कैट का आरोपः अमेज़न और फ्लिपकार्ट पर जीएसटी की कम वसूली कर पहुंचा जा रहा है सरकारी खजाने को नुकसान

By भाषा | Updated: October 29, 2019 06:06 IST2019-10-29T06:06:18+5:302019-10-29T06:06:18+5:30

कैट ने वित्त मंत्री से इन कंपनियों के कारोबारी मॉडल की जांच करने का आग्रह किया है। संगठन ने कहा है की यह जांच जब से देश में जीएसटी लागू किया गया है तब से होनी चाहिए।

Probe business models of Amazon, Flipkart as deep discounts causing GST loss, CAIT asks Nirmala Sitharaman | कैट का आरोपः अमेज़न और फ्लिपकार्ट पर जीएसटी की कम वसूली कर पहुंचा जा रहा है सरकारी खजाने को नुकसान

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Highlightsव्यापारियों के अखिल भारतीय संगठन कैट ने एक बार फिर आनलाइन कारोबार मंच उपलब्ध कराने वाली ई- वाणिज्य कंपनियों पर निशाना साधा है।कैट ने इस बार इन कंपनियों, खासतौर से अमेजन और फ्लिपकार्ट पर, उनके मंचों के जरिये बेचे जा रहे उत्पादों पर उनकी वास्तविक कीमत से कम दाम पर जीएसटी वसूलकर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है।

व्यापारियों के अखिल भारतीय संगठन कैट ने एक बार फिर आनलाइन कारोबार मंच उपलब्ध कराने वाली ई- वाणिज्य कंपनियों पर निशाना साधा है। कैट ने इस बार इन कंपनियों, खासतौर से अमेजन और फ्लिपकार्ट पर, उनके मंचों के जरिये बेचे जा रहे उत्पादों पर उनकी वास्तविक कीमत से कम दाम पर जीएसटी वसूलकर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है।

कैट की यहां जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है। कैट ने इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र भेजकर इन कंपनियों की शिकायत की है और वित्त मंत्री से इनके कारोबारी तौर- तरीकों की जांच करने की मांग की है।

कैट का आरोप है कि ये कंपनियां अपने पोर्टल के जरिये 10 प्रतिशत से लेकर 80 प्रतिशत की भारी छूट पर सामान बेचतीं हैं और घटे दाम पर ही सरकार को माल एवं सेवाकर (जीएसटी) का भुगतान भी करतीं हैं जिससे कि सरकार को राजस्व का भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि कैट ने इसी तरह के पत्र केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को भी भेजे हैं। व्यापारियों के संगठन कॉन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने वित्त मंत्री को भेजे पत्र में आरोप लगाया है कि दोनों ई-कॉमर्स कंपनियां लागत से भी काफी कम मूल्य पर माल बेचकर गहरी छूट दे रहीं हैं।

इन कंपनियों की यह कारगुजारी सरकार की एफडीआई नीति के खिलाफ है। इसमें उत्पादों के मूल्य उनके वास्तविक बाजार मूल्य से काफी नीचे रखकर सरकार को जीएसटी दिया जा रहा है। जबकि सरकार को उत्पादों के वास्तविक बाज़ार मूल्य पर जीएसटी मिलना चाहिए।

कैट ने वित्त मंत्री से इन कंपनियों के कारोबारी मॉडल की जांच करने का आग्रह किया है। संगठन ने कहा है की यह जांच जब से देश में जीएसटी लागू किया गया है तब से होनी चाहिए। इस दौरान जितने भी मूल्य का माल इनके पोर्टल पर भारी छूट देकर बिका है उसके वास्तविक बाजार मूल्य के हिसाब से सरकार को जीएसटी लेना चाहिए।

कैट का कहना है कि जीएसटी अधिनियम के तहत सरकार के पास उत्पादों के वास्तविक बाजार मूल्य को निर्धारित करने का अधिकार है! कैट ने कहा कि यदि यह व्यापार के सामान्य व्यवहार में दी जाने वाली छूट है, तो यह स्वीकार्य है लेकिन कीमतों को कृत्रिम रूप से कम करना और फिर उसपर जीएसटी लगाना एक ऐसा मामला है, जिस पर सरकार को तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। इस मामले में तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिये।

Web Title: Probe business models of Amazon, Flipkart as deep discounts causing GST loss, CAIT asks Nirmala Sitharaman

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