हिन्दी के प्रसिद्ध दक्षिण भारतीय विद्वान प्रो. मन्नार वेंकटेश का निधन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 16, 2022 11:34 IST2022-05-15T12:35:51+5:302022-05-16T11:34:49+5:30

प्रोफेसर मन्नार वेंकटेश अंग्रेजी और विदेशी भाषा विश्वविद्यालय (इफ्लू), हैदराबाद के हिन्दी के पूर्व अध्यक्ष और उस्मानिया विश्वविद्यालय के पूर्व परीक्षा नियंत्रक थे। हिंदी कथा साहित्य के स्कॉलर होने के साथ ही वह भारतीय और विश्व सिनेमा के बारे में गहरी जानकारी रखते थे और इन विषयों पर उन्होंने किताबें भी लिखी हैं।

professor mannar venkatesh south india hindi scholar | हिन्दी के प्रसिद्ध दक्षिण भारतीय विद्वान प्रो. मन्नार वेंकटेश का निधन

प्रोफेसर मन्नार वेंकटेश. (फोटो साभार: प्रो. अमरनाथ)

Highlightsवह भारतीय और विश्व सिनेमा के बारे में गहरी जानकारी रखते थे।हिंदी सिनेमा के साथ ही उन्होंने हॉलीवुड की अनेक फिल्मों की समीक्षाएं लिखी हैं।उनकी दो पुस्तकें पिछले महीने ही प्रकाशित हुईं।

नई दिल्ली: दक्षिण भारत में हिंदी के विद्वान माने जाने वाले प्रोफेसर मन्नार वेंकटेश का शनिवार को हैदराबाद में निधन हो गया। इफ्लू के हिन्दी विभाग की डा. प्रियदर्शिनी नारायण ने उनके निधन की जानकारी दी।

प्रोफेसर वेंकटेश अंग्रेजी और विदेशी भाषा विश्वविद्यालय (इफ्लू), हैदराबाद के हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष और उस्मानिया विश्वविद्यालय के पूर्व परीक्षा नियंत्रक थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटी हैं जो कि कोलकाता में रहती हैं।

हिंदी कथा साहित्य के स्कॉलर होने के साथ ही वह भारतीय और विश्व सिनेमा के बारे में गहरी जानकारी रखते थे और इन विषयों पर उन्होंने किताबें भी लिखी हैं। उनकी दो पुस्तकें ‘भारतीय सिनेमा : विविध परिदृश्य’ तथा ‘विश्व साहित्य और हॉलीवुड’ पिछले महीने ही प्रकाशित हुईं।

हिंदी सिनेमा के साथ ही उन्होंने ‘बेन-हर’, ‘स्पार्टाकस’, ‘जूलियस सीजर’, ‘वुदरिंग हॉइट्स’, ‘अन्ना केरेनीना’, ‘वार एंड पीस’, ‘गुड अर्थ’, ‘टेस ऑफ डर्बर विले’, ‘फार फ्राम द मैडिंग क्राउड’, ‘टेल ऑफ टू सिटीज’, ‘ग्रेट एक्सपेक्टेशंस’, ‘ब्रदर्स कारमाजोव’, ‘लेडी चेटरलीज लवर’, ‘पिक्चर आफ डोरयन ग्रे’ आदि कालजयी कृतियों पर बनी हॉलीवुड की अनेक फिल्मों की समीक्षाएं लिखी हैं।

जामिया हिन्दी विभाग के अध्यक्ष चंद्रदेव यादव ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा है कि वेंकटेश जी दक्षिण भारत के हिन्दी के बड़े विद्वान थे। हिन्दी कथा साहित्य के वे स्कालर थे। विश्व सिनेमा में उनका अच्छा दखल था। वेंकटेश जी के जाने से हिन्दी जगत की अपूरणीय क्षति हुई है। अंतेवासी के लिए मेरी विनम्र श्रद्धांजलि।

इसके साथ ही वेंकटेश के बेहद करीबी मित्र कलकत्ता यूनिवर्सिटी में हिंदी के प्रोफेसर अमरनाथ ने उनके जीवन की उपलब्धियों को याद करते हुए भावुक श्रद्धांजलि दी है।

Web Title: professor mannar venkatesh south india hindi scholar

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे