसर्स भी कुलपति एम जगदेश कुमार के इस्तीफे की मांग को लेकर अड़ गए हैं। केंद्रीय मानव संसाधन विकास सचिव अमित खरे से गुरूवार को छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी और जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन और जामिया टीचर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की। इन्होने एचआरडी सचिव से दो टूक कहा कि जब तक जेएनयू के कुलपति का इस्तीफा नहीं होता तब तक विश्वविद्यालय में किसी भी प्रकार की निष्पक्ष जांच संभव नहीं है।
जेएनयू कुलपति को हटाए जाने की मांग को लेकर जामिया टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डीके लोबियाल ने अध्यापकों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मानव संसाधन विकास सचिव अमित खरे से मुलाकात की। जेएनयू टीचर्स ने कहा कि उन्होंने मानव संसाधन विकास सचिव के समक्ष स्पष्ट तौर पर जेन्यू कुलपति को तुरंत हटाए जाने की मांग रखी है। टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डीके लोबियाल के मुताबिक उन्होंने मंत्रालय के सचिव को बताया कि अब कुलपति एवं जगदीश कुमार के रहते विश्वविद्यालय में किसी प्रकार की जांच संभव नहीं है टीचर्स का कहना है कि विश्वविद्यालय में घोर असुरक्षा का माहौल है। छात्रों और अध्यापकों दोनों को ही कुलपति पर विश्वास नहीं है।
जेएनयू टीचर्स का यह भी कहना है की 5 जनवरी की शाम जेएनयू में हुई हिंसा में कुलपति की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन ने गुरुवार को मंत्रालय के बाहर आयोजित छात्र के प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया। इन टीचर्स का कहना है की कुलपति ने समय रहते ना तो पुलिस को हिंसा की सूचना दी और ना ही पुलिस ने सूचना मिलने के उपरांत तुरंत कार्यवाही की। जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डी के लोबियाल का कहना है कि जब स्वयं कुलपति की स्थिति संदेहजनक है तो भला वह कैसे किसी की जांच करवा सकते हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जेएनयू अध्यापकों की शिकायत पर फिलहाल किसी कार्रवाई का आश्वासन नहीं दिया है। मंत्रालय ने जेएनयू में छात्रों की हड़ताल व अन्य विवादों पर अध्यापकों को मिल बैठकर चर्चा करने की राय दी है।