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Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव 21 जुलाई को, आरिफ मोहम्मद खान, अमिताभ बच्चन, द्रौपदी मुर्मू और अनुसूईया उइके के नाम की चर्चा, सोशल मीडिया पर वायरल, देखें लिस्ट

By भाषा | Updated: June 9, 2022 18:39 IST

Presidential Election 2022:  लोकसभा और राज्यसभा के साथ-साथ कई राज्य विधानसभाओं में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संख्या बल को देखते हुए केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी आगामी चुनाव में अपने उम्मीदवार की जीत आसानी से सुनिश्चित करने की स्थिति में है।

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ठळक मुद्देकेरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से लेकर फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन तक शामिल हैं। रतन टाटा और कुछ ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के नाम भी सुझाए हैं।आरिफ मोहम्मद खान भारत के राष्ट्रपति पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार हैं।

Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव की तारीख के ऐलान के साथ ही बृहस्पतिवार को इस शीर्ष संवैधानिक पद के योग्य उम्मीदवारों को लेकर राजनीतिक हलकों से लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हो गई।

इन चर्चाओं, विशेषकर सोशल मीडिया में उम्मीदवार के रूप में जिन नेताओं या हस्तियों के नाम की चर्चा सबसे अधिक उनमें केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से लेकर फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन तक शामिल हैं। ट्विटर पर कुछ लोगों ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में मूल रूप से ओड़िशा की रहने वाली दो बार की विधायक व एक बार राज्यमंत्री के रूप में कार्य कर चुकीं और झारखंड की पहली महिला राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसूईया उइके तो कुछ ने रतन टाटा और कुछ ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के नाम भी सुझाए हैं।

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सोमनाथ भारती ने विश्वसनीय सूत्रों का हवाला देते हुए दावा किया कि खान इस पद के लिए सबसे मजबूत दावेदारों में शुमार हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि केरल के वर्तमान राज्यपाल जनाब आरिफ मोहम्मद खान भारत के राष्ट्रपति पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार हैं। यह विश्वास करने लायक भी है।

असामाजिक तत्वों के कारण भारत विरोधी धारणा जो दुनिया भर में निर्मित हो रही है, नरेंद्र मोदी जी उसकी काट ढूंढ़ रहे हैं।’’ निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि अगला राष्ट्रपति निर्वाचित करने के लिए चुनाव 18 जुलाई को होगा तथा मतगणना 21 जुलाई को होगी।

इस चुनाव में सांसदों और विधायकों वाले निर्वाचक मंडल के 4,809 सदस्य मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उत्तराधिकारी का चुनाव करेंगे। लोकसभा और राज्यसभा के साथ-साथ कई राज्य विधानसभाओं में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संख्या बल को देखते हुए केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी आगामी चुनाव में अपने उम्मीदवार की जीत आसानी से सुनिश्चित करने की स्थिति में है।

भाजपा में अभी तक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर कोई औपचारिक चर्चा भी आरंभ नहीं हुई है। हालांकि, इस बारे में जब एक भाजपा नेता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसे फैसले भाजपा की संसदीय बोर्ड में लिए जाते हैं और फिर उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी दलों में आम राय बनाई जाती है।

उन्होंने कहा, ‘‘सोशल मीडिया पर भले ही कई नामों की चर्चा हो लेकिन भाजपा में इस बारे में कोई चर्चा नहीं हुई है। पिछले राष्ट्रपति चुनाव में भी आप लोगों ने देखा होगा क्या हुआ था... मोदी जी के फैसले अक्सर चौंकाने वाले होते हैं।’’ पिछला राष्ट्रपति चुनाव 2017 में 17 जुलाई को हुआ था और मतगणना 20 जुलाई को हुई थी।

कोविंद ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और विपक्षी दलों की उम्मीदवार मीरा कुमार को लगभग 3,34,730 मूल्य के मतों से हराया था। कोविंद की उम्मीदवारी की घोषणा से पहले राजनीतिक गलियारों में कई नामों की चर्चा जोरों पर थी लेकिन जब तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद उनके नाम की घोषणा की थी तो सभी आश्चर्य में पड़ गए थे।

बहरहाल, चुनाव की तारीख के ऐलान के साथ ही ट्विटर पर आम लोगों ने अनुमान लगाने के साथ ही योग्य उम्मीदवारों के नाम सुझाने आरंभ कर दिए। चुनाव की घोषणा के कुछ घंटे के भीतर ही आरिफ मोहम्मद खान का नाम भारत में ट्विटर पर 10 शीर्ष में ट्रेंड करने लगा।

ट्विटर उपयोगकर्ता रिटायर्ड मेजर अमित बंसल ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘निजी तौर पर मेरा मानना है कि राष्ट्रपति पद के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार आरिफ मोहम्मद खान हैं। मैं उन्हीं के शहर से आता हूं और उन्हें जानता हूं, इसलिए दावे के साथ कह सकता हूं। भारत उनकी रगों में दौड़ता है। भारत उनके दिमाग में छाया रहता है और वह एक सच्चे देशभक्त हैं, जो देश को नयी ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।’’

कुछ ट्विटर उपयोगकर्ता ने यहां तक लिखा कि खान को राष्ट्रपति बनाया जाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक और ‘‘मास्टर स्ट्रोक’’ होगा। ऐसे ही एक उपयोगकर्ता ने लिखा कि इससे भाजपा पर मुस्लिम विरोधी होने की छवि में सुधार आएगा और पैगंबर मोहम्मद को लेकर हाल ही में भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा की गई टिप्पणी से दुनिया भर में उपजी नाराजगी को बहुत हद तक कम किया जा सकेगा। 

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