निजी प्रयोगशालाएं के पास कोरोना वायरस की मुफ्त में जांच के लिए नहीं है कोई साधन

By भाषा | Published: April 10, 2020 04:41 PM2020-04-10T16:41:03+5:302020-04-10T16:41:03+5:30

कोरोना वायरस की जांच करने वाली निजी प्रयोगशालाओं के पास मुफ्त में इलाज करने के लिए कोई साधन नहीं है। हाई कोर्ट के ऑडर के बाद प्रयोगशालाओं ने उम्मीद जताई है कि सरकार “तौर-तरीके बताएगी” जिससे वे देश में बढ़ती मांग के बीच जांच का काम जारी रख सकें।

Private laboratories do not have any facilities for free coronavirus test | निजी प्रयोगशालाएं के पास कोरोना वायरस की मुफ्त में जांच के लिए नहीं है कोई साधन

निजी प्रयोगशालाएं के पास कोरोना वायरस की मुफ्त में जांच के लिए नहीं है कोई साधन (Photo-social media)

Highlightsकोरोना वायरस की जांच करने वाली निजी प्रयोगशालाओं के पास मुफ्त में इलाज करने के लिए कोई साधन नहीं है।उच्चतम न्यायालय ने निजी प्रयोगशालाओं को कोरोना वायरस की जांच मुफ्त में करने के निर्देश दिए थे।

नयी दिल्लीः  उच्चतम न्यायालय द्वारा निजी प्रयोगशालाओं को कोरोना वायरस की जांच मुफ्त में करने का निर्देश दिये जाने के बाद कई प्रयोगशालाओं ने उम्मीद जताई है कि सरकार “तौर-तरीके बताएगी” जिससे वे देश में बढ़ती मांग के बीच जांच का काम जारी रख सकें।

कुछ निजी प्रयोगशालाओं के मालिकों ने यह भी कहा है कि उनके पास मुफ्त में यह महंगी जांच करने के लिये “साधन नहीं” हैं। डॉ. डैंग्स लैब के सीईओ डॉक्टर अर्जुन डैंग ने कहा, “हम उच्चतम न्यायालय के फैसले को स्वीकार करते हैं जिसका उद्देश्य कोविड-19 जांच की पहुंच बढ़ाने और इस आम आदमी के लिये वहनीय बनाना है।

” उन्होंने दलील दी हालांकि निजी प्रयोगशालाओं के लिये कई चीजों की लागत तय है जिनमें अभिकर्मकों (रीएजेंट्स), उपभोग की वस्तुओं, कुशल कामगारों और उपकरणों के रखरखाव शामिल है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की जांच में भी संक्रमण नियंत्रण के कई उपाय करने पड़ते हैं जैसे व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, संक्रामक परिवहन तंत्र और साफ-सफाई की जरूरत। साथ ही हर वक्त कर्मचारियों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण कदम हैं। डैंग ने कहा, “सरकार द्वारा तय 4500 रुपये की दर में निजी प्रयोगशालाएं बमुश्किल लागत निकाल पाती हैं।

इसे ध्यान में रखते हुए हमें उम्मीद है कि सरकार कुछ तौर-तरीके लेकर आएगी जिससे निजी प्रयोगशालाओं में जांच का काम चलता रहे।” डैंग ने कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले का पालन करते हुए हम अभी जांच मुफ्त कर रहे हैं और इस बारे में सरकार की तरफ से चीजों को और स्पष्ट किये जाने का इंतजार है। डैंग की बातों से सहमति व्यक्त करते हुए थायरोकेयर टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. ए वेलुमनी ने कहा, “निजी प्रयोगशालाओं के पास यह मंहगी जांच मुफ्त करने का साधन नहीं है।” उन्होंने कहा, “यह सरकार का कर्तव्य है कि वह लागत का भुगतान करे, हम बिना लाभ के काम करेंगे।” वेलुमनी ने कहा कि अदालत ने अपने आदेश में संकेत दिया था, “सरकार को कोई रास्ता तलाशना चाहिए और हम निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं।

” उन्होंने कहा, “सरकार अगर मदद नहीं करती है तो यह कोविड-19 से निपटने की दिशा में बड़ा झटका होगा।” गरीबों को बड़ी राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को अपने फैसले में निजी प्रयोगशालाओं को निर्देश दिया था कि उन्हें मुफ्त में कोरोना वायरस की जांच करनी चाहिए और मुश्किल की इस घड़ी में परोपकारी रुख अपनाना चाहिए। सरकार ने कोरोना वायरस की जांच और पुष्टि परीक्षण के लिये 4500 रुपये कीमत तय की थी। शीर्ष अदालत ने सरकार से तुरंत इस दिशा में निर्देश जारी करने को भी कहा था।

अदालत ने केंद्र की इस दलील को भी ध्यान में रखा था कि सरकारी प्रयोगशालाओं में यह जांच मुफ्त की जा रही है। फैसले के एक दिन बाद बायोकॉन लिमिटेड की अध्यक्ष किरण मजूमदार शॉ ने गुरुवार को कहा था कि उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करना “अव्यवहारिक” है और चिंता व्यक्त की थी कि इससे जांच बंद हो जाएगी क्योंकि निजी प्रयोगशालाएं उधार पर अपना कारोबार नहीं कर सकतीं। मजूमदार-शॉ ने हालांकि अपने बाद के ट्वीट में उच्चतम न्यायालय के आदेश को लेकर विरोधाभासी रुख व्यक्त किया था। उन्होंने ट्वीट किया, “उद्देश्य मानवीय लेकिन लागू करने में अव्यवहारिक-मुझे डर है कि जांच कम हो जाएगी।” भाषा प्रशांत पवनेश पवनेश

 

Web Title: Private laboratories do not have any facilities for free coronavirus test

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे